सुलतानपुर : एंबुलेंस को एक घंटे तक महज 400 रुपये सुविधा शुल्क न मिलने पर रास्ते में रोके रहने और इसके चलते मरीज की मौत होने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी के चालक को बर्खास्त करवाने के बाद संविदा कंपनी मैनेजर की ओर से चालक और असिस्टेंट के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है. इस दूसरी कार्रवाई से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है.
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सुल्तानपुर के बल्दीराय का मामला
एंबुलेंस कंपनी के प्रोग्राम मैनेजर सुमित प्रताप सिंह की तहरीर पर एंबुलेंस सहायक सर्वेश यादव और चालक राम दर्शन तिवारी के खिलाफ नगर कोतवाली में प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत की गई है. मामला बल्दीराय तहसील के पारा बाजार इलाके में एक घंटे तक सुविधा शुल्क न दिए जाने पर एंबुलेंस रोकने से जुड़ा हुआ है. इसमें गौराबारामऊ निवासी रिंकू पुत्र राम कलप की एंबुलेंस चालक की लापरवाही से मौत हो गई थी.
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डीएम की जांच के बाद एफआईआर : एसपी
एक कॉल पर सरकारी एंबुलेंस मरीज को लाने के लिए गई. एंबुलेंस चालक की तरफ से कदाचार किया गया जिससे रास्ते में मरीज की मौत हो गई. पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग की सख्ती और मैनेजर की तहरीर को संज्ञान में लेते हुए नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है. जिलाधिकारी को दिए गए प्रार्थना पत्र को संज्ञान में लेने के बाद यह कार्रवाई की गई है.
- अरविंद चतुर्वेदी , पुलिस अधीक्षक सुल्तानपुर
सीएमएस से ली गई थी रिपोर्ट : सीएमओ
₹400 की घूस मांगने और एंबुलेंस चालक को सुविधा शुल्क न देने से एंबुलेंस एक घंटे रोके जाने का प्रकरण सामने आया था. इसपर मैंने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से पूरे प्रकरण में जानकारी लेते हुए रिपोर्ट ली थी. इस मामले में चालक समेत अन्य कर्मचारियों को प्रथम दृष्टया दोषी पाया था. - डॉ. धर्मेंद्र त्रिपाठी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुल्तानपुर