सुलतानपुर: प्रवासी श्रमिकों समेत गरीबी रेखा और इससे नीचे जीवन यापन कर रहे परिवारों को रियायती दर पर भेजे गए चावल के सड़ने के मामले को जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया है. डीएम के निर्देश पर खाद्य विभाग एवं विपणन विभाग की संयुक्त टीम कुड़वार गोदाम पहुंची. खराब चावल का नमूना लेकर उसे झांसी भेज दिया गया है. ईटीवी भारत ने 18 जून को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का चावल सड़ने के मामले को प्रमुखता से उठाया था.
केंद्र सरकार के निर्देश पर केंद्रीय इकाई भारतीय खाद्य निगम की तरफ से गेहूं और चावल का 96 हजार कुंतल आवंटन जिला खाद्य एवं विपणन विभाग को दिया गया था. जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी विनीता मिश्रा के निर्देश पर कुड़वार गोदाम में चावल का भंडारण कराया गया, जहां पर अधिकारियों के सत्यापन के बाद यह चावल कोटेदारों को दिया जाना था.
सस्ते गल्ले की दुकानों से इससे पात्र गृहस्थी और अंत्योदय परिवारों को वितरण किया जाना था. चावल सड़ने की वजह से वितरण प्रभावित हुआ. डीएम सी इंदुमती ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए. खाद्य विभाग और विपणन विभाग की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची और चावल का नमूना लिया. उसके बाद उसे सुरक्षित करते हुए झांसी भेज दिया गया.
जिलाधिकारी के आदेश पर चावल का नमूना लेकर जांच के लिए झांसी प्रयोगशाला भेजा गया है. जांच रिपोर्ट के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. जांच में क्षेत्रीय विपणन अधिकारी, जिला खाद्य विपणन अधिकारी व खाद्य अधिकारी शामिल रहे हैं.
-शिशिर कांत गर्ग, क्षेत्रीय विपणन अधिकारी
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राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत अति निर्धन परिवारों की दो श्रेणियां बनाई गई हैं- पात्र गृहस्थी और अंत्योदय. पात्र गृहस्थी में गरीबी रेखा के परिवारों को शामिल किया गया है. इन्हें हर माह 2 रुपये में गेहूं और 3 रुपये में चावल सरकारी दुकानों से मुहैया कराया जाता है. भारतीय खाद्य निगम की गोदाम से जिला खाद्य विपणन की 12 गोदामों में चावल भेजा गया था.