सोनभद्र: जनपद में आठ सूत्रीय मांगों को लेकर लेखपाल लगातार 10 दिसंबर से धरने पर हैं. इसकी वजह से आम लोगों को काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. जनपद में धारा 144 और एस्मा कानून लागू होने के बावजूद भी लेखपाल लगातार धरने पर डटे हुए हैं. जिला प्रशासन की तरफ से अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए 10 लेखपालों की सेवा समाप्त कर दी गई है. इसी के साथ 45 लेखपालों के ऊपर मुकदमा भी दर्ज कराया गया है.
धरना दे रहे लेखपालों पर हुई अनुशासनिक कार्रवाई
- पिछले 10 दिनों से धरना दे रहे लेखपालों पर जिलाधिकारी ने कार्रवाई की है.
- जिलाधिकारी ने लेखपालों की हड़ताल पर रहने को गलत और शासन की मंशा के विपरीत बताया है.
- लेखपालों पर कठोर कार्रवाई करते हुए 10 लोगों की सेवा समाप्त कर दी गई है.
- जिला प्रशासन ने हड़ताल कर रहे लोगों को नोटिस भी दिया है.
- धारा 144 लागू होने के बावजूद धरने पर बैठे 45 लेखपालों पर मुकदमा भी दर्ज कराया गया है.
- नो वर्क नो पे के आधार पर इनके वेतन पर भी रोक लगाई गई है.
जिलाधिकारी ने मीडिया के माध्यम से इन लोगों से अपील भी की है कि जो भी लोग कार्य पर वापस आना चाहते हैं आ सकते हैं. उनके ऊपर से अनुशासनिक कार्रवाई जो भी की गई है उस पर हम लोग सहानुभूति पूर्वक विचार करेंगे.
शासन ने स्पष्ट रूप से कह दिया था कि लेखपालों का हड़ताल नियम विरुद्ध है. इनकी ज्यादातर मांगें पूरी की जा चुकी हैं. जब यह लोग पिछली बार हड़ताल पर थे तो पदोन्नति के लिए पदों की संख्या हो या और भी तमाम भत्ते, लैपटॉप, स्मार्टफोन आदि कई सारी मांगों पर विचार करते हुए शासन ने इनकी मांगें पूरी की हैं. उसके बाद धरने पर बैठना शासन की मंशा के विपरीत था. इसलिए इन लोगों के ऊपर कार्रवाई की गई है.
एस. राजलिंगम, जिलाधिकारी, सोनभद्र