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सोनभद्रः आजादी के 73 साल बाद भी इस गांव में नहीं पहुंची बिजली

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में कई ऐसे टोले हैं जहां आजादी के 73वें साल में भी बिजली नदारद है. देश के प्रधानमंत्री ने दिसम्बर 2018 में हर घर में बिजली पहुंचाने का दावा भले ही कर दिया है, लेकिन जमीनी हकीकत तो कुछ और बयां कर रही है.

आजादी के 73 साल बाद भी नहीं पहुंची बिजली.
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Published : Aug 2, 2019, 10:40 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्रः देश के प्रधानमंत्री ने दिसम्बर 2018 में हर घर में बिजली पहुंचाने का दावा भले की कर दिए हैं, लेकिन नीति आयोग द्वारा देश के 115 अति पिछड़े जिलों की सूची में शामिल सोनभद्र में कई ऐसे टोले हैं जहां आजादी के 73वें साल में भी बिजली नदारद है.

सोनभद्र में बनती है बिजली
इस जिले का दुर्भाग्य है कि बिजली पैदा करने के बाद भी स्वयं अंधेरे में है. पूरे उत्तर भारत को रोशन करने वाले सोनभद्र के ओबरा विद्युत परियोजना क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी गांव के बाड़ी टोला के लोग आज भी विद्युत व्यवस्था से वंचित हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार विकास कार्यों को लेकर गम्भीर है लेकिन अधिकारी सरकार के आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं.

आजादी के 73 साल बाद भी नहीं पहुंची बिजली

केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के दबाव के बाद बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा खानापूर्ति करने के लिए घरों के बाहर मीटर तो लगा दिए गए, लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी गांव में बिजली नहीं आई. जिसको लेकर गांव के लोग परेशान हैं. गांव के लोगों का कहना है कि गांव में बिजली ना होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. शाम होते ही गांव में अंधेरा छा जाता है.

इसे भी पढ़ेंः- सोनभद्र: प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस कनेक्शन के नाम पर हो रही पैसों की वसूली

क्रशर क्षेत्र में चौबीसों घण्टे बिजली आपूर्ति होती है जबकि बाड़ी गांव इससे लगा हुआ है. यहां ग्रामीण क्षेत्र की बिजली आपूर्ति की जानी है थोड़ा समय लग रहा है. तीन दिन में बिजली आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी.
-विवेक कुमार, उप खण्ड अधिकारी

सोनभद्रः देश के प्रधानमंत्री ने दिसम्बर 2018 में हर घर में बिजली पहुंचाने का दावा भले की कर दिए हैं, लेकिन नीति आयोग द्वारा देश के 115 अति पिछड़े जिलों की सूची में शामिल सोनभद्र में कई ऐसे टोले हैं जहां आजादी के 73वें साल में भी बिजली नदारद है.

सोनभद्र में बनती है बिजली
इस जिले का दुर्भाग्य है कि बिजली पैदा करने के बाद भी स्वयं अंधेरे में है. पूरे उत्तर भारत को रोशन करने वाले सोनभद्र के ओबरा विद्युत परियोजना क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी गांव के बाड़ी टोला के लोग आज भी विद्युत व्यवस्था से वंचित हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार विकास कार्यों को लेकर गम्भीर है लेकिन अधिकारी सरकार के आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं.

आजादी के 73 साल बाद भी नहीं पहुंची बिजली

केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के दबाव के बाद बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा खानापूर्ति करने के लिए घरों के बाहर मीटर तो लगा दिए गए, लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी गांव में बिजली नहीं आई. जिसको लेकर गांव के लोग परेशान हैं. गांव के लोगों का कहना है कि गांव में बिजली ना होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. शाम होते ही गांव में अंधेरा छा जाता है.

