सुलतानपुर: पड़ोसी देशों से बढ़ते तनाव के बीच यूपी में तीन-तीन एक्सप्रेस-वे ऐसे हैं जहां जरूरत पड़ने पर फाइटर प्लेन की लैंडिंग बड़ी आसानी से हो सकती है. पिछले एक दशक में यूपी में बने तीन प्रमुख एक्सप्रेस-वे पर भारतीय वायु सेना के फाइटर विमानों के उतरने लिए एयर स्ट्रिप का निर्माण किया गया. पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर तीसरी एयर स्ट्रिप सुलतानपुर के पास बन रही है. यह भी अगले साल तक चालू हो जाएगी, जिसके बाद यहां भी फाइटर विमान टेकऑफ कर सकते हैं.
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर पर उतारे जा सकेंगे फाइटर प्लेन
लखनऊ से बलिया को जाने वाली पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर युद्ध जैसी विषम परिस्थिति में फाइटर प्लेन उतारे जा सकेंगे. 2021 में राफेल युद्धक विमान के ट्रायल के लिए आधार तैयार किया जा रहा है. सुल्तानपुर जिले का कूरेभार ब्लॉक क्षेत्र इसके लिए चुना गया है. 540 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे के बीच में रनवे की शक्ल दी जा रही है. यह सिक्स लेन परियोजना सुलतानपुर से होकर गुजर रही है. अयोध्या के बाद बल्दीराय तहसील से एक्सप्रेस-वे जिले में प्रवेश करेगा. यह एक्सप्रेस-वे सदर तहसील, जयसिंहपुर होते हुए बलिया की तरफ जाएगा.
रनवे की शक्ल देने के लिए इंजीनियरों को निर्देश
सुल्तानपुर जिला मुख्यालय से सटे कूरेभार ब्लॉक में एक्सप्रेस-वे को फाइटर प्लेन के रनवे की तरह तैयार किया जाएगा. ताकि जंग के हालात में रनवे ध्वस्त होने की दशा में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का प्रयोग युद्धक विमान को उतारने और टेक ऑफ करने के लिए किया जा सके. उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे रनवे की शक्ल देने के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के इंजीनियरों को निर्देश दिए हैं.
कूरेभार में तैयार किया जा रहा आधार
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के प्रोजेक्ट मैनेजर विलास महादेव मिशाल ने बताया कि राफेल जैसे युद्धक विमान को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर उतारने के लिए आधार तैयार किया जा रहा है. हवा से उतरने में समस्या ना आए, इसके लिए कूरेभार में इसका आधार रनवे की तर्ज पर दिया जा रहा है, जिससे जंग के हालात में फाइटर प्लेन यहां उतारे जा सकें और यहां से इनकी उड़ान भरी जा सके. इसका कार्य प्रगति पर है. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तैयार होने के साथ इसे रनवे की शक्ल भी दी जाएगी.
2018 में शुरू हुआ था पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का काम
सुल्तानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का काम अक्टूबर 2018 से शुरू हुआ. 45 किलोमीटर क्षेत्र का मुख्यालय हलियापुर में बनाया गया है. यहां से कूरेभार तक की निगरानी कराई जा रही है. 2021 में इसके पूरा होने के बाद फाइटर प्लेन उतारने के हिसाब से सड़क को स्वरूप दिया जा रहा है.
बीबीएम पर उतरेंगे फाइटर प्लेन वीओ
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर 3 किलोमीटर के दायरे में सड़क को स्पेशल ट्रीटमेंट दिया जाएगा. प्लेन की लैंडिंग और उड़ान भरने के लिए 3 किलोमीटर लंबा रनवे आवश्यक होता है. इस लिहाज से इसती आरसीसी युक्त ढांचा तैयार किया जाएगा. जिसके नीचे मजबूत लोहे की सरिया का जाल लगा होगा. यह सड़क सिक्स लेन में बीबीएम श्रेणी के तहत तैयार की जाएगी. आरसीसी ढांचे से निर्मित यह सतह काफी मजबूत होती है. जो फाइटर प्लेन की रफ्तार और भार को सहन करने में सक्षम होगी. जबकि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की शेष सड़कें सामान्य तर्ज पर तैयार की जाएंगी.
बिजनेस कोरिडोर भी होगा स्थापित
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के दोनों किनारों पर बिजनेस कोरिडोर स्थापित किया जाएगा. इसके लिए लघु और कुटीर उद्योग समेत अन्य लोगों को रेस्टोरेंट्स और होटल समेत अपने उद्योगों के प्रदर्शन के लिए स्थान आवंटित किए जाएंगे. इससे बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार मिलेगा और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की शोभा बढ़ेगी.