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सोनभद्र का उम्भा कांड: ग्रामीणों को दी गई जमीन का हो रहा सीमांकन

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के उम्भा गांव में पिछली साल हुए गोलीकांड के बाद एक बार फिर से प्रशासन अलर्ट है. प्रशासन की ओर से ग्रामीणों को दी गई जमीन का सीमांकन कराया जा रहा है.

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Published : Jul 14, 2020, 12:21 PM IST

सोनभद्र
पत्थरगड़ी करा रहा प्रशासन

सोनभद्र: बीते साल 17 जुलाई को घोरावल थाना क्षेत्र के उम्भा गांव में जमीन विवाद को लेकर हुई गोलीबारी के मामले में जिला प्रशासन अब भी फूंक-फूंककर कदम रख रहा है. इस कांड में 11 लोगों की मौत हुई थी और 27 घायल हो गए थे. उम्भा गांव में हुए गोलीकांड के बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर जांच की गई और सोसाइटी के नाम जो जमीन थी उसको ग्राम समाज किया गया और इस जमीन का पट्टा ग्रामीणों के नाम किया गया. प्रशासन की तरफ से काफी पहले वहां के ग्रामीणों को जमीन दे दी गई थी, लेकिन भविष्य में किसी भी प्रकार का विवाद न हो इसको देखते हुए प्रशासन पत्थर लगाकर जमीन का सीमांकन कर रहा है. इस काम को कुछ दिनों में पूरा कर लिया जाएगा.

उम्भा गोलीकांड के बाद कुल 289 हेक्टेयर जमीन को चिन्हित किया गया. इसमें आबादी, तालाब अन्य चीजों को छोड़कर कुछ जमीनों को ग्राम समाज के नाम भी सुरक्षित रखा गया. इसके बाद कुल 215 हेक्टेयर यानि 861 बीघा जमीन को मूर्तिया ग्राम पंचायत के उम्भा सपही और मूर्तिया के ग्रामीणों को वितरित कर दिया गया. इसमें अधिकतम एक व्यक्ति को 7.5 बीघा जमीन आवंटित की गई. जिसके पास पहले से जमीन थी, उस जमीन को घटाकर उनकी भी जमीन 7.5 बीघा की गई थी.

प्रशासन ने सभी पट्टे धारकों को भूमि की नाप जोख कर कर उन्हें आवंटित कर दिया था, लेकिन कुछ लोग अभी भी जोत-कोड़ नहीं कर पा रहे थे. इसकी जानकारी प्रशासन को लगी तो प्रशासन ने सतर्कता बरते हुए एसडीएम और तहसीलदार की मौजूदगी में पुलिस और पीएसी के साथ जमीन की नापी करा कर पत्थर लगाने का काम शुरू कर दिया है. प्रशासन का मानना है कि इससे भविष्य में भी किसी प्रकार का विवाद होने का खतरा नहीं रहेगा.

जमीन की नापी और पत्थर लगाने का काम देख रहे घोरावल के तहसीलदार विकास कुमार पांडेय का कहना है कि यहां पर 281 लोगों को 861 बीघा जमीन का पट्टा दिया गया था. भविष्य में किसी भी प्रकार का विवाद न हो, इसके मद्देनजर सभी पट्टा धारकों के जमीन का सीमांकन कराकर पत्थर लगाया जा रहा है. जल्द ही इसको पूरा कर लिया जाएगा.

सोनभद्र: बीते साल 17 जुलाई को घोरावल थाना क्षेत्र के उम्भा गांव में जमीन विवाद को लेकर हुई गोलीबारी के मामले में जिला प्रशासन अब भी फूंक-फूंककर कदम रख रहा है. इस कांड में 11 लोगों की मौत हुई थी और 27 घायल हो गए थे. उम्भा गांव में हुए गोलीकांड के बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर जांच की गई और सोसाइटी के नाम जो जमीन थी उसको ग्राम समाज किया गया और इस जमीन का पट्टा ग्रामीणों के नाम किया गया. प्रशासन की तरफ से काफी पहले वहां के ग्रामीणों को जमीन दे दी गई थी, लेकिन भविष्य में किसी भी प्रकार का विवाद न हो इसको देखते हुए प्रशासन पत्थर लगाकर जमीन का सीमांकन कर रहा है. इस काम को कुछ दिनों में पूरा कर लिया जाएगा.

उम्भा गोलीकांड के बाद कुल 289 हेक्टेयर जमीन को चिन्हित किया गया. इसमें आबादी, तालाब अन्य चीजों को छोड़कर कुछ जमीनों को ग्राम समाज के नाम भी सुरक्षित रखा गया. इसके बाद कुल 215 हेक्टेयर यानि 861 बीघा जमीन को मूर्तिया ग्राम पंचायत के उम्भा सपही और मूर्तिया के ग्रामीणों को वितरित कर दिया गया. इसमें अधिकतम एक व्यक्ति को 7.5 बीघा जमीन आवंटित की गई. जिसके पास पहले से जमीन थी, उस जमीन को घटाकर उनकी भी जमीन 7.5 बीघा की गई थी.

प्रशासन ने सभी पट्टे धारकों को भूमि की नाप जोख कर कर उन्हें आवंटित कर दिया था, लेकिन कुछ लोग अभी भी जोत-कोड़ नहीं कर पा रहे थे. इसकी जानकारी प्रशासन को लगी तो प्रशासन ने सतर्कता बरते हुए एसडीएम और तहसीलदार की मौजूदगी में पुलिस और पीएसी के साथ जमीन की नापी करा कर पत्थर लगाने का काम शुरू कर दिया है. प्रशासन का मानना है कि इससे भविष्य में भी किसी प्रकार का विवाद होने का खतरा नहीं रहेगा.

जमीन की नापी और पत्थर लगाने का काम देख रहे घोरावल के तहसीलदार विकास कुमार पांडेय का कहना है कि यहां पर 281 लोगों को 861 बीघा जमीन का पट्टा दिया गया था. भविष्य में किसी भी प्रकार का विवाद न हो, इसके मद्देनजर सभी पट्टा धारकों के जमीन का सीमांकन कराकर पत्थर लगाया जा रहा है. जल्द ही इसको पूरा कर लिया जाएगा.

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