सोनभद्र : शनिवार को विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में नगर के संकट मोचन मंदिर पर नव संवत्सर 2076 "परिधावि" के स्वागत में 2076 दीप जलाकर भारतीय नववर्ष मनाया गया. दीप प्रज्ज्वलन के बाद हनुमान चालीसा का पाठ किया गया, जिसमें महिलायें, पुरुष व बच्चों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया. इस अवसर पर विहिप के जिला उपाध्यक्ष ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी नव संवत्सर मनाया जा रहा है, जिसके जितने संवत्सर होते हैं, उतने दीप जलाकर नए संवत्सर का स्वागत किया जाता है.
आज 2076 दीप जलाए गए हैं, जिसमें नगर की माताएं, बहने व बच्चों ने बढ़-चढ़ की भाग लिया. विहिप का उद्देश्य है कि भारतीय नव वर्ष के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़े. सबसे प्राचीन कैलेंडर हमारा भारतीय नव वर्ष रहा है और जो भी ब्रेगेरियर कैलेंडर रहे हैं. वे कई सुधारों के बाद आज इस रूप में पहुचे हैं, लेकिन जो भारतीय कैलेंडर था वह सौर गणना पर आधारित था, जो शुद्ध रूप से वैज्ञानिक गणना थी.
जिसके प्रति लोगों की जागरूकता बढ़े,जो लोग इसे रूढ़ीवादी और पुरातन समझते हैं. उनके मन में इस भारतीय संस्कृत के प्रति जो दुर्भावना बनी है वह दूर हो और सद्भावना आये. इसलिए यह कार्यक्रम किये जा रहे हैं. इसके बाद सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. दीप प्रज्वलन के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो आसमान से तारे उतरकर जमीन पर आ गए हो और अपनी रोशनी से पूरे परिसर को अपने आगोश में ले लिए हो.