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सुलतानपुर में रेप के आरोपी को 20 साल की सजा, दलित किशोरी से घर में घुसकर किया था दुष्कर्म

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Published : Sep 13, 2022, 7:21 AM IST

सुलतानपुर में स्पेशल जज पाक्सो एक्ट ने दलित किशोरी के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. दुष्कर्म की शिकार पीड़िता प्रेग्नेंट हो गई थी. डीएनए टेस्ट के बाद जन्मा बच्चा आरोपी का ही होने की हुई पुष्टि.

रेप के आरोपी को 20 साल की सजा
रेप के आरोपी को 20 साल की सजा

सुलतानपुर: दलित किशोरी की लाचारी का फायदा उठाकर दुष्कर्म कर प्रेग्नेंट करने के मामले में सोमवार को स्पेशल जज पाक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा ने आरोपी को दोषी करार दिया है. अदालत ने 20 वर्ष के कठोर कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.

कूरेभार थाना क्षेत्र के रहने वाले आरोपी अंकित दूबे और उसके अज्ञात साथी के खिलाफ पीड़िता ने कूरेभार थाने और एसपी ऑफिस में सुनवाई न होने पर एससी-एसटी राज्य आयोग लखनऊ के अध्यक्ष से 31 जुलाई 2019 को शिकायत की थी. पीड़िता ने अपने शिकायती पत्र में आरोप लगाया था कि उसके पिता की दो वर्ष पूर्व मृत्यु हो चुकी है. वह पिपरी साईंनाथपुर के रहने वाले आरोपी अंकित दूबे, इंद्रपाल दूबे और अन्य के यहां मजदूरी करती थी. आरोप के मुताबिक, 28 अप्रैल वर्ष 2018 की रात में आरोपी अंकित दूबे और उसके अज्ञात साथी ने उसके घर में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म किया और कहीं शिकायत करने पर उसे जान से मारने की धमकी भी दी.

पीड़िता के मुताबिक, आरोपी अंकित दूबे ने उसकी लाचारी का नाजायज फायदा उठाकर कई बार दुष्कर्म किया. पीड़िता का कहना है कि उसके आगे-पीछे कोई न होने की वजह से उसके साथ ऐसा किया जाता रहा. यहां तक कि बीमार हो जाने पर काम न करने पर अंकित उसे मारता-पीटता भी था और मजदूरी भी नहीं देता था. पीड़िता का आरोप है कि अंकित के दुष्कर्म करने से वह गर्भवती हो गई. इसके बाद आरोपी ने मामला दबाने के लिए पहले उसे शादी करने का झांसा देकर गुमराह किया. बाद में मामला और बढ़ने पर आरोपी की मां ने पीड़िता को गर्भपात कराने की सलाह दी.

फिलहाल, चिकित्सक ने गर्भपात करने से मना कर दिया तो आरोपी पक्ष की मंशा पर पानी फिर गया. पीड़िता की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए एससी-एसटी आयोग ने मामले में मुकदमा दर्ज करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया. इसके बाद 15 सितंबर 2019 को आरोपी अंकित दूबे और एक अज्ञात के खिलाफ गैंगरेप सहित अन्य गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ और आरोपी अंकित को जेल भेजने की कार्यवाही भी की गई. पुलिस अज्ञात में दर्ज आरोपी की तलाश नहीं कर पाई और अकेले अंकित दूबे के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य आरोपों में चार्जशीट दाखिल की.

यह भी पढ़ें: ससुर ने किया बलात्कार, पति ने फोन पर दिया तीन तलाक

मामले में पीड़िता से आरोपी के संपर्क बनाने की वजह से ही एक बच्चा भी पैदा हुआ. बच्चा किसका है इसकी पुष्टि कराने के लिए आरोपी अंकित, पीड़िता और जन्मे बच्चे का सैंपल लेकर डीएनए टेस्ट भी कराया गया. इसके बाद आरोपी के जरिए ही संबंध बनाने की वजह से पीड़िता के बच्चा पैदा होने की पुष्टि भी हुई. इस मामले का विचारण स्पेशल जज पाक्सो एक्ट की अदालत में चला. दोनों पक्षों को सुनने के बाद स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने आरोपी अंकित दूबे को दोषी करार देते हुए उसे 20 वर्ष के कठोर कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.

