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7 साल की मासूम से गैंगरेप का मामला, दो आरोपियो को 20 साल की कैद

सुलतानपुर में कक्षा दो में पढ़ने वाली 7 वर्षीय मासूम छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों को दोषी करार दिया है. न्यायालय ने आरोपियों को 20 साल की कारावास की सजा सुनाई है.

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Published : Aug 10, 2021, 1:55 PM IST

सुलतानपुर
सुलतानपुर

सुलतानपुर : कुड़वार थाना क्षेत्र में 21 जनवरी 2018 को चाय की दुकान करने वाले दुकानदार की सात वर्षीय मासूम बेटी के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया था. सामूहिक दुष्कर्म मामले में कुड़वार थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था. विवेचना के दौरान अभियुक्त के रूप में स्पेशल जज पास्को एक्ट त्रिभुवन नाथ पासवान ने दोनों आरोपियों को दोषी के रूप में स्वीकार किया, जिसके बाद आरोपी अंसार और मोनू उर्फ जाहिद का नाम सामने में आया था. समुदाय विशेष का प्रकरण होने के नाते स्थानीय कस्बे में विरोध प्रदर्शन भी किया गया था.

गैंगरेप के बाद आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर दिया था. ऐसी स्थिति में स्थानीय पुलिस को लाठी भी भांजनी पड़ी थी. मासूम से सामूहिक दुष्कर्म को घृणित अपराध मानते हुए न्यायालय ने आरोपियों को 20-20 साल की कारावास की सजा सुनाई है. वहीं पीड़ित परिवार को अर्थदंड के रुप में 60 हजार रुपये की धनराशि देने का निर्देश दिया गया है. जुर्माना अदा न होने की दशा में 6 माह का अतिरिक्त कारावास सुनाया गया है.

कोरोना संक्रमण काल के बावजूद साढ़े 3 साल में पीड़ित पक्ष को न्याय दिया गया है. अदालत का फैसला आने के बाद पीड़ित पक्ष ने न्यायालय के प्रति आस्था और विश्वास जाहिर किया. न्यायालय ने घृणित अपराध मानते हुए अभियुक्त को सख्त सजा सुनाई है. फैसले के बाद अदालत में थोड़ी देर तक सन्नाटे की स्थिति देखी गई.

सुलतानपुर : कुड़वार थाना क्षेत्र में 21 जनवरी 2018 को चाय की दुकान करने वाले दुकानदार की सात वर्षीय मासूम बेटी के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया था. सामूहिक दुष्कर्म मामले में कुड़वार थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था. विवेचना के दौरान अभियुक्त के रूप में स्पेशल जज पास्को एक्ट त्रिभुवन नाथ पासवान ने दोनों आरोपियों को दोषी के रूप में स्वीकार किया, जिसके बाद आरोपी अंसार और मोनू उर्फ जाहिद का नाम सामने में आया था. समुदाय विशेष का प्रकरण होने के नाते स्थानीय कस्बे में विरोध प्रदर्शन भी किया गया था.

गैंगरेप के बाद आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर दिया था. ऐसी स्थिति में स्थानीय पुलिस को लाठी भी भांजनी पड़ी थी. मासूम से सामूहिक दुष्कर्म को घृणित अपराध मानते हुए न्यायालय ने आरोपियों को 20-20 साल की कारावास की सजा सुनाई है. वहीं पीड़ित परिवार को अर्थदंड के रुप में 60 हजार रुपये की धनराशि देने का निर्देश दिया गया है. जुर्माना अदा न होने की दशा में 6 माह का अतिरिक्त कारावास सुनाया गया है.

कोरोना संक्रमण काल के बावजूद साढ़े 3 साल में पीड़ित पक्ष को न्याय दिया गया है. अदालत का फैसला आने के बाद पीड़ित पक्ष ने न्यायालय के प्रति आस्था और विश्वास जाहिर किया. न्यायालय ने घृणित अपराध मानते हुए अभियुक्त को सख्त सजा सुनाई है. फैसले के बाद अदालत में थोड़ी देर तक सन्नाटे की स्थिति देखी गई.

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