सोनभद्र: जिले के घोरावल थाना इलाके के उम्भा गांव में जमीन विवाद को लेकर गोलीकांड हुआ था. इसमें 10 लोगों की मौत और 28 लोग घायल हुए थे. लोगों का कहना है कि खेत की जुताई करने प्रधान पक्ष के लोग आए थे और गोली की घटना का अंजाम देने के बाद यहां से निकल गए थे. जहां पर फायरिंग हुई थी, वहां अब भी गोलियों के निशान बने हुए हैं.
कब शुरू हुआ था जमीन विवाद
- उम्भा गांव जिला मुख्यालय से 75 किलोमीटर दूर है.
- दिसंबर 2017 में जमीन विवाद ने तूल पकड़ा, जब जमीन को ग्राम प्रधान और उनके रिश्तेदारों के नाम पर की गई थी.
- इसके बाद 27 फरवरी 2019 को इस जमीन को प्रधान और उनके रिश्तेदारों के नाम दाखिल खारिज की गई थी.
- ग्रामीण जब जिलाधिकारी के यहां अपील दाखिल करने गए तो अपील को जिलाधिकारी ने खारिज कर दिया.
- इसके बाद 17 जुलाई को यहां गोलीकांड की घटना घटित हुई.
- बुधवार 17 जुलाई को हुए इस भीषण गोलीकांड में 10 लोगों की मौत और 28 लोग घायल हो गए.
- इसके बाद से यहां पर राजनीतिक दलों के लोगों का भी आना जाना शुरू हो गया.
- सभी राजनीतिक दल के लोग यहां के पीड़ितों से मिल चुके हैं.
- यूपी के सीएम योगी ने एक कमेटी भी गठित की है, जो गोलीकांड की जांच कर रही है.
- अपर प्रमुख सचिव राजस्व रेणुका कुमार, मुख्य सचिव श्रम दिनेश चंद्र और मिर्जापुर के मंडलायुक्त आनंद कुमार सिंह को इस कमेटी में रखा गया है.
पुलिस ने इस घटना में 28 नामजद और 50 अज्ञात लोगों को इस घटना का जिम्मेदार बताया है और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. इसमें से 21 नामजद और 17 अज्ञात व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. बाकी लोगों की तलाश जारी है पुलिस का कहना है कि जल्दी उनको गिरफ्तार कर लिया जाएगा.