सोनभद्रः देशभर के अति पिछड़े और आकांक्षी जनपदों के बीच सोनभद्र को तीव्र गति से विकास के लिए प्रथम स्थान पर मिला है. केंद्र सरकार के नीति आयोग द्वारा जारी सूची में, विभिन्न राज्यों के 112 अति पिछड़े जिलों के बीच सोनभद्र विकास के विभिन्न मानदंडों पर खरा उतरने पर प्रथम स्थान मिला. नीति आयोग ने मार्च 2021 माह तक की सूची जारी की है.
जिला विकास अधिकारी अमितपाल शर्मा ने बताया कि विकास के विभिन्न मानकों जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्तीय समावेशन, आधारभूत संरचना समेत कई मानकों की कसौटी पर खरा उतरने पर नीति आयोग द्वारा मार्च माह की जारी सूची में सोनभद्र जिले को प्रथम स्थान मिला है. मुख्य विकास अधिकारी ने इसे एक टीमवर्क का परिणाम बताते हुए इसका श्रेय मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और कर्मचारियों को दिया है. बेसिक शिक्षा के क्षेत्र में स्मार्ट क्लास, फर्नीचर, फर्श, शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान दिया गया. इसके साथ-साथ बच्चों के ट्रांजिशनल रेट को भी काफी कम रखा गया है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में ग्रामीण स्वास्थ्य और पोषण पर ध्यान दिया गया. इसकी मॉनिटरिंग के लिए ऐप भी विकसित किया गया है. इसके अलावा कौशल विकास और अन्य क्षेत्रों में भी काम किया गया है.
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नीति आयोग द्वारा जारी सूची में उत्तर प्रदेश के सोनभद्र को प्रथम स्थान, राजस्थान के जैसलमेर को दूसरा स्थान और असम के बारपेटा जिले को तीसरा स्थान मिला है. इसके अलावा झारखंड के लातेहार जिले को पांचवां स्थान, आंध्र प्रदेश के वाईएसआर जिले को सातवां स्थान, छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले को 15वां स्थान, मध्य प्रदेश के गुना को 21 वां स्थान, केरल के वायनाड जिले को 29 वां स्थान, बिहार के गया जिले के 38वां स्थान, उड़ीसा के कालाहांडी को 51वां स्थान, झारखंड के रांची जिले को 78वां स्थान, जम्मू कश्मीर के बारामूला को 98वां स्थान दिया गया है. वहीं झारखंड का चतरा जिला इस सूची में अंतिम (112) पायदान पर है.