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जानें उम्भा गोलीकांड की पूरी कहानी, एक वर्ष में क्या है आरोपियों की स्थिति - police arrested accused

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के उम्भा गोलीकांड में 28 नामजद और 53 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में पुलिस ने ज्यादातर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था और सभी को जेल भेज दिया था.

उम्भा गोलीकांड
उम्भा गोलीकांड
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Published : Jul 17, 2020, 10:17 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र: बीते वर्ष 17 जुलाई को सोनभद्र के उम्भा गोलीकांड में पुलिस की तरफ से 28 नामजद और 53 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में पुलिस ने ज्यादातर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था और सभी को जेल भेज दिया था. हालांकि विवेचना के दौरान कुछ लोगों की संलिप्तता गोलीकांड में नहीं पाए गई, जिसकी वजह से उनके नाम को इस केस से हटा दिया गया. अभी इस मामले में जिला और सत्र न्यायालय में मुकदमा चल रहा है और आरोपी पक्ष के 61 लोग जेल में निरूद्ध है. हालांकि अभी तक किसी को भी जमानत नहीं मिली है.

उम्भा गोलीकांड.
आदिवासियों और मुख्य आरोपी के बीच कहासुनीबीते वर्ष जुलाई माह में जमीनी विवाद को लेकर मुख्य आरोपी यज्ञदत्त जोकि घटना के समय वहां के प्रधान थे, वे अपने कुछ समर्थकों के साथ जमीन पर कब्जा करने गए थे. यज्ञदत्त वहां पर कई ट्रैक्टर के साथ पहुंचे और खेत की जुताई करने लगे. वहीं आदिवासियों और मुख्य आरोपी और उनके साथ गए लोगों के बीच कहासुनी हुई और आदिवासियों ने उन्हें खेत जोतने के लिए मना किया.

विवाद में गोली लगने से 11 लोगों की मौत
इस दौरान विवाद बढ़ा और लाठी-डंडे के साथ गोलियां भी चलीं, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 27 लोग घायल हो गए. हालांकि इस मामले का राजनीतिकरण भी खूब हुआ. दिल्ली से लेकर देश के सभी हिस्सों में इसके विषय में चर्चा हुई. इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित 72 लोगों को गिरफ्तार किया था. इस मामले की विवेचना में 11 लोगों की संलिप्तता नहीं पाई गई, जिसके चलते 11 लोगों के नाम केस से अलग कर दिया गया. वहीं 61 लोग, जोकि जिला कारागार सोनभद्र में निरुद्ध हैं, उनके खिलाफ जिला और सत्र न्यायालय में मुकदमे की कार्रवाई चल रही है. आरोपियों की तरफ से जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी डाली गई, लेकिन हाई कोर्ट की तरफ से किसी को भी जमानत देने से इंकार कर दिया गया.

हालांकि घटना के कुछ दिन बाद मुख्य आरोपी यज्ञदत्त के भाई देवदत्त की पत्नी निधिदत्त ने कोर्ट में 156/3 के तहत अर्जी दी और 75 नामजद और 25 अज्ञात के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर घोरावल कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ. इस मामले की विवेचना के दौरान पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी. इसके बाद आरोपी पक्ष की तरफ से हाईकोर्ट में प्रोटेस्ट दाखिल किया गया.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग
स्थानीय रामलाल ने बताया कि आरोपियों ने जबरदस्ती खेत को जोतना शुरू कर दिया था, जोकि जमीन उनकी नहीं थी. उन्होंने बताया कि उन लोगों ने हाथ जोड़कर बताया कि वे दूसरे की जमीन जोत रहे हैं, इतने में उन लोगों ने गोली चला दी. इस दौरान 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 लोग घायल हो गए.

हालांकि उम्भा गांव में जिस जमीन की वजह से यह घटना हुई थी, वहां की सोसाइटी की सभी जमीनों का प्रदेश सरकार की आदेश पर जांच किया गया और जमीन को सोसाइटी के कब्जे से मुक्त करा दिया गया. पीड़ित परिजनों और घायलों के अलावा मूर्तियां ग्राम सभा के उम्भा, सपही और मूर्तियां के आदिवासियों, जमीन विहीन और कम जमीन वालों को पट्टा कर दिया गया. इसमें कुल 861 बीघा जमीन 281 लोगों को पट्टा किया गया, जिसमें अधिकतम 7.5 बीघा जमीन एक व्यक्ति को दी गई.

