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दफ्तर-दफ्तर दौड़ रहे सुल्तानपुर के भवानी, सर्टिफिकेट लेकर कह रहे जिंदा हूं मैं...

हलियापुर राजस्व सर्किल के उमरा गांव निवासी भवानी प्रसाद आवेदन लेकर साल भर से कभी लेखपाल तो कभी कानून गो के यहां चक्कर काट रहे हैं.

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Published : Feb 11, 2019, 12:11 PM IST

भवानी प्रसाद कहते हैं कि अवैध शुल्क देने के नाम पर यह प्रताड़ना दी जा रही है.

सुलतानपुर : सदर तहसील के राजस्व कर्मियों ने अवैध शुल्क न मिलने पर जीवित व्यक्ति को मुर्दा घोषित कर दिया. इतना ही नहीं उसकी पूरी की पूरी संपत्ति गांव वालों के नाम दर्ज कर दी. ऐसे में पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा हो गया है. पीड़ित अब जीवित प्रमाण पत्र देते हुए अपनी संपत्ति वापस लेने की मांग कर रहा है. मामला सार्वजनिक होने के बाद अफसरों के पैरों तले जमीन खिसक गई है. वह मामले की लीपापोती करने में लग गए हैं.

भवानी प्रसाद कहते हैं कि अवैध शुल्क देने के नाम पर यह प्रताड़ना दी जा रही है.
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हलियापुर राजस्व सर्किल के उमरा गांव निवासी भवानी प्रसाद आवेदन लेकर साल भर से कभी लेखपाल तो कभी कानून गो के यहां चक्कर काट रहे हैं. हलियापुर गांव के ही एक भवानी प्रसाद नामक व्यक्ति की मौत हो गई थी और वरासत अभियान चल रहा था. इस दौरान राजस्व कर्मचारियों ने गांव के ही दूसरे भवानी प्रसाद को सबक सिखाने के लिए उन्हें मृत दर्शा दिया और जिक्र उस मृतक भवानी प्रसाद का कर दिया.

इसके बाद भवानी प्रसाद की पूरी संपत्ति मृतक भवानी प्रसाद के परिजनों के नाम कर दी, जिसमें लगभग 15 बीघा खेत वरासत के जरिए गांव वालों के नाम पंजीकृत हो गया है. वरासत प्रक्रिया के दौरान अफसरों ने भी इस पूरे मामले की जांच करना मुनासिब नहीं समझा.

भवानी प्रसाद कहते हैं कि अवैध शुल्क देने के नाम पर यह प्रताड़ना दी जा रही है. हर पटल पर पैसा मांगा जा रहा है. साल भर से नाम संशोधन कराने के लिए दौड़ रहे हैं. जो संपत्ति गांव के दूसरे व्यक्ति भवानी प्रसाद, जिनकी मौत हो चुकी हैं. उनके परिजनों के खाते में चली गई है, जिसे वापस लेने के लिए अफसरों से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है.

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इस मामले पर उप जिलाधिकारी सदर प्रणय सिंह कहते हैं कि फर्जी वरासत करने वाले कर्मचारी और दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. इस पूरे मामले की जांच कराकर वह सख्त कार्रवाई करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले की जानकारी अभी तक सदर तहसील प्रशासन की ओर से नहीं दी गई है.

सुलतानपुर : सदर तहसील के राजस्व कर्मियों ने अवैध शुल्क न मिलने पर जीवित व्यक्ति को मुर्दा घोषित कर दिया. इतना ही नहीं उसकी पूरी की पूरी संपत्ति गांव वालों के नाम दर्ज कर दी. ऐसे में पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा हो गया है. पीड़ित अब जीवित प्रमाण पत्र देते हुए अपनी संपत्ति वापस लेने की मांग कर रहा है. मामला सार्वजनिक होने के बाद अफसरों के पैरों तले जमीन खिसक गई है. वह मामले की लीपापोती करने में लग गए हैं.

भवानी प्रसाद कहते हैं कि अवैध शुल्क देने के नाम पर यह प्रताड़ना दी जा रही है.
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हलियापुर राजस्व सर्किल के उमरा गांव निवासी भवानी प्रसाद आवेदन लेकर साल भर से कभी लेखपाल तो कभी कानून गो के यहां चक्कर काट रहे हैं. हलियापुर गांव के ही एक भवानी प्रसाद नामक व्यक्ति की मौत हो गई थी और वरासत अभियान चल रहा था. इस दौरान राजस्व कर्मचारियों ने गांव के ही दूसरे भवानी प्रसाद को सबक सिखाने के लिए उन्हें मृत दर्शा दिया और जिक्र उस मृतक भवानी प्रसाद का कर दिया.

