सुल्तानपुर : अभी गरीब और असहाय किस्म के लोग जिला अस्पताल में अवैध वसूली का शिकार हो रहे हैं. कहने को योगीराज है, लेकिन सरकारी अस्पताल में खून चढ़ाने के लिए 3000 रुपये की मांग की जा रही है. जिसका जीता जागता सच सुल्तानपुर जिला अस्पताल में देखने को मिला. एक गरीब परिवार खून का प्रबंध नहीं कर सका, जिसके लिए 3000 की रकम नर्स की तरफ से मांगा गया था. जिसके चलते गर्भवती महिला की जिला अस्पताल में मौत हो गई. हालांकि मौत की वजह अस्पताल प्रशासन ने अधिक गंभीर रूप से बीमार होने को बताया है.
मामला धम्मौर थाना क्षेत्र के घाटमपुर का है, वहां की स्थानीय निवासी निशा पांडे पत्नी राजेश गर्भवती थी, प्रसव पीड़ा होने के बाद उसे नव गिरवां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां पहले डॉक्टर परीक्षण करते रहे और समुचित इलाज नहीं किया. इलाज के अभाव में महिला की स्थिति बेहद नाजुक हो गई.
जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती करने के बाद नर्स की तरफ से खून देने के लिए 3000 रुपये की सुविधा शुल्क मांगा गया. मृतका के भांजे सुनील के अनुसार खून का पैसा नहीं दे पाने से डॉक्टरों ने उन्हे खून नहीं चढ़ाया, जिससे उसकी मामी की मौत हो गई. प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो पैसा नहीं मिलने से स्वास्थ्य कर्मी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे और इलाज करने से गुरेज किया.
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ उर्मिला चौधरी कहती हैं कि, वह बेहद गंभीर स्थिति में थी. जब उसे जिला अस्पताल लाया गया, तो इलाज के दौरान उसे खून की कमी थी, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई.