सुलतानपुरः 30 करोड़ रुपये की योजना पर एक साल से काम चल रहा है लेकिन हालात जस के तस हैं. ये देख सांसद मेनका गांधी (maneka gandhi) गुस्से से भर गईं और डीएम (DM) को तलब कर लिया. बात हो रही है, जिले की सुंदरीकरण योजना की. यह योजना करीब एक साल पहले शुरू हुई थी. अभी तक यह काम पूरा नहीं हो सका है. अब डीएम ने 60 दिन की मोहलत मांगी है.
दरअसल, सुलतानपुर (sultanpur) शहर के मध्य से प्रयाग-अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग और लखनऊ-बलिया हाईवे जाता है. डिवाइडर नहीं होने और रोड संकरा होने से आए दिन जाम लगता है. यह देख मेनका गांधी ने सुधार की पहल की थी. वर्ष 2019 में मेनका गांधी ने इस क्षेत्र के सौंदर्यीकरण योजना की व्यवस्था की. इसके लिए बकायदा राज्य सरकार से अनुमति ली. राज्य सरकार की ओर से ही 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई. यह योजना शुरू होती, इससे पहले ही कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लग गया. लॉकडाउन हटा लेकिन एक साल तक योजना अटकी रही. इसके बाद वर्ष 2020 में प्रदेश सरकार की ओर से 30 करोड़ रुपये भेजे गए. इसके बाद योजना पर काम शुरू हुआ.
इस योजना के तहत प्रयाग-अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग जिसे राम पर गमन मार्ग भी कहते हैं उस पर और लखनऊ-बलिया हाईवे का चौड़ीकरण होना था. यहां पर वन निगम को पेड़ काटते हुए बिजली विभाग को ट्रांसफार्मर और पोल शिफ्टिंग का काम करना था. पीडब्ल्यूडी को यहां पर सड़क चौड़ीकरण का कार्य करते हुए डिवाइडर बनाया जाना स्वीकृत किया गया था. पीडब्ल्यूडी को इस योजना का नोडल विभाग बनाया गया था, जबकि बिजली विभाग और वन विभाग को साथ मिलकर इस योजना को पूरा करना था. यह पूरा प्रोजेक्ट 8.5 किमी का है.
दुखद बात ये है कि 30 करोड़ की योजना बिजली विभाग, वन निगम और पीडब्लूडी के बीच उलझ कर रह गई. खाली स्थानों पर पीडब्ल्यूडी ने खुदाई कर दी. वन विभाग ने वन निगम को 70 लाख ट्रांसफर किए. इस पैसे से वन निगम को पेड़ काटने थे लेकिन अब तक पेड़ नहीं कट सके. यही नहीं, पीडब्ल्यूडी ने 7.5 करोड़ रुपये बिजली विभाग को भी दिए. इससे पोल और ट्रांसफॉर्मर शिफ्ट करने थे, मगर शिफ्टिंग का काम भी अभी तक ज्यों का त्यों पड़ा हुआ है.
जिले की सांसद चार दिवसीय दौरे पर आई हुई हैं. सोमवार को सांसद मेनका गांधी ने सुंदरीकरण योजना का हाल देखा तो सन्न रह गईं. इस योजना पर कोई खास काम नहीं होता दिखा. साल भर बाद भी स्थिति जस की तस देख मेनका गांधी भड़क उठीं. उन्होंने डीएम रवीश गुप्ता को तलब किया. डीएम ने उनसे 60 दिन की मोहलत मांगी है. दावा किया की 60 दिन में काम पूरा हो जाएगा.
सांसद की फटकार के बाद अब आनन-फानन बदलाव किए गए हैं. सीडीओ (मुख्य विकास अधिकारी) अतुल वत्स को इस योजना का नोडल अधिकारी बना दिया गया है. उन्हें जिम्मेदारी दी गई है कि तीनों विभागों को सम्मिलित कर काम कराएं.
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वहीं, मामले में अधिशासी अभियंता धर्मेंद्र अहिरवार ने बताया कि लगभग 8.5 किलोमीटर के तीन मार्ग सौंदर्यीकरण के लिए प्रस्तावित हैं. इसमें जिलाधिकारी कार्यालय से अफीम कोठी का एक मार्ग पूरा किया जा चुका है. 2 पर कार्य प्रगति पर है. 30 करोड़ की योजना है. पोल शिफ्टिंग के साथ 2 माह में कार्य पूरा कर लिया जाएगा. सांसद मेनका जी का निर्देश मिला है. हम बहुत गंभीरता से ले रहे हैं.