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नीशू तोमर के खिलाफ सशर्त गैर जमानतीय वारंट, कोर्ट ने दिए आदेश

सुलतानपुर में दुष्कर्म के आरोपी इंस्पेक्टर नीशू तोमर (Rape accused Inspector Nishu Tomar) के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानतीय वारंट जारी किया है.

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Published : Dec 8, 2022, 1:32 PM IST

सुलतानपुर: जनपद में करीब 77 दिनों से लापता रेप के आरोपी इंस्पेक्टर नीशू तोमर के खिलाफ सीजेएम रचना की अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. प्रकरण की विवेचना कर रहे सीओ सिटी राघवेंद्र चतुर्वेदी के जरिए दी गई. अर्जी पर कोर्ट ने सशर्त गैर जमानतीय वारंट दिया है.

सीजेएम रचना की अदालत ने काफी दिनों से लंबित नीशू तोमर की आत्मसमर्पण अर्जी (Warrant against rapist inspector in Sultanpur) को निस्तारित करते हुए यह आदेश पारित किया है. पुलिस कस्टडी में जाने के बाद अचानक लापता होने के चलते इंस्पेक्टर नीशू तोमर कोर्ट में हाजिर नहीं हो पाए ऐसा माना जा रहा है. काफी दिनों से लंबित होने की वजह से सीजेएम ने सरेंडर अर्जी को निस्तारित कर दिया है. मामले के विवेचक सीओ सिटी राघवेंद्र चतुर्वेदी ने नीशू तोमर की कोई सरेंडर अर्जी या अन्य कोई अर्जी किसी भी न्यायालय में विचाराधीन ना होने संबंधी एफिडेविट देते हुए दी है. जिसे आधार बनाते हुए सीजेएम ने नीशू तोमर के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी कर दिया है, जबकि 22 सितंबर को महिला थाना पुलिस की अभिरक्षा में जाने के बाद से नीशू तोमर का कोई पता न लगने के संबंध में उनकी पत्नी कुसुम की तरफ से हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस दायर की थी, जो आज भी लंबित है.

गुरुवार को इस मामले में दोनों जगह सुनवाई थी. पुलिस पक्ष हाईकोर्ट (Sultanpur Court issues non bailable warrant) में लंबित इस याचिका में लगातार पैरवी कर रहा है. सीओ राघवेंद्र चतुर्वेदी स्वयं इस मामले में हाईकोर्ट में पेश होकर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर चुके हैं. हाईकोर्ट की तरफ से प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए डीजीपी से भी जवाब तलब हो चुका है. फिलहाल, सीजेएम कोर्ट ने नीशू से संबंधित कोई प्रक्रिया किसी न्यायालय में लंबित होने या किसी न्यायालय से स्थगन होने की दशा में जारी एनबीडब्ल्यू बिना तामील तत्काल वापस कराने का आदेश भी दिया है. जिला न्यायालय से लेकर हाईकोर्ट तक सारा प्रकरण संज्ञान में होने के बाद भी इस तरीके के एफिडेविट सीओ के जरिए कोर्ट में देने पर सवाल खड़े हो गए हैं.

मामले में सामने आई परिस्थितियों के अनुसार वैसे भी हाईकोर्ट मान रहा है कि नीशू तोमर पुलिस की कस्टडी में है. पुलिस अभिरक्षा में जाने के बाद ही नीशू (Non bailable warrant against accused Nishu Tomar) के अपहरण व साजिश से जुड़े आरोप पर संज्ञान लेते हुए सीजेएम रचना ने ही तत्कालीन महिला थाना प्रभारी मीरा कुशवाहा व रेप का केस दर्ज कराने वाली सिपाही समेत अन्य पर मुकदमा दर्ज कर जांच का आदेश दिया है. जिस मामले में नगर कोतवाली में विवेचना प्रचलित है. जिसके अनुपालन में एफआईआर दर्ज करने के बाद मामले की जांच जारी है. तब भी सीओ ने नीशू के बागपत स्थित पते पर दो बार दबिश का हवाला देते हुए मागं संबंधी अर्जी पेश की थी. नीशू के पैरोकार ने एनबीडब्ल्यू आदेश को विधि विरुद्ध बताते हुए बड़ी अदालत में चुनौती देने की बात कही है. नीशू की पत्नी के मुताबिक खुद ही अपनी कस्टडी में उनके पति को ले जाने के बाद पुलिस अपने बचाव के लिए अब कागजी खेल कर रही है. ले

