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सुलतानपुर: दयाशंकर हत्याकांड में 12 साल बाद मिला न्याय, दोषियों को उम्र कैद - सुलतानपुर न्यूज टुडे

दयाशंकर हत्याकांड (Dayashankar murder case) में 12 साल बाद न्याय मिला है. अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय अभय श्रीवास्तव की अदालत ने बुधवार को दो आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. साथ ही 1 लाख से 10 हजार का अर्थदंड लगाया है.

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सुलतानपुर न्यायालय और पुलिस वैन
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Published : Jun 23, 2022, 11:08 AM IST

सुलतानपुर: 12 साल पहले दयाशंकर हत्याकांड (Dayashankar murder case) में बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय अभय श्रीवास्तव की अदालत ने दो आरोपियो को दोषी करार दिया है. अदालत ने आरोपियों को उम्र कैद और एक लाख 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई.

मामला गोसाईगंज थाना क्षेत्र के मधुवन गांव का है. यहां शिवभोले निषाद और रुदई निषाद के खिलाफ कोतवाली देहात थाना क्षेत्र निवासी अभियोगी अमर बहादुर ने मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप था कि उसके भाई दयाशंकर को 22 जुलाई 2010 को आरोपी शिवभोले ने बीमारी का बहाना बताकर अपने घर बुलाया था. इसके बाद से दयाशंकर घर वापस ही नहीं लौटा. दो दिन के बाद दयाशंकर का शव गोसाईगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत स्थित बेलहरी घाट पर मिला.

अभियोग के मुताबिक, आरोपियों ने योजनाबद्व तरीके से उसके भाई दयाशंकर को बुलाकर मौत के घाट उतार दिया था. इस मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ और अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय की अदालत में मामले का विचारण चला. इस दौरान अभियोजन पक्ष ने कुल सात गवाहों और अन्य साक्ष्यों को अदालत में पेश किया गया. साथ ही आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उन्हें दंडित किये जाने की मांग की गयी.

यह भी पढ़ें: PAC Constable Transfer case : कोर्ट ने हेड कांस्टेबलों को सिविल पुलिस से सशस्त्र बल में तबादले पर लगाई रोक

वहीं बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों और तर्को को प्रस्तुत कर आरोपियों को बेकसूर बताया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय अभय श्रीवास्तव ने बुधवार को अभियुक्त शिवभोले निषाद और रुदई निषाद को उम्र कैद की सजा सुनाई. वहीं, कोर्ट ने दोषियों को 55-55 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया.

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सुलतानपुर: 12 साल पहले दयाशंकर हत्याकांड (Dayashankar murder case) में बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय अभय श्रीवास्तव की अदालत ने दो आरोपियो को दोषी करार दिया है. अदालत ने आरोपियों को उम्र कैद और एक लाख 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई.

मामला गोसाईगंज थाना क्षेत्र के मधुवन गांव का है. यहां शिवभोले निषाद और रुदई निषाद के खिलाफ कोतवाली देहात थाना क्षेत्र निवासी अभियोगी अमर बहादुर ने मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप था कि उसके भाई दयाशंकर को 22 जुलाई 2010 को आरोपी शिवभोले ने बीमारी का बहाना बताकर अपने घर बुलाया था. इसके बाद से दयाशंकर घर वापस ही नहीं लौटा. दो दिन के बाद दयाशंकर का शव गोसाईगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत स्थित बेलहरी घाट पर मिला.

अभियोग के मुताबिक, आरोपियों ने योजनाबद्व तरीके से उसके भाई दयाशंकर को बुलाकर मौत के घाट उतार दिया था. इस मामले में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ और अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय की अदालत में मामले का विचारण चला. इस दौरान अभियोजन पक्ष ने कुल सात गवाहों और अन्य साक्ष्यों को अदालत में पेश किया गया. साथ ही आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उन्हें दंडित किये जाने की मांग की गयी.

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वहीं बचाव पक्ष ने अपने साक्ष्यों और तर्को को प्रस्तुत कर आरोपियों को बेकसूर बताया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय अभय श्रीवास्तव ने बुधवार को अभियुक्त शिवभोले निषाद और रुदई निषाद को उम्र कैद की सजा सुनाई. वहीं, कोर्ट ने दोषियों को 55-55 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया.

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