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सुलतानपुर जंक्शन के सामने रेल मंत्री और भारत सरकार मुर्दाबाद के लगे नारे

सुलतानपुर में 151 यात्री गाड़ियों और रूट के निजीकरण के विरोध में रेल कर्मचारी अब आंदोलित हो उठे हैं. सोमवार को सुल्तानपुर जंक्शन के सामने निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों ने अपने ही रेल मंत्री के मुर्दाबाद के नारे लगाए. साथ ही रेल का चक्का सामूहिक रूप से जाम करने की चेतावनी दी.

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Published : Aug 10, 2020, 12:31 PM IST

हंगामा करते रेल कर्मचारी.
हंगामा करते रेल कर्मचारी.

सुलतानपुर: 151 यात्री गाड़ियों और रूट के निजीकरण के विरोध में रेल कर्मचारी अब आंदोलित हो उठे हैं. सोमवार को सुल्तानपुर जंक्शन के सामने निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों ने अपने ही रेल मंत्री के मुर्दाबाद के नारे लगाए. भारत सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाने के दौरान कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि निजीकरण बंद नहीं हुआ, तो रेल का चक्का सामूहिक रूप से जाम कर दिया जाएगा. इसकी पूरी जिम्मेदारी भारत सरकार की होगी.

नार्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के पदाधिकारियों के आह्वाहन पर तकरीबन सभी संगठन के कर्मचारी और पदाधिकारी सोमवार को सुलतानपुर जंक्शन पहुंचे. जहां बैठक कर सामूहिक रूप से निजीकरण का विरोध किया गया. इस दौरान कर्मचारियों ने जंक्शन के सामने प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की. रेल मंत्री और भारत सरकार के खिलाफ कर्मचारियों ने निजीकरण का विरोध करते हुए आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी. इस दौरान रेल चक्का जाम करने की भी बात कही गई.

नार्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के अध्यक्ष अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि भारत सरकार रेल को बेच रही है, रेलवे का निजीकरण कर रही है. हर स्तर पर इसका विरोध किया जाएगा. आगामी दिनों में सभी संगठनों के सहयोग से चक्का जाम करने का प्रयास किया जाएगा. वहीं रेलवे सचिव सुरेश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि 151 यात्री गाड़ियों और रूट का निजीकरण किया जा रहा है. इससे कर्मचारियों का हित प्रभावित होगा.

उन्होंने कोविड-19 के समय में भत्ता बंद किए जाने का भी विरोध किया और कहा कि हमारा भत्ता शुरू किया जाना चाहिए. सभी रेल संगठनों से वार्ता हो रही है. यदि निजीकरण बंद नहीं किया गया, तो रेलवे का चक्का जाम किया जाएगा. इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी भारत सरकार की होगी.

सुलतानपुर: 151 यात्री गाड़ियों और रूट के निजीकरण के विरोध में रेल कर्मचारी अब आंदोलित हो उठे हैं. सोमवार को सुल्तानपुर जंक्शन के सामने निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों ने अपने ही रेल मंत्री के मुर्दाबाद के नारे लगाए. भारत सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाने के दौरान कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि निजीकरण बंद नहीं हुआ, तो रेल का चक्का सामूहिक रूप से जाम कर दिया जाएगा. इसकी पूरी जिम्मेदारी भारत सरकार की होगी.

नार्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के पदाधिकारियों के आह्वाहन पर तकरीबन सभी संगठन के कर्मचारी और पदाधिकारी सोमवार को सुलतानपुर जंक्शन पहुंचे. जहां बैठक कर सामूहिक रूप से निजीकरण का विरोध किया गया. इस दौरान कर्मचारियों ने जंक्शन के सामने प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की. रेल मंत्री और भारत सरकार के खिलाफ कर्मचारियों ने निजीकरण का विरोध करते हुए आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी. इस दौरान रेल चक्का जाम करने की भी बात कही गई.

नार्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के अध्यक्ष अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि भारत सरकार रेल को बेच रही है, रेलवे का निजीकरण कर रही है. हर स्तर पर इसका विरोध किया जाएगा. आगामी दिनों में सभी संगठनों के सहयोग से चक्का जाम करने का प्रयास किया जाएगा. वहीं रेलवे सचिव सुरेश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि 151 यात्री गाड़ियों और रूट का निजीकरण किया जा रहा है. इससे कर्मचारियों का हित प्रभावित होगा.

उन्होंने कोविड-19 के समय में भत्ता बंद किए जाने का भी विरोध किया और कहा कि हमारा भत्ता शुरू किया जाना चाहिए. सभी रेल संगठनों से वार्ता हो रही है. यदि निजीकरण बंद नहीं किया गया, तो रेलवे का चक्का जाम किया जाएगा. इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी भारत सरकार की होगी.

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