सुलतानपुर: जीआरपी थाने के सिपाही दीपेश मिश्रा सुलतानपुर जंक्शन पर तैनात थे. उनका जीआरपी थाने से तबादला किया गया. इस दौरान उन्होंने थानाध्यक्ष की पोल खोलते हुए उन पर (थानाध्यक्ष) भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाए हैं. सिपाही दीपेश मिश्रा ने एक वीडियो के माध्यमे से बताया कि थानाध्यक्ष आरक्षियों के पुरस्कार वितरण में पक्षपात करते थे. सीडीआर के गोपनीय दस्तावेजों को वायरल करते थे. इस वीडियो से राजकीय रेलवे पुलिस में चल रहे अंधे कानून का पर्दाफाश हो गया है. इस मामले में अफसरों ने उच्च स्तरीय जांच टीम गठित की है.
प्रकरण सुलतानपुर जंक्शन पर स्थित राजकीय रेलवे पुलिस थाना अध्यक्ष संजय यादव से जुड़ा हुआ है. सिपाही दीपेश मिश्रा ने संजय यादव पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाए हैं. दीपेश मिश्रा ने बताया कि संजय यादव वरिष्ठता सूची में नीचे होने के बावजूद थाना अध्यक्ष का कार्यभार चला रहे हैं. संजय यादव नियम कायदों का मखौल उड़ाकर सीडीआर वायरल करते थे. सीडीआर गोपनीय होता है, लेकिन थानाध्यक्ष इसका मनमाने ढंग से दुरुपयोग कर रहे थे.
सिपाही दीपेश मिश्रा का आरोप है कि थानाध्यक्ष का विरोध करने पर उनका तबादला किया गया है. उन्होंने बताया कि उन पर किसी तरह की कोई शिकायत नहीं है. थानाध्यक्ष ने अधिकारियों को गुमराह करके उनके खिलाफ जबरन जांच शुरू की है.
राजकीय रेलवे पुलिस के क्षेत्राधिकारी अरुण कुमार सिंह कहते हैं कि पूरे मामले की जांच पड़ताल की जा रही है. सिपाही की तरफ से लगाए गए आरोपों और थाना अध्यक्ष के कार्य की बारीकी से पड़ताल कर इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी.
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