सुलतानपुर: गूंगी-बहरी युवती से दुष्कर्म के मामले में आरोपी महेश को फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय की अदालत ने दोषी करार दिया है. फास्ट ट्रैक कोर्ट न्यायाधीश अभिषेक सिन्हा ने दोषी को 14 वर्ष के कारावास की सजा सुनाने के साथ 22 हजार रुपये अर्थदंड लगाया है. इसके साथ ही दोषी बेटे के बचाव में धमकी देने की आरोपी मां को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि घटना अमेठी नगर कोतवाली क्षेत्र की साल 2016 की है.
बता दें कि अमेठी की रहने वाली पीड़िता के भाई ने 11 फरवरी 2016 की घटना का जिक्र करते हुए नगर कोतवाली में तहरीर दी थी. उसने अमेठी थाना क्षेत्र के भेटुआ गांव निवासी आरोपी महेश और उसकी मां सुमित्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. आरोप था कि घटना के दिन उसकी गूंगी-बहरी बहन घास छीलने गई थी. महेश ने सांप निकलने के बहाने से उसे कमरे में बुला लिया. इसके बाद कमरे में बंद कर हाथ-पैर बांधकर जबरन दुष्कर्म किया.
आस-पास मौजूद लोगों ने घटना की जानकारी मिलने पर दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया, लेकिन महेश ने दरवाजा नहीं खोला. भीड़ ने किसी तरह दरवाजा खोलकर देखा तो अंदर पीड़िता के हाथ-पैर बंधे मिले. पकड़े जाने के पर महेश और मौके पर पहुंची उसकी मां ने धमकी दी कि उनका कोई कुछ नहीं कर पाएगा.
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इस मामले में पीड़िता के भाई की तहरीर पर मां-बेटे के खिलाफ अमेठी कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ और दोनों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हुआ. मामले की सुनवाई एफटीसी द्वितीय की अदालत में हुई. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के शासकीय अधिवक्ता ने अपने साक्ष्यों और तर्को को पेश कर आरोपियों को दोषी ठहराकर कड़ी सजा दिए जाने की मांग की.
वहीं बचाव पक्ष ने अपने तर्को को पेश कर आरोपियों को निर्दोष साबित करने की कोशिश की. एफटीसी जज अभिषेक सिन्हा की अदालत ने दोनों पक्षो को सुनने के बाद मामले में आरोपी महेश की मां को साक्ष्यों के आभाव में बरी कर दिया है. वहीं आरोपी महेश को दोषी ठहराते हुए 14 वर्ष के कारावास और 22 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.
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