सुलतानपुर: पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने की बात कहकर बचाने की पैरवी की आड़ में घर पहुंच कर 2 बच्चों की मां के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने के मामले में एफटीसी प्रथम की अदालत ने आरोपी अभयराज को दोषी करार दिया है. एफटीसी जज अंकुर शर्मा की अदालत ने दोषी अभयराज को 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.
दरअसल, अमेठी कोतवाली क्षेत्र के अलीपुर मजरे कडेरगांव के रहने वाले आरोपी अभयराज यादव के खिलाफ अभियोगिनी ने 11 अक्टूबर 2008 की घटना बताते हुए मुकदमा दर्ज कराया. आरोप के मुताबिक घटना के दिन आरोपी ने उसे अपने घर बुलाया और उससे उसके पति के खिलाफ पंखे की चोरी के मामले में मुकदमा दर्ज होने की बात कहकर स्वयं के जरिये बचा सकने की बात कही. उसकी यह बात सुनकर अभियोगिनी ने अपने पति के खिलाफ दर्ज मुकदमे से बचाने के लिए विनंती की और अपने घर लौट आई.
आरोप के मुताबिक इसी के बाद रात में 11 बजे आरोपी अभयराज, अभियोगिनी के घर पहुंच गया और दरवाजा खटखटाने लगा. दरवाजा खुलने पर आरोपी पीड़िता महिला से कुछ बात बताने के बहाने अंदर घुस गया और पीड़िता के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दे डाला. पीड़िता के मुताबिक घटना को अंजाम देकर जाते वक्त उसके दो बच्चों ने भी आरोपी को देखा. इस मामले में आरोपी अभयराज के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ और आरोपपत्र भी दाखिल हुआ.
मामले का विचारण एफटीसी प्रथम की अदालत में चला. इस दौरान बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों एवं तर्को को प्रस्तुत कर आरोपी को बेकसूर बताया. वहीं, शासकीय अधिवक्ता ने अपने साक्ष्यों एवं तर्को को पेश कर आरोपी अभयराज को घटना का जिम्मेदार ठहराते हुए उसे कड़ी से कड़ी सजा से दंडित किए जाने की मांग की.
उभय पक्षों को सुनने के पश्चात फास्ट ट्रैक कोर्ट जज अंकुर शर्मा की अदालत ने आरोपी अभयराज को दोषी करार देते हुए उसे 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 50 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. इन दिनों जिले की अदालतों की सक्रियता से ताबड़तोड़ फैसले आ रहे है और अपराधियों को उनकी करनी की सजा मिल रही है,जिसकी वजह से अपराधियों में दहशत का माहौल है..
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