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सोनभद्र की वह जमीन जिसने ले ली 10 लोगों की जान

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के उम्भा गांव में 17 जुलाई को दो पक्षों में जमीन विवाद को लेकर गोलीकांड हुआ था. इसको लेकर गांव में राजनीतिक दलों के लोगों का आना जाना शुरू हो गया. सीएम योगी ने एक कमेटी गठित कर जांच करने के आदेश भी दिए हैं.

सोनभद्र का गोलीकांड.
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Published : Jul 25, 2019, 7:19 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र: जिले के घोरावल थाना इलाके के उम्भा गांव में जमीन विवाद को लेकर गोलीकांड हुआ था. इसमें 10 लोगों की मौत और 28 लोग घायल हुए थे. लोगों का कहना है कि खेत की जुताई करने प्रधान पक्ष के लोग आए थे और गोली की घटना का अंजाम देने के बाद यहां से निकल गए थे. जहां पर फायरिंग हुई थी, वहां अब भी गोलियों के निशान बने हुए हैं.

सोनभद्र का गोलीकांड.

कब शुरू हुआ था जमीन विवाद

  • उम्भा गांव जिला मुख्यालय से 75 किलोमीटर दूर है.
  • दिसंबर 2017 में जमीन विवाद ने तूल पकड़ा, जब जमीन को ग्राम प्रधान और उनके रिश्तेदारों के नाम पर की गई थी.
  • इसके बाद 27 फरवरी 2019 को इस जमीन को प्रधान और उनके रिश्तेदारों के नाम दाखिल खारिज की गई थी.
  • ग्रामीण जब जिलाधिकारी के यहां अपील दाखिल करने गए तो अपील को जिलाधिकारी ने खारिज कर दिया.
  • इसके बाद 17 जुलाई को यहां गोलीकांड की घटना घटित हुई.
  • बुधवार 17 जुलाई को हुए इस भीषण गोलीकांड में 10 लोगों की मौत और 28 लोग घायल हो गए.
  • इसके बाद से यहां पर राजनीतिक दलों के लोगों का भी आना जाना शुरू हो गया.
  • सभी राजनीतिक दल के लोग यहां के पीड़ितों से मिल चुके हैं.
  • यूपी के सीएम योगी ने एक कमेटी भी गठित की है, जो गोलीकांड की जांच कर रही है.
  • अपर प्रमुख सचिव राजस्व रेणुका कुमार, मुख्य सचिव श्रम दिनेश चंद्र और मिर्जापुर के मंडलायुक्त आनंद कुमार सिंह को इस कमेटी में रखा गया है.

पुलिस ने इस घटना में 28 नामजद और 50 अज्ञात लोगों को इस घटना का जिम्मेदार बताया है और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. इसमें से 21 नामजद और 17 अज्ञात व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. बाकी लोगों की तलाश जारी है पुलिस का कहना है कि जल्दी उनको गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

सोनभद्र: जिले के घोरावल थाना इलाके के उम्भा गांव में जमीन विवाद को लेकर गोलीकांड हुआ था. इसमें 10 लोगों की मौत और 28 लोग घायल हुए थे. लोगों का कहना है कि खेत की जुताई करने प्रधान पक्ष के लोग आए थे और गोली की घटना का अंजाम देने के बाद यहां से निकल गए थे. जहां पर फायरिंग हुई थी, वहां अब भी गोलियों के निशान बने हुए हैं.

सोनभद्र का गोलीकांड.

