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सोनभद्र : विहिप ने 2076 दीप जलाकर धूमधाम से मनाया भारतीय नववर्ष

सोनभद्र में विश्व हिंदू परिषद द्वारा नव संवत्सर 2076 "परिधावि" के स्वागत में 2076 दीप जलाकर भारतीय नववर्ष मनाया गया. इस दौरान सभी ने बढ़-चढ़ कर इसमें भाग लिया. दीप प्रज्ज्वलन के बाद सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया गया.

जानकारी देते विश्व हिंदू परिषद के जिला उपाध्यक्ष.
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Published : Apr 6, 2019, 10:42 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST


सोनभद्र : शनिवार को विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में नगर के संकट मोचन मंदिर पर नव संवत्सर 2076 "परिधावि" के स्वागत में 2076 दीप जलाकर भारतीय नववर्ष मनाया गया. दीप प्रज्ज्वलन के बाद हनुमान चालीसा का पाठ किया गया, जिसमें महिलायें, पुरुष व बच्चों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया. इस अवसर पर विहिप के जिला उपाध्यक्ष ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी नव संवत्सर मनाया जा रहा है, जिसके जितने संवत्सर होते हैं, उतने दीप जलाकर नए संवत्सर का स्वागत किया जाता है.

जानकारी देते विश्व हिंदू परिषद के जिला उपाध्यक्ष.


आज 2076 दीप जलाए गए हैं, जिसमें नगर की माताएं, बहने व बच्चों ने बढ़-चढ़ की भाग लिया. विहिप का उद्देश्य है कि भारतीय नव वर्ष के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़े. सबसे प्राचीन कैलेंडर हमारा भारतीय नव वर्ष रहा है और जो भी ब्रेगेरियर कैलेंडर रहे हैं. वे कई सुधारों के बाद आज इस रूप में पहुचे हैं, लेकिन जो भारतीय कैलेंडर था वह सौर गणना पर आधारित था, जो शुद्ध रूप से वैज्ञानिक गणना थी.


जिसके प्रति लोगों की जागरूकता बढ़े,जो लोग इसे रूढ़ीवादी और पुरातन समझते हैं. उनके मन में इस भारतीय संस्कृत के प्रति जो दुर्भावना बनी है वह दूर हो और सद्भावना आये. इसलिए यह कार्यक्रम किये जा रहे हैं. इसके बाद सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. दीप प्रज्वलन के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो आसमान से तारे उतरकर जमीन पर आ गए हो और अपनी रोशनी से पूरे परिसर को अपने आगोश में ले लिए हो.


सोनभद्र : शनिवार को विश्व हिंदू परिषद के नेतृत्व में नगर के संकट मोचन मंदिर पर नव संवत्सर 2076 "परिधावि" के स्वागत में 2076 दीप जलाकर भारतीय नववर्ष मनाया गया. दीप प्रज्ज्वलन के बाद हनुमान चालीसा का पाठ किया गया, जिसमें महिलायें, पुरुष व बच्चों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया. इस अवसर पर विहिप के जिला उपाध्यक्ष ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी नव संवत्सर मनाया जा रहा है, जिसके जितने संवत्सर होते हैं, उतने दीप जलाकर नए संवत्सर का स्वागत किया जाता है.

जानकारी देते विश्व हिंदू परिषद के जिला उपाध्यक्ष.


आज 2076 दीप जलाए गए हैं, जिसमें नगर की माताएं, बहने व बच्चों ने बढ़-चढ़ की भाग लिया. विहिप का उद्देश्य है कि भारतीय नव वर्ष के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़े. सबसे प्राचीन कैलेंडर हमारा भारतीय नव वर्ष रहा है और जो भी ब्रेगेरियर कैलेंडर रहे हैं. वे कई सुधारों के बाद आज इस रूप में पहुचे हैं, लेकिन जो भारतीय कैलेंडर था वह सौर गणना पर आधारित था, जो शुद्ध रूप से वैज्ञानिक गणना थी.


जिसके प्रति लोगों की जागरूकता बढ़े,जो लोग इसे रूढ़ीवादी और पुरातन समझते हैं. उनके मन में इस भारतीय संस्कृत के प्रति जो दुर्भावना बनी है वह दूर हो और सद्भावना आये. इसलिए यह कार्यक्रम किये जा रहे हैं. इसके बाद सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. दीप प्रज्वलन के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो आसमान से तारे उतरकर जमीन पर आ गए हो और अपनी रोशनी से पूरे परिसर को अपने आगोश में ले लिए हो.

