सुलतानपुर: युवक का प्राइवेट पार्ट काटने और पीट-पीटकर हत्या का प्रयास करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय अभय श्रीवास्तव की अदालत ने बुधवार को महिला सहित तीन आरोपियों को दोषी करार दिया. अदालत ने तीनों को 10-10 वर्ष के कारावास और 60 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. मामला मोतिगरपुर थाना क्षेत्र से जुड़ा है.
मोतिगरपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले तेज बहादुर सिंह उर्फ तेजा, अनिल सिंह और महिला किस्मतुल निशा के खिलाफ 27 मार्च 2015 की घटना बताते हुए इसी थाना क्षेत्र के रहने वाले अभियोगी गया प्रसाद पांडेय ने गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप के मुताबिक, घटना के दिन गया प्रसाद पांडेय का बेटा रत्नेश पांडेय गांव में काली मां के स्थान पर रामायण का पाठ पढ़ने गया था, जहां से वह रात में घर नहीं लौटा. उसके न लौटने पर सब लोग उसे खोजने लगे. सुबह गांव की नहर के किनारे खून से लथपथ छटपटाता हुआ वह जमीन पर पड़ा मिला.
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आरोप के मुताबिक, घायल युवक ने बताया कि आरोपियों ने उसे जान से मार डालने के इरादे से उसका प्राइवेट पार्ट काट दिया और पीट-पीटकर अधमरा कर दिया. इस घटना के संबंध में तीनों आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ. साथ ही आरोप-पत्र भी दाखिल हुए. मामले का विचारण अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय की अदालत में हुआ. इसके पहले कई अदालतों से पत्रावली स्थानांतरित होती रही. इस मामले में अभियोजन पक्ष एवं बचाव पक्ष को सुनने के पश्चात सत्र न्यायाधीश अभय श्रीवास्तव ने तीनों आरोपियों को प्राइवेट पार्ट काटने और हत्या के प्रयास के आरोप में दोषी करार दिया. अदालत ने दोषियों को दस-दस वर्ष के कारावास और 60 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई.
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मिली जानकारी के मुताबिक, अगले पक्ष ने भी इस मामले के अभियोगी गया प्रसाद पांडेय व उसके पुत्र रत्नेश पांडेय के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप में केस दर्ज कराया है. इसके संबंध में स्पेशल जज पाक्सो एक्ट की अदालत पर विचारण चल रहा है. इन दोनों घटनाओं के पीछे प्रेम- प्रसंग की वजह बताई जा रही है.