सुलतानपुर: दलित किशोरी की लाचारी का फायदा उठाकर दुष्कर्म कर प्रेग्नेंट करने के मामले में सोमवार को स्पेशल जज पाक्सो एक्ट पवन कुमार शर्मा ने आरोपी को दोषी करार दिया है. अदालत ने 20 वर्ष के कठोर कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.

कूरेभार थाना क्षेत्र के रहने वाले आरोपी अंकित दूबे और उसके अज्ञात साथी के खिलाफ पीड़िता ने कूरेभार थाने और एसपी ऑफिस में सुनवाई न होने पर एससी-एसटी राज्य आयोग लखनऊ के अध्यक्ष से 31 जुलाई 2019 को शिकायत की थी. पीड़िता ने अपने शिकायती पत्र में आरोप लगाया था कि उसके पिता की दो वर्ष पूर्व मृत्यु हो चुकी है. वह पिपरी साईंनाथपुर के रहने वाले आरोपी अंकित दूबे, इंद्रपाल दूबे और अन्य के यहां मजदूरी करती थी. आरोप के मुताबिक, 28 अप्रैल वर्ष 2018 की रात में आरोपी अंकित दूबे और उसके अज्ञात साथी ने उसके घर में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म किया और कहीं शिकायत करने पर उसे जान से मारने की धमकी भी दी.

पीड़िता के मुताबिक, आरोपी अंकित दूबे ने उसकी लाचारी का नाजायज फायदा उठाकर कई बार दुष्कर्म किया. पीड़िता का कहना है कि उसके आगे-पीछे कोई न होने की वजह से उसके साथ ऐसा किया जाता रहा. यहां तक कि बीमार हो जाने पर काम न करने पर अंकित उसे मारता-पीटता भी था और मजदूरी भी नहीं देता था. पीड़िता का आरोप है कि अंकित के दुष्कर्म करने से वह गर्भवती हो गई. इसके बाद आरोपी ने मामला दबाने के लिए पहले उसे शादी करने का झांसा देकर गुमराह किया. बाद में मामला और बढ़ने पर आरोपी की मां ने पीड़िता को गर्भपात कराने की सलाह दी.

फिलहाल, चिकित्सक ने गर्भपात करने से मना कर दिया तो आरोपी पक्ष की मंशा पर पानी फिर गया. पीड़िता की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए एससी-एसटी आयोग ने मामले में मुकदमा दर्ज करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया. इसके बाद 15 सितंबर 2019 को आरोपी अंकित दूबे और एक अज्ञात के खिलाफ गैंगरेप सहित अन्य गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ और आरोपी अंकित को जेल भेजने की कार्यवाही भी की गई. पुलिस अज्ञात में दर्ज आरोपी की तलाश नहीं कर पाई और अकेले अंकित दूबे के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य आरोपों में चार्जशीट दाखिल की.

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मामले में पीड़िता से आरोपी के संपर्क बनाने की वजह से ही एक बच्चा भी पैदा हुआ. बच्चा किसका है इसकी पुष्टि कराने के लिए आरोपी अंकित, पीड़िता और जन्मे बच्चे का सैंपल लेकर डीएनए टेस्ट भी कराया गया. इसके बाद आरोपी के जरिए ही संबंध बनाने की वजह से पीड़िता के बच्चा पैदा होने की पुष्टि भी हुई. इस मामले का विचारण स्पेशल जज पाक्सो एक्ट की अदालत में चला. दोनों पक्षों को सुनने के बाद स्पेशल जज पवन कुमार शर्मा की अदालत ने आरोपी अंकित दूबे को दोषी करार देते हुए उसे 20 वर्ष के कठोर कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.

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