Intro:Anchor-आज विश्व हिंदू परिषद सोनभद्र के नेतृत्व में शाम को नगर के संकट मोचन मंदिर पर नव संबतसर 2076 "परिधावि" के स्वागत में 2076 दीप जलाकर भारतीय नववर्ष मनाया गया।दीप प्रज्ज्वलन के बाद हनुमान चालीसा का पाठ किया गया जिसमें महिलाये,पुरुष व बच्चों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया।इस अवसर पर विहिप के जिला उपाध्यक्ष ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी नव संबतसर मनाया जा रहा है,जिसके जितने संबतसर होते है उतने दीप जलाकर नए संबतसर का स्वागत किया जाता है आज नव संबतसर 2076 दीप जलाए गए है जिसमे नगर की माताएं,बहने व बच्चो ने बढ़ चढ़ की भाग लिया है। वही आगे बताया कि विहिप का उद्देश्य है कि भारतीय नव वर्ष के प्रति लोगो की जागरूकता बढ़े।सबसे प्राचीन कैलेंडर हमारा भारतीय नव वर्ष रहा है और जो भी ब्रेगेरियर कैलेंडर रहे है वे कई सुधारो के बाद आज इस रूप में पहुचे है लेकिन जो भारतीय कैलेंडर था वह सौर गणना पर आधारित था जो शुद्ध रूप से वैज्ञानिक गणना थी।जिसके प्रति लोगो की जागरूकता बढ़े,जो लोग इसे रूढ़ीवादी और पुरातन समझते है उनके मन मे इस भारतीय संस्कृत के प्रति जो दुर्भावना बना है वह दूर हो और सद्भावना आये।इसी लिए यह कार्यक्रम किये जा रहे है।इसके बाद सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा।


Body:Vo1-आज विश्व हिंदू परिषद सोनभद्र के नेतृत्व में शाम को नगर के संकट मोचन मंदिर पर नव संबतसर 2076 "परिधावि" के स्वागत में 2076 दीप भारतीय नववर्ष जलाकर मनाया गया।वही सुबह प्राचीन रामजानकी मंदिर पर कार्यकर्ताओं के द्वारा विजय महामंत्र की तेरह माला का जाम किया गया था।दीप प्रज्ज्वलन के बाद हनुमान चालीसा का पाठ किया गया जिसमें महिलाये,पुरुष व बच्चों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया।दीप प्रज्वलन के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो आसमान से तारे उतरकर जमीन पर आ गए हो और अपनी रोशनी से पूरे परिसर को अपने आगोश में ले लिए हो।विहिप कार्यकर्ताओ ने बताया कि भारतीय नव वर्ष के प्रति लोगो की जागरूकता बढ़े इसलिए यह कार्यक्रम किया जा रहा है।सबसे प्राचीन कैलेंडर हमारा भारतीय नव वर्ष रहा है और जो भी ब्रेगेरियर कैलेंडर रहे है वे कई सुधारो के बाद आज इस रूप में पहुचे है लेकिन जो भारतीय कैलेंडर था वह सौर गणना पर आधारित था जो शुद्ध रूप से वैज्ञानिक गणना थी।जिसके प्रति लोगो की जागरूकता बढ़े,जो लोग इसे रूढ़ीवादी और पुरातन समझते है उनके मन मे इस भारतीय संस्कृत के प्रति जो दुर्भावना बना है वह दूर हो और सद्भावना आये।इसी लिए यह कार्यक्रम किये जा रहे है।


Conclusion:Vo2-इस अवसर पर विहिप के उपाध्यक्ष ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी नव संबतसर मनाया जा रहा है,जिसके जितने संबतसर होते है उतने दीप जलाकर नए संबतसर का स्वागत किया जाता है आज नव संबतसर 2076 दीप जलाए गए है जिसमे नगर की माताएं,बहने व बच्चो ने बढ़ चढ़ की भाग लिया है। वही आगे बताया कि विहिप का उद्देश्य है कि भारतीय नव वर्ष के प्रति लोगो की जागरूकता बढ़े।सबसे प्राचीन कैलेंडर हमारा भारतीय नव वर्ष रहा है और जो भी ब्रेगेरियर कैलेंडर रहे है वे कई सुधारो के बाद आज इस रूप में पहुचे है लेकिन जो भारतीय कैलेंडर था वह सौर गणना पर आधारित था जो शुद्ध रूप से वैज्ञानिक गणना थी।जिसके प्रति लोगो की जागरूकता बढ़े,जो लोग इसे रूढ़ीवादी और पुरातन समझते है उनके मन मे इस भारतीय संस्कृत के प्रति जो दुर्भावना बना है वह दूर हो और सद्भावना आये।इसी लिए यह कार्यक्रम किये जा रहे है।इसके बाद सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा। Byte-आयुष कुमार दीन(जिला उपाध्यक्ष,विश्व हिंदू परिषद सोनभद्र) चन्द्रकान्त मिश्रा सोनभद्र मो0 9450323031
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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