सुलतानपुरः जिले में महिला जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व शिकायतकर्ता के बीच बुधवार को जमकर नोक-झोंक हुई. मामला शहर स्थित लाला का पुरवा में संचालित नेशलन गर्ल्स जूनियर हाईस्कूल से जुड़ा है. शिकायतकर्ता का आरोप है कि यहां कि प्रिंसिपल तसनीम फातिमा की नियुक्ति फर्जी अभिलेखों के आधार पर हुई है, जिसे बीएसए बचाने में जुटी हैं. शिकायतकर्ता पर दबाव बनाने के लिए बीएसए ने तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है.
सात वर्षों से कर रही नौकरी
शिकायतकर्ता सुरेश प्रताप सिंह का आरोप है कि 'प्रिंसिपल तसनीम फातिमा ने वर्ष 2015 में हुई थी. नियुक्ति के समय जो प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए वो सेवा नियमावली के अनुरूप नहीं थे. बावजूद इसके प्रबंधक मोहम्मद शमीम ने सांठ-गांठ कर नियुक्ति कर डाला. प्रिंसिपल को हर महीने मोटा वेतन मिलने लगा. हमने बेसिक शिक्षा निदेशक के यहां पूरे मामले की लिखित शिकायत कर दी'.
डीएम की जांच में आरोपों की हुई पुष्टि
शासन ने डीएम सुलतानपुर को प्रिंसिपल के खिलाफ जांच के आदेश दिए, जिस पर उन्होंने मुख्य राजस्व अधिकारी को जांच सौंपा. जांच हुई तो लगे आरोप सत्य पाये गये. इस पर डीएम ने बीएसए को स्कूल प्रबंधक व प्रिंसिपल के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिये, जिसे बीएसए ने ठंडे बस्ते में डाल दिया. वहीं, बेसिक शिक्षा निदेशक लखनऊ ने वेतन वसूली और विधिक कार्रवाई के आदेश भी दिए, जिसे जिला बेसिक शिक्षाधिकारी द्वारा अमल में नहीं लाया गया.
कोतवाल ने समझा-बुझाकर मामला किया शांत
इस बात से नाराज सुरेश बीएसए दीपिका चुतुर्वेदी से मिलने पहुंचे. उन्होंने प्रिंसिपल तसनीम फातिमा पर कार्यवाही से परहेज पर सवाल किया तो वो भड़क गईं. इसके बाद दोनों पक्ष कोतवाली नगर पहुंचे, जहां कोतवाल राम आशीष उपाध्याय ने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर मामला शांत करवाया.
नगर कोतवाल राम आशीष उपाध्याय ने बताया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी की तरफ से तहरीर प्राप्त हुई है. तहरीर मिलने पर आवश्यक विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
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