सोनभद्र: जनपद में गोवर्धन पूजा के दिन न सिर्फ बीर लोरिक पत्थर की पूजा होती है, बल्कि पुरानी परम्पराओं के अनुसार यहां गर्म दूध से स्नान होता है. मान्यता के अनुसार पुजारी और यजमान द्वारा खौलते दूध से स्नान करने पर ही लोगों का कल्याण होता है.
दरअसल गोवर्धन पूजा के दिन सभी यदुवंशी सोनभद्र में लोरिक पत्थर के नीचे इक्कट्ठे होते हैं और फिर पुजारी द्वारा आग प्रज्वलित कर दूध को खौलाया जाता है. मंत्रोचार के साथ इस दूध को तब तक खौलाया जाता है, जब तक कि मंत्र पूरा नहीं हो जाता है. उसके बाद इस खौलते दूध से न सिर्फ पुजारी, बल्कि पूजा पर बैठे यजमान को भी स्नान कराया जाता है.
आंखों में डाला जाता है गर्म दूध
पुजारी का दावा है कि इस दूध से नहाने पर सिर्फ वहीं जलते हैं जो छली - कपटी होते हैं. पुजारी अपने दावे को साबित करने के लिए खौलते ढूध में अपने सिर को डालता है और वहीं यजमान के आंखों में भी गर्म दूध डाल देता है . इतना ही नहीं पुजारी अपने दावे को पुख्ता करने के लिए शक्ति का ऐसा प्रदर्शन करता है, जिसे देख कर आपके भी रोंगटे खड़े हो जायेंगे. पुजारी पास के हवन कुंड में अपने सिर शरीर को आग के हवाले कर देता है.
ये भी पढ़ें:-एक हाथी की तस्वीर ने 1987 के बाद बदल दी एक शहर की दुनिया
गर्म दूध की खीर हाथ में रखने के बाद जल रहा था, जिसको बाबाजी ने ठंडा किया. मेरा मानना है कि हम लोग सही ढंग से व्रत के साथ नहीं आए हैं . कुछ कमियां हैं, जिसकी वजह से हाथ जल गया.
-नेता यादव,यजमान
यह प्रकृति की पूजा इंद्र भगवान का घमंड तोड़ने के लिए श्रीकृष्ण भगवान ने किया था. वहीं गर्म दूध से स्नान और आंखों में डालने पर बताया कि देखने में दूध गर्म दिखता है, लेकिन शरीर पर डालते ही ठंडा हो जाता है. पूजा में बहुत शक्ति है.
-राजेन्द्र,पुजारी