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सुलतानपुरः वन माफियाओं के चंगुल में कत्थे का जंगल

जिले में वन माफियाओं की सक्रियता लगातार बढ़ रही है. जिससे बेशकीमती कत्थे के पेड़ों की कटान हो रही है. वहीं बेपरावाह प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है.

बढ़ती जा रही जंगल की कटान.
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Published : Jul 2, 2019, 2:53 PM IST

सुलतानपुर: जिले में कत्था का बड़ा प्राकृतिक जंगल है. 3-4 किलोमीटर परिधि का ये जंगल जिले को खास बनता है, लेकिन 10 हजार के कठे पेड़ों का ये जंगल अफसरों की नाकामी की भेंट चढ़ गया है. वन माफिया धीरे-धीरे इसकी अस्मिता खत्म करते जा रहे हैं, लेकिन अधिकारी हाथ पर धरे बैठें हुए हैं.

बढ़ती जा रही जंगल की कटान.

बढ़ती जा रही जंगल की कटान

  • सुलतानपुर जिला मुख्यालय से लगभग 28 किलोमीटर की दूरी पर शाहपुर जंगल है.
  • शाहपुर के बीच में कत्थे का जंगल संरक्षित किया गया है.
  • इसकी निगरानी शासन की तरफ से वन विभाग को सौंपी गई है.
  • कहने को तो केंद्र सरकार की तरफ से इसकी मॉनिटरिंग बीच-बीच में की जाती है.
  • कई बार वन माफियाओं की तरफ से जंगल की अवैध कटान की बातें सामने आई.
  • उच्चस्तरीय जांच कराई गई, लेकिन मामला थोड़े ही दिन में रफा-दफा कर दिया गया.

क्षेत्राधिकारी लंभुआ कहते हैं कि दिन के अलग प्रहरी रखे गए हैं. रात के अलग प्रहरी तैनात किए गए हैं. अवैध कटान हो, ऐसा हो नहीं सकता है. सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है. पूरी निगरानी की जाती है.

सुलतानपुर: जिले में कत्था का बड़ा प्राकृतिक जंगल है. 3-4 किलोमीटर परिधि का ये जंगल जिले को खास बनता है, लेकिन 10 हजार के कठे पेड़ों का ये जंगल अफसरों की नाकामी की भेंट चढ़ गया है. वन माफिया धीरे-धीरे इसकी अस्मिता खत्म करते जा रहे हैं, लेकिन अधिकारी हाथ पर धरे बैठें हुए हैं.

बढ़ती जा रही जंगल की कटान.

बढ़ती जा रही जंगल की कटान

  • सुलतानपुर जिला मुख्यालय से लगभग 28 किलोमीटर की दूरी पर शाहपुर जंगल है.
  • शाहपुर के बीच में कत्थे का जंगल संरक्षित किया गया है.
  • इसकी निगरानी शासन की तरफ से वन विभाग को सौंपी गई है.
  • कहने को तो केंद्र सरकार की तरफ से इसकी मॉनिटरिंग बीच-बीच में की जाती है.
  • कई बार वन माफियाओं की तरफ से जंगल की अवैध कटान की बातें सामने आई.
  • उच्चस्तरीय जांच कराई गई, लेकिन मामला थोड़े ही दिन में रफा-दफा कर दिया गया.

क्षेत्राधिकारी लंभुआ कहते हैं कि दिन के अलग प्रहरी रखे गए हैं. रात के अलग प्रहरी तैनात किए गए हैं. अवैध कटान हो, ऐसा हो नहीं सकता है. सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है. पूरी निगरानी की जाती है.

Intro:एक्सक्लुसिव स्टोरी
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शीर्षक : ऐसे सुलतानपुर में वन माफिया कत्थे का जंगल का मिटा रहे नामोनिशान।



बहुत कम लोग जानते हैं कि सुल्तानपुर में कत्था का बडा परकृतिक जंगल है। 3 से 4 किलोमीटर परिधि का यह जंगल सुल्तानपुर को अन्य जिलों से खास बनाता है। लेकिन लगभग 10,000 कठे के पेड़ों का यह जंगल अफसरों की नाकामी की भेंट चढ़ गया है । वन माफिया धीरे-धीरे इसकी अस्मिता नष्ट करते जा रहे हैं। कत्थे के पेड़ काटे जा रहे हैं और अफसर हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं। संसाधनों का रोना रोना जा रहा है। गार्डों की तैनाती का हवाला देकर जिम्मेदारी से अफसर बच रहे हैं।


Body:वीओ : सुल्तानपुर जिला मुख्यालय से लगभग 28 किलोमीटर की दूरी पर यह शाहपुर का जंगल है। जिसके बीच में कत्थे का जंगल संरक्षित किया गया है। इसकी निगरानी शासन की तरफ से वन विभाग को सौंपी गई है। कहने को तो केंद्र सरकार की तरफ से इसकी मॉनिटरिंग बीच-बीच में की जाती है। लेकिन असल व्यवस्था कुछ जुदा ही है। अफसर आते हैं, मौज मस्ती करते हैं और निगरानी के नाम पर सुविधाएं लेते हुए निकल जाते हैं। यह मानना है यहां के स्थानीय लोगों का।

वाइस ओवर : कई बार वन माफियाओं की तरफ से जंगल की अवैध कटान की बातें सामने आई। उच्चस्तरीय जांच कराई गई। लेकिन मामला थोड़े ही दिन में रफा-दफा कर दिया जाता है और जानकारी के बावजूद प्रकरण से अफसर अनभिज्ञ बने रहते हैं।


Conclusion:बाइट : क्षेत्राधिकारी लंभुआ कहते हैं कि दिन के अलग प्रहरी रखे गए हैं। रात के अलग प्रहरी तैनात किए गए हैं । अवैध कटान हो ऐसा हो नहीं सकता है । सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। पूरी निगरानी की जाती है। क्षेत्राधिकारी लंभुआ ने अवैध कटान होने की बात से फिलहाल पल्ला झाड़ा है।



आशुतोष मिश्रा, सुल्तानपुर , 94 15049 256
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