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IFS निहारिका सिंह को ईडी ने भेजा नोटिस, धोखाधड़ी के शिकार निवेशकों को जगी उम्मीद

अनी बुलियन कंपनी में करोडों रुपये की ठगी के मामले में आईएफएस अधिकारी निहारिका को ईडी ने नोटिस दिया है. नोटिस के बाद सुलतानपुर के निवेशकों को पैसे वापस होने की उम्मीद जगी है.अधिकारी पर अलग-अलग थानों में धोखाधड़ी के 17 मामले दर्ज हैं.

अनी बुलियन
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Published : Jun 6, 2023, 8:14 PM IST

सुलतानपुरः अनीबुलियन कंपनी की निदेशक आईएफएस अधिकारी निहारिका सिंह पर यूपी के चार जिलों में करोड़ो रुपये की ठगी के 17 मुकदमे दर्ज हैं. इन मुकदमो में कई वर्षों बीत जाने के बाद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. लेकिन सोमवार को आईएफएस अधिकारी को ईडी ने नोटिस भेजा है. इस नोटिस के बाद सौकड़ों की संख्या में निवेशकों के चेहरे खिल गए हैं. ईडी के नोटिस के बाद निवेशकों को उम्मीद है कि उनका डूबा पैसा वापस हो जाएगा.

निहारिका और अजीत गुप्ता.
निहारिका और अजीत गुप्ता.
दो साल में दोगुना पैसे का लालचः अयोध्या के कुमारगंज निवासी अजीत गुप्ता ने अनी बुलियन नाम से एक कंपनी का कार्यालय सुलतानपुर जिले के बल्दीराय में खोला था. उसने कई जिलों में जाकर ग्राहकों को एक वर्ष में 40 प्रतिशत व 2 वर्ष में रुपये दोगुना करने का लालच दिया. इस दौरान उसने निवेशकों से खूब देकर धन जमा कराया. आरोप है अजीत ग्राहकों के साथ जब मीटिंग लेता था तो अपनी पत्नी निहारिका सिंह को साथ लेकर जाता था. निहारिका सिंह भारतीय विदेश सेवा में अधिकारी हैं. साथ ही इंडोनेशिया के बाली में भारतीय वाणिज्यिक दूतावास में सेवारत हैं. ग्राहकों को लुभाने के लिए निहारिका सिंह मीटिंग में अपनी फोटो प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, सांसद के साथ दिखाया करती थी. जिससे ग्राहकों पर भरोसा रहे.
https://www.etvbharat.com/hindi/uttar-pradesh/state/agra/crime-news-retired-crpf-jawan-fired-bullets-at-his-wife-said-after-the-murder-finished-him/up20230606181000125125518
फरहा खान के साथ IFS निहारिका सिंह की तस्वीर.
कंपनी बंद कर फरारः ऐसा करके अजीत गुप्ता और निहारिका सिंह ने लोगों के करोड़ों रुपये जमा कराए. इसी दौरान 2019 में कंपनी बंद हो गई. अजीत गुप्ता सहित उनके साथी फरार हो गए. इसके बाद पैसा जमा करने वाले निवेशकों ने उनके खिलाफ थानों में मामला दर्ज कराना शुरू कर दिया. इस दौरान निवेशकों ने अजीत गुप्ता समेत उनके साथियों पर धोखाधड़ी के लगभग डेढ़ सौ मुकदमे दर्ज कराए. इस कंपनी की डायरेक्टर निहारिका सिंह थी. लेकिन उनके खिलाफ ज्यादातर केसों में पुलिस दूसरी तहरीर लेकर उनका नाम कटवाकर केस दर्ज करती थी.


मुकदमे को ट्रांसफर कराकर निकलवाया नामः बल्दीराय व हलियापुर थाना में अजीत गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज है. जबकि आईएफएस निहारिका का नाम नहीं है. इनके खिलाफ सुलतानपुर कोतवाली में एक, अयोध्या जिले के कुमारगंज में दो, महराजगंज जिले में एक,अयोध्या कोतवाली थाना में पांच,अयोध्या शहर कोतवाली में एक, रुदौली थाने में एक, पूरा कलंदर थाने में दो, बाराबंकी जिले के रामसनेही घाट थाने में दो, लखनऊ के पीजीआई व गोमतीनगर में एक-एक केस दर्ज हैं. 3 साल से निहारिका के पति जेल में बंद हैं. लेकिन 17 मुकदमे दर्ज होने के बावजूद निहारिका के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. बल्कि कई केस में उनकी संलिप्तता को ही नकार दिया गया. कुमारगंज थाने में मुकदमा अपराध संख्या 62/2020 की विवेचना इनायत नगर थाना स्थांतरित कर उसमे इनका नाम निकाल भी दिया गया. लेकिन अब ईडी ने नोटिस जारी किया तो निवेशकों को धन वापसी की कुछ उम्मीद जगी है.

