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Dattatreya Hosabale in Sultanpur: संघ सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले बोले, भारत माता की जय बोलने से देशभक्ति नहीं होती, निस्वार्थ सेवा जरूरी - सुलतानपुर में दत्तात्रेय होसबोले

सुलतानपुर में संघ सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने संघ के कार्यक्रम में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने क्या कुछ कहा चलिए जानते हैं.

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सुलतानपुर में बोले संघ के सरकार्यवाह: केवल भारत माता की जय बोलने से देश भक्ति नहीं होती, निःस्वार्थ सेवा जरूरी
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Published : Jan 13, 2023, 7:17 PM IST

सुलतानपुरः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने आज यहां देश व समाज को मकर संक्रान्ति पर सामाजिक समरसता कायम करने का संकल्प दिलाया. उन्होंने कहा कि भारत के अमृत काल में मन, समाज, राष्ट्र की दुर्बलता को दूर करना पडे़गा. विश्व के सामने एक श्रेष्ठ समाज के नाते खडे़ होने का सौभाग्य प्राप्त होगा. हम अपने जीवन काल में यह दिखा सकते हैं. भारत के अन्दर यह क्षमता है. भारत का उत्थान अब शुरू हो गया है. जहां-जहां अंधकार है वहां प्रकाश करना होगा. भारत के लिए यह एक स्वर्णिम अवसर है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने ये कहा.


अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान आज मंकर संक्रान्ति उत्सव पर स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए दत्तात्रेय ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत के नव संक्रान्ति के जिस महाभियान को लेकर चला है, उसमें देश के नवजवान, अपनी दीक्षा, सबकी रक्षा, समानता के समरसता के इस मंत्र को अपने जीवन में उतारें. उन्होंने कहा कि यदि श्रीकृष्ण की महानता, श्रीराम की श्रेष्ठता का अपने जीवन में स्थान नहीं हैं तो रामजी की श्रेष्ठता बताने से कुछ नहीं होगा. रामजी के नाम से नहीं रामजी के काम से मनुष्य ऊपर उठता है. भारत माता की जय बोलने से देशभक्ति नहीं होती है. देश के लिए निस्वार्थ सेवा ही देशभक्ति है.

उन्होंने कहा कि हमने एक हजार वर्ष के संघर्ष से कई प्रकार के अनुभव सीखे और अपमान सहन किए. दमन चक्र चला और गुलाम बनकर रहें. हमारे पूर्वजों ने कितने प्रकार के कष्ट सहन किए. त्याग और बलिदान करके इस देश को स्वतंत्र बनाने के लिए उन्होंने प्रयत्न किया. उनका भारत के बारे में क्या सपना था? उस सपने को हम समझे, उसको साकार करने के लिए आवश्यक प्रयत्न जीवन में करके दिखाएं. भारत के अन्दर बुद्धि, प्रतिभा की कमी नहीं है. दुनिया के सामने हमारा आई क्यू कम नहीं हैं. अपने लोगों में उत्साह भरने व चेतना जागृत करने के लिए हमारे देश के महापुरूषों की मालिका (माला) दुनिया के किसी भी देश की सभ्यता से कम नहीं बल्कि सौ गुना अधिक है. देश के नौजवानों के पास चयनित क्षेत्र में दुनिया के किसी भी देश के सामने आगे बढ़ने के लिए आवश्यक बराबरी से अधिक क्षमता है.


कार्यक्रम में मंच पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त संघचालक डॉ. विश्वनाथ लाल निगम, नगर संघचालक अमर पाल सिंह मौजूद रहे. अतिथि परिचय नगर कार्यवाह अजय सिंह तथा एकल गीत अभिषेक शुक्ल ने प्रस्तुत किया. शारीरिक कार्यक्रम विभाग शारीरिक शिक्षण प्रमुख अशोक मिश्र ने कराया. कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संघ के क्षेत्र प्रचारक अनिल, प्रान्त प्रचारक रमेश, सह प्रान्त प्रचारक मुनीष, प्रान्त प्रचारक प्रमुख राम चन्द्र, विभाग प्रचारक अजीत, विभाग संघचालक डॉ. रमाशंकर मिश्र, विभाग कार्यवाह नवीन श्रीवास्तव, जिला संघचालक डॉ. एके सिंह, जिला सह संघचालक अजय गुप्ता व जिला कार्यवाह डॉ पवनेश मिश्र, जिला प्रचारक आशीष, दिलीप बरनवाल रहे.


