सोनभद्रः प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने वर्चुअल प्रेसवार्ता के माध्यम से पत्रकारों को संबोधित किया. यह प्रेसवार्ता आत्मनिर्भर विषय पर आयोजित थी, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत के दिए गए मंत्र को दीर्घकालिक योजना के बारे में मंत्री ने विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि आज भारत टेक ऑफ की स्थिति में है और भारत के पास अपना मानव संसाधन और बाजार भी है, इसलिए सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को प्रोत्साहित कर रही है.
पूर्व की सरकारों पर आरोप लगाते हुए मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद बड़े उद्योग धंधों पर ही जोर दिया गया, जिससे देश के कुछ ही राज्यों जैसे कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के कुछ ही क्षेत्र में उद्योग धंधों का विकास हुआ. आज हम लोग लोकल फॉर वोकल की बात करते हैं. सीमा पर चीन से तनाव की स्थिति में भी भारत की जनता परेशान नहीं है, क्योंकि हमारी आर्थिक शक्ति बढ़ी है. हमारे पास मानव संसाधन है और हमें मार्केट ढूंढने बाहर भी नहीं जाना है.
इस दौरान डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि 1905 में बंगाल विभाजन के बाद स्वदेशी आंदोलन चलाया गया था. आज हम व्यापक संदर्भ में स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत के मॉडल की बात कर रहे हैं. भारत जैसे बड़े जनसंख्या वाले देश में लघु और कुटीर उद्योगों का विस्तार नहीं हुआ, इनके विस्तार से ही बेरोजगारी की समस्या का समाधान होगा.
कोविड-19 के खतरे से निपटने के प्रयासों के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार ने देश भर के सभी जिला अस्पतालों को वेंटीलेटर और पीपीई किट उपलब्ध कराई. इस आपदा को अवसर के रूप में देखते हुए कृषि क्षेत्र, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन वाले मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहन पैकेज दिया. हमने 80 करोड़ लोगों को राशन उपलब्ध कराया और महामारी के दौरान ही वन नेशन वन राशन कार्ड की शुरुआत हुई.