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सोनभद्र: 10 लेखपालों की सेवा समाप्त, 45 पर मुकदमा दर्ज

यूपी के सोनभद्र में धरना दे रहे लेखपालों पर जिला प्रशासन ने अनुशासनिक कार्रवाई की है. यहां धरना दे रहे 10 लेखपालों की सेवा समाप्त कर दी गई. इसके साथ ही 45 अन्य लेखपालों पर मुकदमा भी दर्ज हुआ है.

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धरना कर रहे लेखपालों पर हुई अनुशासनिक कार्रवाई
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Published : Dec 27, 2019, 1:22 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र: जनपद में आठ सूत्रीय मांगों को लेकर लेखपाल लगातार 10 दिसंबर से धरने पर हैं. इसकी वजह से आम लोगों को काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. जनपद में धारा 144 और एस्मा कानून लागू होने के बावजूद भी लेखपाल लगातार धरने पर डटे हुए हैं. जिला प्रशासन की तरफ से अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए 10 लेखपालों की सेवा समाप्त कर दी गई है. इसी के साथ 45 लेखपालों के ऊपर मुकदमा भी दर्ज कराया गया है.

धरना दे रहे लेखपालों पर हुई अनुशासनिक कार्रवाई.

धरना दे रहे लेखपालों पर हुई अनुशासनिक कार्रवाई

  • पिछले 10 दिनों से धरना दे रहे लेखपालों पर जिलाधिकारी ने कार्रवाई की है.
  • जिलाधिकारी ने लेखपालों की हड़ताल पर रहने को गलत और शासन की मंशा के विपरीत बताया है.
  • लेखपालों पर कठोर कार्रवाई करते हुए 10 लोगों की सेवा समाप्त कर दी गई है.
  • जिला प्रशासन ने हड़ताल कर रहे लोगों को नोटिस भी दिया है.
  • धारा 144 लागू होने के बावजूद धरने पर बैठे 45 लेखपालों पर मुकदमा भी दर्ज कराया गया है.
  • नो वर्क नो पे के आधार पर इनके वेतन पर भी रोक लगाई गई है.

जिलाधिकारी ने मीडिया के माध्यम से इन लोगों से अपील भी की है कि जो भी लोग कार्य पर वापस आना चाहते हैं आ सकते हैं. उनके ऊपर से अनुशासनिक कार्रवाई जो भी की गई है उस पर हम लोग सहानुभूति पूर्वक विचार करेंगे.

शासन ने स्पष्ट रूप से कह दिया था कि लेखपालों का हड़ताल नियम विरुद्ध है. इनकी ज्यादातर मांगें पूरी की जा चुकी हैं. जब यह लोग पिछली बार हड़ताल पर थे तो पदोन्नति के लिए पदों की संख्या हो या और भी तमाम भत्ते, लैपटॉप, स्मार्टफोन आदि कई सारी मांगों पर विचार करते हुए शासन ने इनकी मांगें पूरी की हैं. उसके बाद धरने पर बैठना शासन की मंशा के विपरीत था. इसलिए इन लोगों के ऊपर कार्रवाई की गई है.
एस. राजलिंगम, जिलाधिकारी, सोनभद्र

सोनभद्र: जनपद में आठ सूत्रीय मांगों को लेकर लेखपाल लगातार 10 दिसंबर से धरने पर हैं. इसकी वजह से आम लोगों को काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. जनपद में धारा 144 और एस्मा कानून लागू होने के बावजूद भी लेखपाल लगातार धरने पर डटे हुए हैं. जिला प्रशासन की तरफ से अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए 10 लेखपालों की सेवा समाप्त कर दी गई है. इसी के साथ 45 लेखपालों के ऊपर मुकदमा भी दर्ज कराया गया है.

धरना दे रहे लेखपालों पर हुई अनुशासनिक कार्रवाई.