ये भी पढ़ेंः agriculture robot: अब किसानों की जगह फसलों की देखभाल करेगा ये रोबोट, कुछ ऐसे करेगा काम

सुलतानपुरः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने आज यहां देश व समाज को मकर संक्रान्ति पर सामाजिक समरसता कायम करने का संकल्प दिलाया. उन्होंने कहा कि भारत के अमृत काल में मन, समाज, राष्ट्र की दुर्बलता को दूर करना पडे़गा. विश्व के सामने एक श्रेष्ठ समाज के नाते खडे़ होने का सौभाग्य प्राप्त होगा. हम अपने जीवन काल में यह दिखा सकते हैं. भारत के अन्दर यह क्षमता है. भारत का उत्थान अब शुरू हो गया है. जहां-जहां अंधकार है वहां प्रकाश करना होगा. भारत के लिए यह एक स्वर्णिम अवसर है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने ये कहा.


अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान आज मंकर संक्रान्ति उत्सव पर स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए दत्तात्रेय ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत के नव संक्रान्ति के जिस महाभियान को लेकर चला है, उसमें देश के नवजवान, अपनी दीक्षा, सबकी रक्षा, समानता के समरसता के इस मंत्र को अपने जीवन में उतारें. उन्होंने कहा कि यदि श्रीकृष्ण की महानता, श्रीराम की श्रेष्ठता का अपने जीवन में स्थान नहीं हैं तो रामजी की श्रेष्ठता बताने से कुछ नहीं होगा. रामजी के नाम से नहीं रामजी के काम से मनुष्य ऊपर उठता है. भारत माता की जय बोलने से देशभक्ति नहीं होती है. देश के लिए निस्वार्थ सेवा ही देशभक्ति है.

उन्होंने कहा कि हमने एक हजार वर्ष के संघर्ष से कई प्रकार के अनुभव सीखे और अपमान सहन किए. दमन चक्र चला और गुलाम बनकर रहें. हमारे पूर्वजों ने कितने प्रकार के कष्ट सहन किए. त्याग और बलिदान करके इस देश को स्वतंत्र बनाने के लिए उन्होंने प्रयत्न किया. उनका भारत के बारे में क्या सपना था? उस सपने को हम समझे, उसको साकार करने के लिए आवश्यक प्रयत्न जीवन में करके दिखाएं. भारत के अन्दर बुद्धि, प्रतिभा की कमी नहीं है. दुनिया के सामने हमारा आई क्यू कम नहीं हैं. अपने लोगों में उत्साह भरने व चेतना जागृत करने के लिए हमारे देश के महापुरूषों की मालिका (माला) दुनिया के किसी भी देश की सभ्यता से कम नहीं बल्कि सौ गुना अधिक है. देश के नौजवानों के पास चयनित क्षेत्र में दुनिया के किसी भी देश के सामने आगे बढ़ने के लिए आवश्यक बराबरी से अधिक क्षमता है.


कार्यक्रम में मंच पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त संघचालक डॉ. विश्वनाथ लाल निगम, नगर संघचालक अमर पाल सिंह मौजूद रहे. अतिथि परिचय नगर कार्यवाह अजय सिंह तथा एकल गीत अभिषेक शुक्ल ने प्रस्तुत किया. शारीरिक कार्यक्रम विभाग शारीरिक शिक्षण प्रमुख अशोक मिश्र ने कराया. कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संघ के क्षेत्र प्रचारक अनिल, प्रान्त प्रचारक रमेश, सह प्रान्त प्रचारक मुनीष, प्रान्त प्रचारक प्रमुख राम चन्द्र, विभाग प्रचारक अजीत, विभाग संघचालक डॉ. रमाशंकर मिश्र, विभाग कार्यवाह नवीन श्रीवास्तव, जिला संघचालक डॉ. एके सिंह, जिला सह संघचालक अजय गुप्ता व जिला कार्यवाह डॉ पवनेश मिश्र, जिला प्रचारक आशीष, दिलीप बरनवाल रहे.


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