बदायूं: जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब डोर-टू-डोर सर्वे करवाकर खांसी, जुकाम के पेशेंट खोजे जा रहे हैं. शासन से आई गाइडलाइन के बाद बदायूं में स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना से संक्रमित लोगों को ढूंढने के लिए डोर-टू-डोर सर्वे का कार्य शुरू करवा दिया है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा यह कार्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में किया जा रहा है. इस कार्य का प्रमुख उद्देश्य ऐसे लोगों के बारे में जानकारी एकत्रित करना है.
जिले में शासन से आई गाइडलाइन के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग ने डोर-टू-डोर सर्वे का कार्य जोर शोर के साथ शुरू कर दिया है. लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा बाहर से आए लोगों के बारे में डोर-टू-डोर जाकर जानकारियां आशा वर्कर तथा एएनएम द्वारा एकत्रित की जा रही हैं. यह कार्यकर्ता घर-घर जाकर घरों में रहने वाले लोगों का विस्तृत डाटा अपने रजिस्टर में नोट कर रहे हैं. साथ ही बाहर से आने वाले लोगों के बारे में जानकारियां संकलित कर रहे हैं. इसके अलावा यह भी जानकारी लेते हैं कि परिवार में कोई किसी भी प्रकार की बीमारी से ग्रसित मरीज तो नहीं है. यह सारी जानकारियां इनके द्वारा स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करवाई जाती हैं. सरकार द्वारा यह पूरी कवायद कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए एक कारगर कदम है. इस सर्वे के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग उन लोगों के बारे में जानकारी एकत्रित कर सकता है, जो किसी बीमारी से संक्रमित हैं.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा डोर-टू-डोर सर्वे के कार्य में लगी महिला कर्मचारी का कहना है कि हम लोग घर-घर जाकर बाहर से आए लोगों के बारे में और परिवार में रहने वाले सदस्यों के बारे में जानकारियां एकत्रित कर रहे हैं. यह कार्य स्वास्थ विभाग द्वारा करवाया जा रहा है. अगर कोई संक्रमित व्यक्ति है तो इसकी जानकारी हम जाकर स्वास्थ्य विभाग को देते हैं. सभी लोगों का डाटा रजिस्टर में दर्ज किया जा रहा है.
जिलाधिकारी कुमार प्रशांत का कहना है कि राज्य सरकार की तरफ से एक गाइडलाइन जारी हुई है जिसमें कहा गया है कि कोविड-19 को लेकर बृहद परीक्षण किए जाएं. इसी को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशा तथा एएनएम को प्रशिक्षण देकर उनसे डोर टू डोर सर्वे करवाया जा रहा है अगर उन्हें कोई संक्रमित व्यक्ति मिलता है तो उसकी जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग को बताएं यह सर्वे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में किया जा रहा है.