धोखाधड़ी की चपेट में आए लोग भर रहे फार्मः अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व मनोज कुमार पांडेय ने बताया कि धोखाधड़ी की चपेट में आए लोगों से फार्म भरवाए जा रहे हैं. इसे शासन को भेजा जाएगा. ईडी की जांच के बाद पैसा मिलने पर फार्म भरने वालों को पैसा देने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. इसके लिए सभी तहसीलों में काउंटर संचालित करा दिए गए हैं.

यह भी पढ़ें-रिटायर्ड सीआरपीएफ जवान ने पत्नी पर बरसाईं गोलियां, हत्या के बाद बोला- उसे खत्म कर दिया

सुलतानपुरः अनीबुलियन कंपनी की निदेशक आईएफएस अधिकारी निहारिका सिंह पर यूपी के चार जिलों में करोड़ो रुपये की ठगी के 17 मुकदमे दर्ज हैं. इन मुकदमो में कई वर्षों बीत जाने के बाद भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. लेकिन सोमवार को आईएफएस अधिकारी को ईडी ने नोटिस भेजा है. इस नोटिस के बाद सौकड़ों की संख्या में निवेशकों के चेहरे खिल गए हैं. ईडी के नोटिस के बाद निवेशकों को उम्मीद है कि उनका डूबा पैसा वापस हो जाएगा.

निहारिका और अजीत गुप्ता.
निहारिका और अजीत गुप्ता.
दो साल में दोगुना पैसे का लालचः अयोध्या के कुमारगंज निवासी अजीत गुप्ता ने अनी बुलियन नाम से एक कंपनी का कार्यालय सुलतानपुर जिले के बल्दीराय में खोला था. उसने कई जिलों में जाकर ग्राहकों को एक वर्ष में 40 प्रतिशत व 2 वर्ष में रुपये दोगुना करने का लालच दिया. इस दौरान उसने निवेशकों से खूब देकर धन जमा कराया. आरोप है अजीत ग्राहकों के साथ जब मीटिंग लेता था तो अपनी पत्नी निहारिका सिंह को साथ लेकर जाता था. निहारिका सिंह भारतीय विदेश सेवा में अधिकारी हैं. साथ ही इंडोनेशिया के बाली में भारतीय वाणिज्यिक दूतावास में सेवारत हैं. ग्राहकों को लुभाने के लिए निहारिका सिंह मीटिंग में अपनी फोटो प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति, सांसद के साथ दिखाया करती थी. जिससे ग्राहकों पर भरोसा रहे.
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फरहा खान के साथ IFS निहारिका सिंह की तस्वीर.
कंपनी बंद कर फरारः ऐसा करके अजीत गुप्ता और निहारिका सिंह ने लोगों के करोड़ों रुपये जमा कराए. इसी दौरान 2019 में कंपनी बंद हो गई. अजीत गुप्ता सहित उनके साथी फरार हो गए. इसके बाद पैसा जमा करने वाले निवेशकों ने उनके खिलाफ थानों में मामला दर्ज कराना शुरू कर दिया. इस दौरान निवेशकों ने अजीत गुप्ता समेत उनके साथियों पर धोखाधड़ी के लगभग डेढ़ सौ मुकदमे दर्ज कराए. इस कंपनी की डायरेक्टर निहारिका सिंह थी. लेकिन उनके खिलाफ ज्यादातर केसों में पुलिस दूसरी तहरीर लेकर उनका नाम कटवाकर केस दर्ज करती थी.


मुकदमे को ट्रांसफर कराकर निकलवाया नामः बल्दीराय व हलियापुर थाना में अजीत गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज है. जबकि आईएफएस निहारिका का नाम नहीं है. इनके खिलाफ सुलतानपुर कोतवाली में एक, अयोध्या जिले के कुमारगंज में दो, महराजगंज जिले में एक,अयोध्या कोतवाली थाना में पांच,अयोध्या शहर कोतवाली में एक, रुदौली थाने में एक, पूरा कलंदर थाने में दो, बाराबंकी जिले के रामसनेही घाट थाने में दो, लखनऊ के पीजीआई व गोमतीनगर में एक-एक केस दर्ज हैं. 3 साल से निहारिका के पति जेल में बंद हैं. लेकिन 17 मुकदमे दर्ज होने के बावजूद निहारिका के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. बल्कि कई केस में उनकी संलिप्तता को ही नकार दिया गया. कुमारगंज थाने में मुकदमा अपराध संख्या 62/2020 की विवेचना इनायत नगर थाना स्थांतरित कर उसमे इनका नाम निकाल भी दिया गया. लेकिन अब ईडी ने नोटिस जारी किया तो निवेशकों को धन वापसी की कुछ उम्मीद जगी है.

धोखाधड़ी की चपेट में आए लोग भर रहे फार्मः अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व मनोज कुमार पांडेय ने बताया कि धोखाधड़ी की चपेट में आए लोगों से फार्म भरवाए जा रहे हैं. इसे शासन को भेजा जाएगा. ईडी की जांच के बाद पैसा मिलने पर फार्म भरने वालों को पैसा देने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. इसके लिए सभी तहसीलों में काउंटर संचालित करा दिए गए हैं.

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