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सुलतानपुर: मनरेगा के तहत होगा जल संरक्षण, सुधरेगी कुओं की हालत - sultanpur sichai vibhag

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में 600 से अधिक कुओं का मनरेगा के तहत जीर्णोद्धार किया जाएगा. प्रशासन ने इन कुओं के संरक्षण एवं सुरक्षा के लिए मनरेगा से जोड़ने का निर्णय लिया है. कुओं को संरक्षण और पुराना स्वरूप देने के लिए राजस्व विभाग को दिशा निर्देश दिए गए हैं.

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अब मनरेगा के तहत कुओं का होगा जीर्णोद्धार
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Published : Dec 4, 2019, 5:04 PM IST

सुलतानपुर: राजस्व विभाग के आंकड़ों की माने तो 600 से अधिक ऐसे जल संस्थान हैं, जिसमें आधे से अधिक कुएं पट चुके हैं और कुछ अपने अस्तित्व को खोने के कगार पर पहुंच गए हैं. जो बचे हुए हैं वह इतने जर्जर हैं कि उनसे पानी निकासी की प्रक्रिया खत्म हो चुकी है. खराब हो चुके जलाशय और कुओं के संरक्षण के लिए प्रशासन आगे आया है. अब इसके लिए राजस्व विभाग को निर्देश दिए गए हैं.

अब मनरेगा के तहत कुओं का होगा जीर्णोद्धार.

जानें बैठक की खास बातें

  • अस्तित्व खो रहे लगभग 600 से अधिक कुओं को अब जीवनदान मिलने जा रहा है.
  • प्रशासन ने इन कुओं को संरक्षण और सुरक्षा देने के लिए मनरेगा से जोड़ने का निर्णय लिया है.
  • इनके संरक्षण और पुराने स्वरूप को देने के लिए राजस्व विभाग को दिशा-निर्देश दिए गए हैं.
  • बाढ़ और सूखे के समय इन सभी जल संस्थानों की विशेष उपयोगिता होती है.
  • इन सभी तालाब स्वरूपों को चिह्नित करने की प्रक्रिया जिलाधिकारी के निर्देश पर शुरू की गई है.
  • राजस्व विभाग के अधिकारियों की बैठक में कुओं के संरक्षण पर चर्चा की गई.
  • संरक्षण के लिए मनरेगा के बजट से धन आवंटित किया जाएगा, साथ ही मजदूरों को रोजगार मिलेगा.

जिलाधिकारी की बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व समेत राजस्व विभाग के आला अफसर शामिल हुए. उपजिलाधिकारी और राजस्व निरीक्षकों को इस बाबत दिशा-निर्देश दिए गए हैं. विकास विभाग के ग्राम पंचायत अधिकारियों को मनरेगा के बजट से सहयोग करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही जिला अधिकारी इसकी मॉनिटरिंग करेंगी.

सुलतानपुर: राजस्व विभाग के आंकड़ों की माने तो 600 से अधिक ऐसे जल संस्थान हैं, जिसमें आधे से अधिक कुएं पट चुके हैं और कुछ अपने अस्तित्व को खोने के कगार पर पहुंच गए हैं. जो बचे हुए हैं वह इतने जर्जर हैं कि उनसे पानी निकासी की प्रक्रिया खत्म हो चुकी है. खराब हो चुके जलाशय और कुओं के संरक्षण के लिए प्रशासन आगे आया है. अब इसके लिए राजस्व विभाग को निर्देश दिए गए हैं.

अब मनरेगा के तहत कुओं का होगा जीर्णोद्धार.

जानें बैठक की खास बातें

  • अस्तित्व खो रहे लगभग 600 से अधिक कुओं को अब जीवनदान मिलने जा रहा है.
  • प्रशासन ने इन कुओं को संरक्षण और सुरक्षा देने के लिए मनरेगा से जोड़ने का निर्णय लिया है.
  • इनके संरक्षण और पुराने स्वरूप को देने के लिए राजस्व विभाग को दिशा-निर्देश दिए गए हैं.
  • बाढ़ और सूखे के समय इन सभी जल संस्थानों की विशेष उपयोगिता होती है.
  • इन सभी तालाब स्वरूपों को चिह्नित करने की प्रक्रिया जिलाधिकारी के निर्देश पर शुरू की गई है.
  • राजस्व विभाग के अधिकारियों की बैठक में कुओं के संरक्षण पर चर्चा की गई.
  • संरक्षण के लिए मनरेगा के बजट से धन आवंटित किया जाएगा, साथ ही मजदूरों को रोजगार मिलेगा.

जिलाधिकारी की बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व समेत राजस्व विभाग के आला अफसर शामिल हुए. उपजिलाधिकारी और राजस्व निरीक्षकों को इस बाबत दिशा-निर्देश दिए गए हैं. विकास विभाग के ग्राम पंचायत अधिकारियों को मनरेगा के बजट से सहयोग करने का निर्देश दिया गया है. साथ ही जिला अधिकारी इसकी मॉनिटरिंग करेंगी.

Intro:स्पेशल स्टोरी
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शीर्षक : जल संरक्षण : सुधरेगी कुओं की सेहत, मनरेगा से होगा जीर्णोद्धार।


एंकर : सुलतानपुर में अस्तित्व खो रहे लगभग 600 से अधिक कुओं को जीवनदान मिलने जा रहा है। प्रशासन ने इन कुओं के संरक्षण एव सुरक्षा के लिए मनरेगा से जोड़ने का निर्णय लिया है। इन सभी तालाब स्वरुपों के चिन्हाकन की प्रक्रिया जिलाधिकारी के निर्देश पर शुरू की गई है। इनके संरक्षण एवं पुराने स्वरूप को देने के लिए राजस्व विभाग को भी दिशा निर्देश दिए गए हैं।


Body:वीओ : राजस्व विभाग के आंकड़ों की माने तो 600 से अधिक सुल्तानपुर में ऐसे जल संस्थान हैं। जो अपने अस्तित्व को खोने के करीब पहुंच गए हैं। आधे से अधिक पट चुके हैं। जो बचे हुए हैं वह इतने जर्जर हैं कि उनसे पानी निकासी की प्रक्रिया खत्म हो गई है। मृत प्राय हो चुके जलाशय व कुंओं के संरक्षण के लिए प्रशासन आगे आया है। अब इसके लिए राजस्व विभाग को चिन्ह आंगन के निर्देश दिए गए हैं।


बाइट : जिला अधिकारी की अनुमति ने राजस्व विभाग के अधिकारियों की बैठक लेते हुए कहा कि इन जल संस्थान कुओं के संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किया जाना है। मनरेगा के बजट से धन आवंटित किया जाएगा। मजदूरों को रोजगार मिलेगा कुए और जला से संरक्षित होंगे। बाढ़ व सूखे के समय एंजेल संस्थानों की विशेष उपयोगिता होती है। गंभीरता से इनके संरक्षण और बचाव के प्रयास किए जा रहे हैं।


Conclusion:वीओ : जिलाधिकारी की बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व समेत राजस्व विभाग के आला अफसर शामिल हुए। उपजिलाधिकारी व राजस्व निरीक्षकों को इस बाबत दिशा निर्देश दिए गए हैं । विकास विभाग के ग्राम पंचायत अधिकारियों को मनरेगा के बजट से सहयोग करने का निर्देश दिया गया है। जिला अधिकारी इसकी मॉनिटरिंग करेंगी।



आशुतोष मिश्रा सुल्तानपुर 94 15049 256
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