सोनभद्र: बीते वर्ष 17 जुलाई को सोनभद्र के उम्भा गोलीकांड में पुलिस की तरफ से 28 नामजद और 53 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में पुलिस ने ज्यादातर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था और सभी को जेल भेज दिया था. हालांकि विवेचना के दौरान कुछ लोगों की संलिप्तता गोलीकांड में नहीं पाए गई, जिसकी वजह से उनके नाम को इस केस से हटा दिया गया. अभी इस मामले में जिला और सत्र न्यायालय में मुकदमा चल रहा है और आरोपी पक्ष के 61 लोग जेल में निरूद्ध है. हालांकि अभी तक किसी को भी जमानत नहीं मिली है.

उम्भा गोलीकांड.
आदिवासियों और मुख्य आरोपी के बीच कहासुनीबीते वर्ष जुलाई माह में जमीनी विवाद को लेकर मुख्य आरोपी यज्ञदत्त जोकि घटना के समय वहां के प्रधान थे, वे अपने कुछ समर्थकों के साथ जमीन पर कब्जा करने गए थे. यज्ञदत्त वहां पर कई ट्रैक्टर के साथ पहुंचे और खेत की जुताई करने लगे. वहीं आदिवासियों और मुख्य आरोपी और उनके साथ गए लोगों के बीच कहासुनी हुई और आदिवासियों ने उन्हें खेत जोतने के लिए मना किया.

विवाद में गोली लगने से 11 लोगों की मौत
इस दौरान विवाद बढ़ा और लाठी-डंडे के साथ गोलियां भी चलीं, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 27 लोग घायल हो गए. हालांकि इस मामले का राजनीतिकरण भी खूब हुआ. दिल्ली से लेकर देश के सभी हिस्सों में इसके विषय में चर्चा हुई. इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित 72 लोगों को गिरफ्तार किया था. इस मामले की विवेचना में 11 लोगों की संलिप्तता नहीं पाई गई, जिसके चलते 11 लोगों के नाम केस से अलग कर दिया गया. वहीं 61 लोग, जोकि जिला कारागार सोनभद्र में निरुद्ध हैं, उनके खिलाफ जिला और सत्र न्यायालय में मुकदमे की कार्रवाई चल रही है. आरोपियों की तरफ से जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी डाली गई, लेकिन हाई कोर्ट की तरफ से किसी को भी जमानत देने से इंकार कर दिया गया.

हालांकि घटना के कुछ दिन बाद मुख्य आरोपी यज्ञदत्त के भाई देवदत्त की पत्नी निधिदत्त ने कोर्ट में 156/3 के तहत अर्जी दी और 75 नामजद और 25 अज्ञात के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर घोरावल कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ. इस मामले की विवेचना के दौरान पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी. इसके बाद आरोपी पक्ष की तरफ से हाईकोर्ट में प्रोटेस्ट दाखिल किया गया.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग
स्थानीय रामलाल ने बताया कि आरोपियों ने जबरदस्ती खेत को जोतना शुरू कर दिया था, जोकि जमीन उनकी नहीं थी. उन्होंने बताया कि उन लोगों ने हाथ जोड़कर बताया कि वे दूसरे की जमीन जोत रहे हैं, इतने में उन लोगों ने गोली चला दी. इस दौरान 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 लोग घायल हो गए.

हालांकि उम्भा गांव में जिस जमीन की वजह से यह घटना हुई थी, वहां की सोसाइटी की सभी जमीनों का प्रदेश सरकार की आदेश पर जांच किया गया और जमीन को सोसाइटी के कब्जे से मुक्त करा दिया गया. पीड़ित परिजनों और घायलों के अलावा मूर्तियां ग्राम सभा के उम्भा, सपही और मूर्तियां के आदिवासियों, जमीन विहीन और कम जमीन वालों को पट्टा कर दिया गया. इसमें कुल 861 बीघा जमीन 281 लोगों को पट्टा किया गया, जिसमें अधिकतम 7.5 बीघा जमीन एक व्यक्ति को दी गई.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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