सोनभद्र: उत्तर प्रदेश और झारखंड को विभाजित करने वाली सतत वाहिनी नदी के अस्तित्व बचाने को लिए स्थानीय नौजवानों ने कमर कस ली है. प्रतिदिन 9:00 बजे से 11:00 बजे तक सन क्लब सोसायटी के युवकों की टीम नदी की सफाई का कार्य कर रही हैं, इसके तहत लगभग 300 मीटर नदी की सफाई हो चुकी है. युवकों का दावा है कि महीने भर के अंदर 1 किलोमीटर से अधिक नदी की सफाई कर ली जाएगी.
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नदी में जमी घास और लड़ई
विण्ढमगज नगर सततवाहिनी नदी के किनारे बसा हुआ है. नदी में अवैध खनन और प्रदूषण के कारण आज यह नदी अपने पहचान ही खोती जा रही है. नदी में बालू ना होने के की वजह से पूरे नदी में घास, लड़ई (एक तरह का लम्बा घास ) जमा हुआ है. वहीं नगर का कचरा और नाली का पानी नदी के अस्तित्व को समाप्त कर रहा है.
नदी के अस्तित्व को बचाने का लिया संकल्प
सन क्लब सोसायटी के 25 से 30 युवकों की टीम बनाकर नदी की सफाई का संकल्प लिया है. प्रतिदिन 9:00 बजे से 11:00 बजे तक श्रमदान कर इस नदी की सफाई की जाएगी. वहीं गांव के बुजुर्ग ने बताया कि सन क्लब सोसायटी के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों की टीम के द्वारा हर वर्ष नदी की सफाई की जाती है.
हमारे देश के प्रधानमंत्री स्वयं महाबलीपुरम में समुद्र तट का सफाई कर सकते हैं. तो हम लोग क्यों नहीं अपनी नदियों की सफाई कर सकते हैं. हम लोगों की 25 से 30 लोगों की टीम है, जिसने संकल्प लिया है कि कम से कम एक किलोमीटर नदी की सफाई करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रेरित होकर ही हम लोगों ने संकल्प लिया है.
-राजेश कुमार गुप्ता, अध्यक्ष, सन क्लब