धरना दे रहे लेखपालों पर हुई अनुशासनिक कार्रवाई

  • पिछले 10 दिनों से धरना दे रहे लेखपालों पर जिलाधिकारी ने कार्रवाई की है.
  • जिलाधिकारी ने लेखपालों की हड़ताल पर रहने को गलत और शासन की मंशा के विपरीत बताया है.
  • लेखपालों पर कठोर कार्रवाई करते हुए 10 लोगों की सेवा समाप्त कर दी गई है.
  • जिला प्रशासन ने हड़ताल कर रहे लोगों को नोटिस भी दिया है.
  • धारा 144 लागू होने के बावजूद धरने पर बैठे 45 लेखपालों पर मुकदमा भी दर्ज कराया गया है.
  • नो वर्क नो पे के आधार पर इनके वेतन पर भी रोक लगाई गई है.

जिलाधिकारी ने मीडिया के माध्यम से इन लोगों से अपील भी की है कि जो भी लोग कार्य पर वापस आना चाहते हैं आ सकते हैं. उनके ऊपर से अनुशासनिक कार्रवाई जो भी की गई है उस पर हम लोग सहानुभूति पूर्वक विचार करेंगे.

शासन ने स्पष्ट रूप से कह दिया था कि लेखपालों का हड़ताल नियम विरुद्ध है. इनकी ज्यादातर मांगें पूरी की जा चुकी हैं. जब यह लोग पिछली बार हड़ताल पर थे तो पदोन्नति के लिए पदों की संख्या हो या और भी तमाम भत्ते, लैपटॉप, स्मार्टफोन आदि कई सारी मांगों पर विचार करते हुए शासन ने इनकी मांगें पूरी की हैं. उसके बाद धरने पर बैठना शासन की मंशा के विपरीत था. इसलिए इन लोगों के ऊपर कार्रवाई की गई है.
एस. राजलिंगम, जिलाधिकारी, सोनभद्र

Intro:anchor.. 8 सूत्री मांगों को लेकर जनपद में लेखपाल लगातार 10 दिसंबर से धरने पर हैं जिसकी वजह से आम लोगों को काफी ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ा है वही जनपद में धारा 144 और एस्मा कानून लागू होने के बावजूद भी लेखपाल लगातार धरने पर डटे हुए हैं जिसके बाद जिला प्रशासन की तरफ से 10 लेखपालों की सेवा समाप्त कर दी गई है वहीं 45 लेखपालों के ऊपर मुकदमा भी दर्ज कराया गया है..


Body:vo.. लेखपालों की हड़ताल पर रहने को जिलाधिकारी ने गलत और शासन की मंशा के विपरीत बताया है जिला अधिकारी का कहना है कि शासन ने स्पष्ट रूप से कह दिया था कि लेखपालों का हड़ताल नियम विरुद्ध है इनकी ज्यादातर मांगे पूरी की जा चुकी है चैन की पदोन्नति के लिए पदों की संख्या हो इनको और भी तमाम भत्ते लैपटॉप स्मार्टफोन आदि कई सारी मांगों पर विचार करते हुए शासन ने इनकी मांगे पूरी की है जब यह लोग पिछली बार हड़ताल पर थे उसके बाद धरने पर बैठना शासन की मंशा के विपरीत था इसलिए इन लोगों के ऊपर कार्यवाही भी की गई है


Conclusion:vo.. जिला अधिकारी का कहना है कि इन लोगों पर कठोर कार्यवाही करते हुए 10 लोगों की अभी तक सेवा समाप्त की गई है और नो वर्क नो पे के आधार पर इनके वेतन पर रोक लगाई गई है जितने लोग हड़ताल पर हैं सभी को नोटिस दी गई हैं वहीं मीडिया के माध्यम से इन लोगों से अपील करना चाहता हूं कि जो भी लोग आना चाहते हैं आ सकते हैं उनके ऊपर से अनुशासनिक कार्यवाही जो भी की गई है उस पर हम लोग सहानुभूति पूर्वक विचार करेंगे vo.. अभी तक 10 लेखपाल की सेवा समाप्त की गई है धारा 144 लागू होने के बावजूद धरने पर बैठे 45 लेखपालों के ऊपर जो धरने पर मौजूद थे उनके ऊपर मुकदमा दर्ज कराया गया है नो वर्क नो पे के आधार पर वेतन पर रोक लगाई गई है byte..एस. राजलिंगम जिलाधिकारी सोनभद्र
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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