कब शुरू हुआ था जमीन विवाद

  • उम्भा गांव जिला मुख्यालय से 75 किलोमीटर दूर है.
  • दिसंबर 2017 में जमीन विवाद ने तूल पकड़ा, जब जमीन को ग्राम प्रधान और उनके रिश्तेदारों के नाम पर की गई थी.
  • इसके बाद 27 फरवरी 2019 को इस जमीन को प्रधान और उनके रिश्तेदारों के नाम दाखिल खारिज की गई थी.
  • ग्रामीण जब जिलाधिकारी के यहां अपील दाखिल करने गए तो अपील को जिलाधिकारी ने खारिज कर दिया.
  • इसके बाद 17 जुलाई को यहां गोलीकांड की घटना घटित हुई.
  • बुधवार 17 जुलाई को हुए इस भीषण गोलीकांड में 10 लोगों की मौत और 28 लोग घायल हो गए.
  • इसके बाद से यहां पर राजनीतिक दलों के लोगों का भी आना जाना शुरू हो गया.
  • सभी राजनीतिक दल के लोग यहां के पीड़ितों से मिल चुके हैं.
  • यूपी के सीएम योगी ने एक कमेटी भी गठित की है, जो गोलीकांड की जांच कर रही है.
  • अपर प्रमुख सचिव राजस्व रेणुका कुमार, मुख्य सचिव श्रम दिनेश चंद्र और मिर्जापुर के मंडलायुक्त आनंद कुमार सिंह को इस कमेटी में रखा गया है.

पुलिस ने इस घटना में 28 नामजद और 50 अज्ञात लोगों को इस घटना का जिम्मेदार बताया है और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. इसमें से 21 नामजद और 17 अज्ञात व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. बाकी लोगों की तलाश जारी है पुलिस का कहना है कि जल्दी उनको गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

Intro:anchor.. जनपद सोनभद्र के घोरावल थाना इलाके के उम्भा जमीनी विवाद को लेकर गोली कांड हुआ था जिसमें 10 लोगों की मौत और 28 लोग घायल हुए हैं आज हम आपको उसी घटना स्थल को दिखाते हैं जहां पर यह गोली कांड हुआ है यह वही घटनास्थल है जहां खेतों में हरी हरी घास और जुदाई दिखाई दे रही है बीच में एक कल्टीवेटर भी पड़ा है लोगों का कहना है कि इसी खेत की जुताई करने प्रधान पक्ष के लोग आए थे और गोली की घटना का अंजाम देने के बाद यहां से निकल गए


Body:vo.. दरअसल यह गांव जिला मुख्यालय से 75 किलोमीटर है यह जमीनी विवाद की तात्कालिक शुरुआत दिसंबर 2017 है जब जमीन को ग्राम प्रधान और उनके परिचितों और रिश्तेदारों के नाम की गई इसके बाद दूसरा मोड़ तब आता है जब 27 फरवरी 2019 को इस जमीन को प्रधान और उनके परिचितों के नाम दाखिल खारिज की जाती है इसके बाद ग्रामीण जब जिलाधिकारी के यहां अपील दाखिल करते हैं तो वह अपील को जिला अधिकारी ने खारिज कर दिया जिसके बाद 17 जुलाई को यह गोली कांड की घटना घटित हुई

वो.. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि यह जो पुलिया बनी हुई है इस पर किस प्रकार गोलियों की बौछार हुई और अब भी गोलियों के निशान इस पर बने हुए जब प्रधान पक्ष के लोग गोलियां चलाने लगे तो यहां पर लो गिर गए उसके बाद प्रधान पक्ष के लोग यहां से भाग गए




Conclusion:vo.. बुधवार 17 जुलाई को हुए इस भीषण गोलीकांड में 10 लोगों की मौत और 28 लोग घायल हो गए हैं इसके बाद से यहां पर राजनीतिक दलों के लोगों का भी आना जाना शुरू हो गया है लगभग लगभग सभी राजनीतिक दल के लोग यहां के पीड़ितों से मिल चुके हैं साथ में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ में एक कमेटी भी गठित की है जो इसकी जांच कर रही है जिसमें अपर प्रमुख सचिव राजस्व रेणुका कुमार,मुख्य सचिव श्रम दिनेश चंद्र और मिर्जापुर के मंडलायुक्त आनंद कुमार सिंह को इस कमेटी में रखा गया है जो कि 10 दिन के अंदर जांच कर शासन को रिपोर्ट सौंपेंगे

vo.. जहां तक पुलिस प्रशासन की बात है अभी तक पुलिस ने इस घटना में 28 नामजद और 50 अज्ञात लोगों को इस घटना का जिम्मेदार बताया है और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है जिसमें से 21 नामजद और 17 अज्ञात व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और बाकी लोगों की तलाश जारी है पुलिस का कहना है कि जल्दी उनको गिरफ्तार कर लिया जाएगा
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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