इसके बाद भवानी प्रसाद की पूरी संपत्ति मृतक भवानी प्रसाद के परिजनों के नाम कर दी, जिसमें लगभग 15 बीघा खेत वरासत के जरिए गांव वालों के नाम पंजीकृत हो गया है. वरासत प्रक्रिया के दौरान अफसरों ने भी इस पूरे मामले की जांच करना मुनासिब नहीं समझा.

भवानी प्रसाद कहते हैं कि अवैध शुल्क देने के नाम पर यह प्रताड़ना दी जा रही है. हर पटल पर पैसा मांगा जा रहा है. साल भर से नाम संशोधन कराने के लिए दौड़ रहे हैं. जो संपत्ति गांव के दूसरे व्यक्ति भवानी प्रसाद, जिनकी मौत हो चुकी हैं. उनके परिजनों के खाते में चली गई है, जिसे वापस लेने के लिए अफसरों से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है.

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इस मामले पर उप जिलाधिकारी सदर प्रणय सिंह कहते हैं कि फर्जी वरासत करने वाले कर्मचारी और दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. इस पूरे मामले की जांच कराकर वह सख्त कार्रवाई करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले की जानकारी अभी तक सदर तहसील प्रशासन की ओर से नहीं दी गई है.

Intro:शीर्षक - खर्चा नहीं मिला तो जिंदा को दिखाया मुर्दा, जीवित प्रमाण पत्र लेकर दौड़ रहा फरियादी।


खबर सुल्तानपुर से है। जहां तहसील के राजस्व कर्मियों ने खर्चा नहीं मिलने पर यानी अवैध शुल्क नहीं देने पर जीवित व्यक्ति को मुर्दा दिखा दिया। उसकी पूरी की पूरी संपत्ति गांव वालों के नाम दर्ज कर दी है। ऐसे में पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े हो गए हैं । अब फरियादी जीवित प्रमाण पत्र देते हुए अपनी संपत्ति वापस लेने की मांग कर रहा है। मामला सार्वजनिक होने के बाद अफसरों के पैरों तले जमीन खिसक गई है। वह मामले की लीपापोती कर रहे हैं। प्रकरण सदर तहसील क्षेत्र के हलियापुर राजस्व गांव अंतर्गत उमरा गांव से जुड़ा हुआ है।


Body:हलियापुर राजस्व सर्किल के उमरा गांव निवासी भवानी प्रसाद आवेदन लेकर साल भर से कभी लेखपाल तो कभी कानून को की फरियाद कर रहे हैं । खुद को जीवित दिखा रहे हैं। हुआ यूं कि गांव की ही एक भवानी प्रसाद की मौत हो गई थी और वरासत अभियान चल रहा था। इस दौरान राजस्व कर्मचारियों ने भवानी प्रसाद को सबक सिखाने के लिए उन्हें मृतक दर्शा दिया और जिक्र कर दिया जो इन्हीं के नाम का गांव में व्यक्ति मरा था । इसके बाद भवानी प्रसाद की पूरी संपत्ति मृतक भवानी प्रसाद के परिजनों के नाम कर दी। जिसमें लगभग 15 बीघा खेत वरासत के जरिए गांव वालों के नाम पंजीकृत हो गया है। वरासत प्रक्रिया के दौरान अफसरों ने भी इस पूरे मामले की जांच करना मुनासिब नहीं समझा।


Conclusion:बाइट - भवानी प्रसाद कहते हैं कि खर्चा नहीं देने के नाम पर या प्रताड़ना की गई है। हर पटल पर पैसा मांगा जा रहा है। साल भर से नाम संशोधन कराने के लिए दौड़ रहे हैं । जो संपत्ति गांव के दूसरे व्यक्ति भवानी प्रसाद जो मृतक हो चुके हैं। उनके परिजनों के खाते में चली गई है। उसे वापस लेने के लिए अफसरों से गुहार लगा रहे हैं लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है।

बाइट - उप जिलाधिकारी सदर प्रणय सिंह कहते हैं कि फर्जी वरासत करने वाले कर्मचारी व दोषी अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इस पूरे मामले की जांच कराकर वह सख्त कार्रवाई करेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले की जानकारी अभी तक सदर तहसील प्रशासन की ओर से नहीं दी गई है ।


आशुतोष मिश्रा 94 15049 256

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