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956 एकड़ जमीन का एनसीएल ने नहीं किया है अधिग्रहण: प्रहलाद जोशी

कोयला एवं खान मंत्री प्रहलाद जोशी ने राज्यसभा सांसद राम सकल के सवाल का जवाब पत्र के माध्यम से दिया है. उन्होंने जवाब दिया कि जितनी भूमि को अधिग्रहित किया गया है उसका मुआवजा और नौकरी नियमानुसार दी जा चुकी है. वहीं 956 एकड़ जमीन, जोकि चिन्हित की गई थी, उसका अधिग्रहण नहीं किया गया है.

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मंत्री.
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Published : Aug 25, 2020, 9:44 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:14 PM IST

सोनभद्र: राज्यसभा सांसद राम सकल ने जनपद में स्थित नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ककरी एवं बीना परियोजना द्वारा अधिग्रहित भूमि का मुआवजा एवं नौकरी दिए जाने का मामला सदन में उठाया था. इसका जवाब केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला एवं खनन मंत्री प्रहलाद जोशी ने राज्यसभा सांसद राम सकल को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि जितनी भूमि को अधिग्रहित किया गया है उसका मुआवजा और नौकरी नियमानुसार दी जा चुकी है. वहीं 956 एकड़ जमीन, जोकि चिन्हित की गई थी, उसका अधिग्रहण नहीं किया गया है. लिहाजा उसका मुआवजा व नौकरी नहीं दी गई है.

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पत्र की कॉपी.

उन्होंने जवाब दिया कि अगर भविष्य में उस जमीन का अधिग्रहण किया जाता है, तो नियमानुसार काश्तकारों को मुआवजा एवं नौकरी प्रदान की जाएगी. प्रह्लाद जोशी ने पत्र के माध्यम से बताया है कि मैंने इस मामले की जानकारी प्राप्त की है. इस संबंध में एनसीएल ने यह सूचित किया है कि कंपनी द्वारा वर्ष 1981-82 में ककरी एवं बीना परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया था. इसके अनुसार, आधिपत्य में ली गई भूमि का भुगतान भू-स्वामियों और काश्तकारों को किया गया है.

पात्रता मानदंड के अनुसार, उन्हें रोजगार भी प्रदान किया गया है. कंपनी द्वारा कुछ क्षेत्र की भूमि जो ज्यादातर अधिक आबादी वाले हैं. इन ग्रामों के ग्राम वासियों को दूसरी जगह पुनर्स्थापन एवं पुनर्वास करना मुश्किल है. इस प्रकार कंपनी ककरी परियोजना में ग्राम परासी ककरी ओडी में 412 एकड़ और बीना परियोजना में योगी चौरा, भैरवा, मरक और अन्य की 544.60 एकड़ भूमि का कब्जा काश्तकारों से नहीं लिया गया है. कंपनी द्वारा परियोजना के लिए उपयोग हेतु जमीन का कब्जा लेने के पश्चात जमीन का मुआवजा और रोजगार भू-स्वामियों को नियमानुसार प्रदान किया जाएगा.

सोनभद्र: राज्यसभा सांसद राम सकल ने जनपद में स्थित नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड ककरी एवं बीना परियोजना द्वारा अधिग्रहित भूमि का मुआवजा एवं नौकरी दिए जाने का मामला सदन में उठाया था. इसका जवाब केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला एवं खनन मंत्री प्रहलाद जोशी ने राज्यसभा सांसद राम सकल को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि जितनी भूमि को अधिग्रहित किया गया है उसका मुआवजा और नौकरी नियमानुसार दी जा चुकी है. वहीं 956 एकड़ जमीन, जोकि चिन्हित की गई थी, उसका अधिग्रहण नहीं किया गया है. लिहाजा उसका मुआवजा व नौकरी नहीं दी गई है.

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पत्र की कॉपी.

उन्होंने जवाब दिया कि अगर भविष्य में उस जमीन का अधिग्रहण किया जाता है, तो नियमानुसार काश्तकारों को मुआवजा एवं नौकरी प्रदान की जाएगी. प्रह्लाद जोशी ने पत्र के माध्यम से बताया है कि मैंने इस मामले की जानकारी प्राप्त की है. इस संबंध में एनसीएल ने यह सूचित किया है कि कंपनी द्वारा वर्ष 1981-82 में ककरी एवं बीना परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया था. इसके अनुसार, आधिपत्य में ली गई भूमि का भुगतान भू-स्वामियों और काश्तकारों को किया गया है.

पात्रता मानदंड के अनुसार, उन्हें रोजगार भी प्रदान किया गया है. कंपनी द्वारा कुछ क्षेत्र की भूमि जो ज्यादातर अधिक आबादी वाले हैं. इन ग्रामों के ग्राम वासियों को दूसरी जगह पुनर्स्थापन एवं पुनर्वास करना मुश्किल है. इस प्रकार कंपनी ककरी परियोजना में ग्राम परासी ककरी ओडी में 412 एकड़ और बीना परियोजना में योगी चौरा, भैरवा, मरक और अन्य की 544.60 एकड़ भूमि का कब्जा काश्तकारों से नहीं लिया गया है. कंपनी द्वारा परियोजना के लिए उपयोग हेतु जमीन का कब्जा लेने के पश्चात जमीन का मुआवजा और रोजगार भू-स्वामियों को नियमानुसार प्रदान किया जाएगा.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:14 PM IST
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