सुलतानपुर: सांसद मेनका गांधी ने महिला डेस्क के शुभारंभ अवसर पर महिलाओं को अपनी नरमी बनाए रखने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि आप पुरुषों से कार्य में मुकाबला तो करें, लेकिन संवेदनशीलता बरकरार रखें. आपको इसीलिए पुलिस में भर्ती किया गया है कि अब संवेदनशील ढंग से महिलाओं की समस्या का निराकरण कराएं. इस दौरान उन्होंने गृह मंत्रालय पर निशाना साधते कहा कि गृह मंत्रालय के वितरण कार्यक्रम से वे 100 करोड़ की कवायद को मूर्त रूप नहीं दे सकीं.
स्पर्धा में न खोएं अपनी विशेषता
सुलतानपुर जिला मुख्यालय के नगर कोतवाली में आयोजित महिला डेस्क के शुभारंभ अवसर पर मेनका गांधी ने महिलाओं से आह्वान किया कि वे कतई अपनी विशेषता न खोएं. उन्होंने बताया कि नरमी, शालीनता, संवेदनशीलता यह महिलाओं के विशेष आभूषण हैं.
सांसद मेनका गांधी ने कहा कि जब महिला पुलिस में भर्ती होती हैं तो वे पुरुषों से मुकाबला करती हैं. इस दौरान उसकी नरमी चली जाती है. महिलाओं को विभाग में इसलिए लाया गया है कि आप अपनी संवेदनशीलता और विशेषता बनाए रखें.
सांसद मेनका गांधी ने महिलाओं का साहस बढ़ाते कहा कि बेटियां अपना ही नाम लिखने को स्वतंत्र हैं. उन्हें अपने नाम के बाद पिता या पति का नाम लगाने की कोई आवश्यकता नहीं है. ऐसा कानून है. पासपोर्ट हो या कोई भी डाक्यूमेंट्स महिलाएं केवल अपने नाम से ही आवेदन कर सकती हैं.
गृह मंत्रालय ने फेरा सांसद मेनका की कवायद पर पानी
सांसद मेनका गांधी ने कहा कि उन्होंने 100 करोड़ रुपये गृह विभाग की तरफ से जारी कर आए थे, जिसके तहत हर थाने पर एक जांच किट रखी गई थी. महिला से दूरव्यवहार होने की दशा में उस जांच किट के जरिए साक्ष्य सुरक्षित करने की व्यवस्था की गई थी. किट का वितरण करने की शुरुआत मेरी तरफ से की गई थी, लेकिन गृह मंत्रालय ने कहा कि वृहद स्तर पर इसका कार्यक्रम चलाया जाएगा, जो आज तक अधूरा रह गया.
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