सोनभद्र: लॉकडाउन ने प्राइमरी पढ़ाई के क्षेत्र में तकनीक के इस्तेमाल के नए द्वार खोल दिए हैं. इसके लिए वाट्सएप, दीक्षा एप और ऑनलाइन पाठशाला जैसे सोशल प्लेटफार्म का उपयोग भी किया जा रहा है. ऑनलाइन कक्षाओं से बच्चे घर पर बड़े मजे से अपनी पढ़ाई कर रहते नजर आ रहे हैं. जिससे प्रेरित होकर अब कुछ अभिभावक अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल की जगह परिषदीय विद्यालय में दाखिला दिलाने का मन बना रहे हैं.
लॉकडाउन में ऑनलाइन पढ़ाई-
लॉकडाउन की वजह से सभी विद्यालय भी बंद है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसको ध्यान में रखते हुए शिक्षक ऑनलाइन कक्षाओं का सहारा ले रहे हैं. और इसका जरिया बना है मोबाइल.
अभिभावक हो रहे प्रेरित-
परिषदीय विद्यालय की पहल ने अभिभावकों को भी प्रेरित किया है. अब अभिभावक अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल की जगह परिषदीय विद्यालय में दाखिला दिलाने का मन बना रहे हैं.
सोशल प्लेटफार्म बना जरिया-
लॉकडाउन में सभी विद्यालय बंद होने के बाद अध्यापकों ने सोशल प्लेटफार्म को अपना जरिया बनाया. जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित ना हो सके. व्हाट्सएप, दीक्षा एप और ऑनलाइन पाठशाला के जरिये बच्चों को घर बैठे अध्यापक पढ़ा रहे हैं. अध्यापक बच्चों को व्हाट्सएप के माध्यम से कार्य देते हैं. जिसे बकायदा चेक भी करते हैं और गलत होने पर बच्चों को समझाते भी हैं. इसी के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जा रहा है.
राबर्ट्सगंज विकासखंड के बिच्छी प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाने वाले प्रधानाध्यापक संतोष चौरसिया बताते हैं कि लॉकडाउन के कारण वह ऑनलाइन क्लासेज चला रहे हैं, ताकि बच्चों की पढ़ाई पूरी होती रहे. उनका बच्चों से कन्वर्सेशन होता रहे उनकी पढ़ाई बिल्कुल न रुके इसलिए ऑनलाइन क्लास चलाई जा रही हैं. उन्होंने आगे बताया कि अभी टेक्नोलॉजी का समय है. जिससे आसानी से बच्चों की क्लासेस चलाई जा सकती हैं.
बेसिक शिक्षा विभाग निदेशालय से निर्देश मिला है. इसके लिए तमाम माध्यम से कक्षाएं चल रही है. जैसे दीक्षा एप, समस्त विद्यालयों का व्हाट्सएप समूह, अध्यापक और बच्चों का बोलो एप और ई-पाठशाला है. शुरुआती दौर में कुछ अध्यापकों ने ही काम किया. लेकिन आज 750 विद्यालय ऑनलाइन लर्निंग की तरफ बढ़ चुके हैं. 12 हजार बच्चे जुड़े हैं ढ़ाई हजार अध्यापक इससे जुड़ चुके हैं. प्रतिदिन इस में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है. निश्चित तौर पर आज की स्थिति को देखते हुए ऑनलाइन शिक्षा एक बेहतर विकल्प मुहैया करा रहा है.
-डॉ. गोरखनाथ पटेल, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी