सुलतानपुर: इंस्पेक्टर नीशू तोमर मामले में DGP के हाईकोर्ट में तलब होने के बाद पुलिस NBW लेने की फिराक में थी. हेबियस कार्पस मामले में CO सिटी सुल्तानपुर कोर्ट पहुंचे, लेकिन जिला सत्र न्यायालय ने उनकी याचिका को सुनवाई योग्य नहीं समझा और उन्हें वापस लौटना पड़ा.
मामला महिला थाने से लापता इंस्पेक्टर नीशू तोमर (Inspector Nishu Tomar missing in Sultanpur) का है. उनकी पत्नी कुसुम ने हाईकोर्ट में हेबीयस कार्पस रिट दायर कर रखा है. जिसमें डीजीपी को हाईकोर्ट ने तलब किया है. 7 दिसंबर को उन्हें एफिडेविट फाइल करने के आदेश दिए गए हैं. इस क्रम में एसपी सोमेन वर्मा के निर्देश पर पुलिस टीम लापता इंस्पेक्टर की तलाश में जुटी गई है. 22 सितंबर से लापता इंस्पेक्टर का अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है.
तत्कालीन महिला थानाध्यक्ष मीरा कुशवाहा की कस्टडी से इंस्पेक्टर लापता हो गए थे. इसी के चलते बीते दिनों हाईकोर्ट में महिला थानाध्यक्ष तत्कालीन मीरा कुशवाहा और सीओ सिटी राघवेंद्र चतुर्वेदी भी तलब हो चुके हैं. हाईकोर्ट ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए इंस्पेक्टर की पत्नी की याचिका (Heavius Corpus Writ in Sultanpur court) को स्वीकार किया और 7 दिसंबर को पूरी जानकारी देने को पुलिस को आदेश दिया है. इस मामले में मीरा कुशवाहा पद से हटा दी गई हैं.
पढ़ें- पुलिस इंस्पेक्टर मीरा कुशवाहा और सिपाही पर इंस्पेक्टर के अपहरण का केस दर्ज
22 सितंबर को महिला थाना अध्यक्ष मीरा कुशवाहा ने इंस्पेक्टर नीशू तोमर को पूछताछ के लिए बुलाया था. वे तभी से महिला थाने से लापता है और न तो कोर्ट के समक्ष उपस्थित हो रहे हैं और ना ही पुलिस कोई जानकारी ही दे पा रही है. हाईकोर्ट ने डीजीपी को 7 दिसंबर को तलब करते हुए व्यक्तिगत एफिडेविट देने को कहा है. इसी क्रम में सीओ सिटी राघवेंद्र चतुर्वेदी वारंट लेने जिला एवं सत्र न्यायालय आए थे. जानकारी मिलने पर कोर्ट में उनके इस कृत्य का विरोध किया गया. जिस पर न्यायालय ने उन्हें वापस लौटा दिया है. (Wife Filed Heavius Corpus Writ in Sultanpur court)
पढ़ें- बीएसए ऑफिस से पकड़ा गया दूसरा मुन्नाभाई, एरियर भुगतान में कर रहा था सौदेबाजी