पढ़ें- साक्षात्कार का सौदागर हुआ कार्यमुक्त, डीएम ने की घोषणा

सुलतानपुर: जनपद में करीब 77 दिनों से लापता रेप के आरोपी इंस्पेक्टर नीशू तोमर के खिलाफ सीजेएम रचना की अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. प्रकरण की विवेचना कर रहे सीओ सिटी राघवेंद्र चतुर्वेदी के जरिए दी गई. अर्जी पर कोर्ट ने सशर्त गैर जमानतीय वारंट दिया है.

सीजेएम रचना की अदालत ने काफी दिनों से लंबित नीशू तोमर की आत्मसमर्पण अर्जी (Warrant against rapist inspector in Sultanpur) को निस्तारित करते हुए यह आदेश पारित किया है. पुलिस कस्टडी में जाने के बाद अचानक लापता होने के चलते इंस्पेक्टर नीशू तोमर कोर्ट में हाजिर नहीं हो पाए ऐसा माना जा रहा है. काफी दिनों से लंबित होने की वजह से सीजेएम ने सरेंडर अर्जी को निस्तारित कर दिया है. मामले के विवेचक सीओ सिटी राघवेंद्र चतुर्वेदी ने नीशू तोमर की कोई सरेंडर अर्जी या अन्य कोई अर्जी किसी भी न्यायालय में विचाराधीन ना होने संबंधी एफिडेविट देते हुए दी है. जिसे आधार बनाते हुए सीजेएम ने नीशू तोमर के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी कर दिया है, जबकि 22 सितंबर को महिला थाना पुलिस की अभिरक्षा में जाने के बाद से नीशू तोमर का कोई पता न लगने के संबंध में उनकी पत्नी कुसुम की तरफ से हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस दायर की थी, जो आज भी लंबित है.

गुरुवार को इस मामले में दोनों जगह सुनवाई थी. पुलिस पक्ष हाईकोर्ट (Sultanpur Court issues non bailable warrant) में लंबित इस याचिका में लगातार पैरवी कर रहा है. सीओ राघवेंद्र चतुर्वेदी स्वयं इस मामले में हाईकोर्ट में पेश होकर व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर चुके हैं. हाईकोर्ट की तरफ से प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए डीजीपी से भी जवाब तलब हो चुका है. फिलहाल, सीजेएम कोर्ट ने नीशू से संबंधित कोई प्रक्रिया किसी न्यायालय में लंबित होने या किसी न्यायालय से स्थगन होने की दशा में जारी एनबीडब्ल्यू बिना तामील तत्काल वापस कराने का आदेश भी दिया है. जिला न्यायालय से लेकर हाईकोर्ट तक सारा प्रकरण संज्ञान में होने के बाद भी इस तरीके के एफिडेविट सीओ के जरिए कोर्ट में देने पर सवाल खड़े हो गए हैं.

मामले में सामने आई परिस्थितियों के अनुसार वैसे भी हाईकोर्ट मान रहा है कि नीशू तोमर पुलिस की कस्टडी में है. पुलिस अभिरक्षा में जाने के बाद ही नीशू (Non bailable warrant against accused Nishu Tomar) के अपहरण व साजिश से जुड़े आरोप पर संज्ञान लेते हुए सीजेएम रचना ने ही तत्कालीन महिला थाना प्रभारी मीरा कुशवाहा व रेप का केस दर्ज कराने वाली सिपाही समेत अन्य पर मुकदमा दर्ज कर जांच का आदेश दिया है. जिस मामले में नगर कोतवाली में विवेचना प्रचलित है. जिसके अनुपालन में एफआईआर दर्ज करने के बाद मामले की जांच जारी है. तब भी सीओ ने नीशू के बागपत स्थित पते पर दो बार दबिश का हवाला देते हुए मागं संबंधी अर्जी पेश की थी. नीशू के पैरोकार ने एनबीडब्ल्यू आदेश को विधि विरुद्ध बताते हुए बड़ी अदालत में चुनौती देने की बात कही है. नीशू की पत्नी के मुताबिक खुद ही अपनी कस्टडी में उनके पति को ले जाने के बाद पुलिस अपने बचाव के लिए अब कागजी खेल कर रही है. ले

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