इसे भी पढ़ेंः- सोनभद्र: प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस कनेक्शन के नाम पर हो रही पैसों की वसूली

क्रशर क्षेत्र में चौबीसों घण्टे बिजली आपूर्ति होती है जबकि बाड़ी गांव इससे लगा हुआ है. यहां ग्रामीण क्षेत्र की बिजली आपूर्ति की जानी है थोड़ा समय लग रहा है. तीन दिन में बिजली आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी.
-विवेक कुमार, उप खण्ड अधिकारी

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सोनभद्र। देश के प्रधानमंत्री दिसम्बर 2018 में हर घर बिजली पहुचाने का दावा भले की कर दिया है लेकिन नीति आयोग द्वारा देश के 115 अति पिछड़े जिलो की सूची में शामिल सोनभद्र में कई ऐसे टोले जा जहां आजादी के 73 वें साल में भी बिजली नदारद है। इस जिले का दुर्भाग्य है कि बिजली पैदा करने के बाद भी अंधेरे में है। पूरे उत्तर भारत को रोशन करने वाले सोनभद्र के ओबरा विद्युत परियोजना क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी गांव के बाड़ी टोला के लोग आज भी विद्युत व्यवस्था से वंचित हैं। ग्रामीणों का कहना सरकार विकास कार्यो को लेकर गम्भीर है लेकिन अधिकारी सरकार के आदेशों का पालन नही कर रहे है। बाड़ी गांव में आस्क वर्ष बिजली कनेक्शन होने के बाद भी बिजली आपूर्ति नही किया जाना विद्युत विभाग सबसे बड़ी लापरवाही है। इस मामले पर उप खण्ड अधिकारी विवेक कुमार का कहना है कि क्रशर क्षेत्र में चौबीसों घण्टे बिजली आपूर्ति होती है जबकि बाड़ी गांव इससे लगा हुआ है जिसकी वजह यहां ग्रामीण क्षेत्र की बिजली आपूर्ति की जानी है इसलिए देरी लगा रही है।

Body:Vo 1 - केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के दबाव के बाद बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा खानापूर्ति करने के लिए घरों के बाहर मीटर तो लगा दिए गए, लेकिन 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी गांव में बिजली नहीं आई। जिसको लेकर गांव के लोग परेशान हैं। गांव के लोगों का कहना है कि गांव में बिजली ना होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, शाम होते ही गांव में अंधेरा छा जाता है ,लेकिन सरकार मीटर लगा कर गायब है। इस दौरान रेखा देवी, अमृतलाल, सविता, विक्रमा सिंह, दुलारी देवी, रामखेलावन, लीलावती, राधेश्याम, श्याम बिहारी, सविता, बच्चा, पतिया देवी, रामचंद्र, चंदा देवी, रमेश, सोनिया, लल्लू , रीता देवी, राम चरण, मंजू , राज, कबूतरा देवी, सनम, बसंती, विनोद, दुलारी देवी, बुधई, दौलत देवी, राजेश, संगीता, बाबूलाल, सोनिया देवी, रीता, मुन्ना , पुष्पा अन्य सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित रहे।

Vo 2 - एक वर्ष बाद भी गांव में बिजली नही पहुचने पर ग्रामीणों ने कहा कि विद्युत विभाग की गैर जिम्मेदाराना व लापरवाही की वजह से बिजली नही पहुची। केंद्र सरकार ग्रामीण क्षेत्रो में विकास कार्यो को लेकर गम्भीर है लेकिन विभागीय अधिकारी सरकार के आदेशों पर पलीता लगा रहे है।

Byte - सावित्री देवी (ग्रामीण)

Conclusion:Vo 3 - इस मामले पर उप खण्ड अधिकारी विवेक कुमार का कहना है कि क्रशर क्षेत्र में चौबीसों घण्टे बिजली आपूर्ति होती है जबकि बाड़ी गांव इससे लगा हुआ है जिसकी वजह यहां ग्रामीण क्षेत्र की बिजली आपूर्ति की जानी है इसलिए देरी लगा रही है।

Byte - विवेक कुमार (उप खण्ड अधिकारी , विद्युत वितरण खण्ड सोनभद्र)



चन्द्रकान्त मिश्रा
सोनभद्र
मो0 9450323031
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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