सुलतानपुरः जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां 5 फरवरी को दो पक्षों के बीच विवाद हुआ था. इसके बाद पुलिस ने पीड़ित पक्ष की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस ने जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था उसमें से एक व्यक्ति मृत्यु अक्टूबर 2022 में हो चुकी थी. एक मृतक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना पुलिस पर सवाल खड़े कर रहा है. वहीं, मामले के खुलासे के बाद पुलिस अफसर शर्मसार हुए हैं.
दोस्तपुर थाना क्षेत्र के धनाऊपुर गांव में रहने वाले जगदीश प्रसाद का 5 फरवरी अपने पड़ोसी पवन कुमार पुत्र हरीराम से झगड़ा हो गया था. इसके बाद जगदीश ने पड़ोसी पवन, हरीराम पुत्र राजमनी, सतीश सहित 6 से अधिक लोगों पर जमीन की पुरानी रंजिश के चलते अपने छत से ईंट-पत्थरों से उनके घर पर हमला करने का आरोप लगाया था. हमले में जगदीश प्रसाद, उसका भतीजा दीपक पुत्र नरेंद्र प्रसाद, बहू कांति देवी पत्नी नरेंद्र प्रसाद को काफी चोटे आईं थी. जगदीश प्रसाद ने इन दबंगो के खिलाफ तहरीर दोस्तपुर थाने में दी थी.
30 अक्टूबर को हुई थी सतीश की मौत
पुलिस ने पीड़ित पक्ष की तहररी पर पवन कुमार, हरिराम, आकाश, सूरज, दीक्षा, फूलकली व सतीश उर्फ केलू के के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. सतीश की 30 अक्टूबर 2022 को मुंबई में मौत हो चुकी थी. मृतक सतीश का मुंबई में पोस्टमार्टम हुआ था और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हुआ था. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि हर मामले में जांच कर कार्रवाई करने वाली पुलिस यहां बिना जांच के कैसे केस दर्ज कर गई?
विवेचना में निकाल दिया जाएगा नाम
एसओ लक्ष्मीकांत मिश्रा का कहना है कि तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया गया था. विवेचना के दौरान मृतक का नाम निकाल दिया जाएगा. पूरे मामले में जांच पड़ताल सुनिश्चित की जा रही है.
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