सुलतानपुर: सामान्य और मध्यम दर्जे के किसानों को धान बिक्री में जांच-पड़ताल की तकलीफ अब नहीं उठानी पड़ेगी. शासनादेश पर 100 क्विंटल तक की बिक्री के लिए सत्यापन प्रक्रिया से मुक्त कर दिया गया है. इसके तहत ऑनलाइन पंजीकरण करने वाले काश्तकारों को लेखपालों के उत्पीड़न का शिकार नहीं होना होगा.
सरकारी क्रय केंद्रों पर धान बिक्री करने वाले किसानों को पंजीकरण प्रक्रिया अपनानी पड़ती है. ऑनलाइन पंजीकरण के बाद खतौनी आवेदन पत्र समेत संपूर्ण दस्तावेज राजस्व विभाग को प्रेषित किया जाता है, जहां खेत की मौजूदा तस्वीर के साथ उत्पादन का आंकलन किया जाता है. दलालों की सक्रियता को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया था, लेकिन इससे अभी तक किसानों को बेहद परेशान होना पड़ता था. मामूली खामी पर उनका रजिस्ट्रेशन रद्द हो जाता था.
जो नाम खतौनी में हैं और जो नाम बैंक में है, दोनों एक होने चाहिए. दोनों अलग होने की स्थिति में एफिडेविट देकर उसे एक करा लें. किसानों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में उनका गाटा तहसीलों में निर्धारित किया जा रहा है. सत्यापन प्रक्रिया चल रही है. 100 क्विंटल तक के उत्पादन के किसानों को सत्यापन से मुक्त रखा गया है.
-विनीता मिश्रा, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी