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Tiger In Sonbhadra : सोनभद्र में भटक रहा आदमखोर बाघ, दहशत में जी रहे ग्रामीण

सोनभद्र जिले में एक आदमखोर बाघ होने की सूचना मिली है. क्षेत्र में बाघ के घूमने से ग्रामीणों व वनकर्मियों में दहशत है. वन रेंजर ने ग्रामीणों को जागरूक किया और रात्रि गश्त भी की है.

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आदमखोर बाघ
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Published : Feb 24, 2023, 4:17 PM IST

आदमखोर बाघ

सोनभद्रः बीजपुर थाना क्षेत्र के छत्तीसगढ़ से सटे जंगलों में आदमखोर बाघ की दहशत से हड़कंप की स्थिति है. लोग काफी भयभीत भी हैं. बताया जा रहा है कि स्थानीय लोगों को मंगलवार रात में बाघ की दहाड़ सुनाई दी थी, जिससे आसपास के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. इसको देखते हुए वन विभाग की टीम सक्रिय हो गई है और जरहां वन रेंज के रेंजर समेत वनकर्मियों ने गुरुवार पूरी रात बीजपुर क्षेत्र के, लखवार महुली, बीयाडांड़, अंजानी, नेमना गांवों में गश्त की और लोगों को जागरूक भी किया.

जरहा वन रेंज के रेंजर राजेश सिंह ने बताया कि मंगलवार को स्थानीय लोगों के साथ ही वनकर्मियों ने भी बाघ के दहाड़ने की आवाज सुनी. रेंजर राजेश सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ की सीमा पर, नवाटोला के पास ही मंजुल संरचना नाम की एक पहाड़ी है जो बाघों के रहने के लिए मुफीद है. इसमें ही बाघ के एक जोड़े की होने की संभावना जताई जा रही है, जो छत्तीसगढ़ के सेंचुरी क्षेत्र से भटककर आया है.

उन्होंने कहा कि इसमें से नर बाघ आदमखोर है, जिसने छत्तीसगढ़ में भी कई घटनाएं की हैं और लोगों पर हमला किया है. आदमखोर बाघ केवल इंसानों के मांस को ही पसंद करता है, जबकि मादा बाघ आदमखोर नहीं है. वन विभाग की टीम ने बीती रात गस्त किया और स्थानीय ग्रामीणों से मिलकर उन्हें आदमखोर बाघ के खतरे के बारे में जागरूक किया. उन्होंने कहा कि यहां के ज्यादातर लोग पास में ही स्थित एनटीपीसी परियोजना में काम करते हैं और उन्हें देर रात्रि भी आवागमन करना पड़ता है.

ऐसे में उन्हें यह समझाया गया है कि वह अकेले न निकले और ग्रुप में ही घर से आवागमन करें. साथ ही अपने पास एक मशाल रखें और आदमखोर बाघ के देखने पर तत्काल उस मशाल को जला दें, जिससे बाघ नजदीक नहीं आएगा. रेंजर राजेश सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों को सूचना दे दी है. जल्द ही कुछ अधिकारी भी मौके पर पहुंच कर जायजा लेंगे.

रेंजर राजेश सिंह ने बताया कि यहां के ज्यादातर स्थानीय लोग एनटीपीसी बिजली उत्पादन परियोजनाओं में काम करते हैं और उन्हें देर रात्रि आवागमन करना होता है, ऐसे में उन पर खतरा बना हुआ है. लोगों को इस संबंध में जागरूक किया जा रहा है. आवासीय परिसर में भी बाघ के खतरे को देखते हुए डर का माहौल है. हालांकि परियोजना प्रशासन से इस संबंध में भी कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हो सकी है, लेकिन वन विभाग ने इस संबंध में जानकारी प्रशासन को दे दी है. रात्रि गश्त के दौरान बीती रात्रि क्षेत्रीय वन अधिकारी जरहां राजेश सिंह के साथ राजकुमार वन दरोगा, राजबली वन रक्षक, राजेन्द्र प्रसाद उपाध्याय वन रक्षक, परवेज, नरेंद्र, देवकुमार आदि लोग शामिल थे.

पढ़ेंः यूपीः VIDEO में देखिए लखीमपुर खीरी में दहशत का पर्याय बना बाघ कैसे पकड़ा गया

आदमखोर बाघ

सोनभद्रः बीजपुर थाना क्षेत्र के छत्तीसगढ़ से सटे जंगलों में आदमखोर बाघ की दहशत से हड़कंप की स्थिति है. लोग काफी भयभीत भी हैं. बताया जा रहा है कि स्थानीय लोगों को मंगलवार रात में बाघ की दहाड़ सुनाई दी थी, जिससे आसपास के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. इसको देखते हुए वन विभाग की टीम सक्रिय हो गई है और जरहां वन रेंज के रेंजर समेत वनकर्मियों ने गुरुवार पूरी रात बीजपुर क्षेत्र के, लखवार महुली, बीयाडांड़, अंजानी, नेमना गांवों में गश्त की और लोगों को जागरूक भी किया.

जरहा वन रेंज के रेंजर राजेश सिंह ने बताया कि मंगलवार को स्थानीय लोगों के साथ ही वनकर्मियों ने भी बाघ के दहाड़ने की आवाज सुनी. रेंजर राजेश सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ की सीमा पर, नवाटोला के पास ही मंजुल संरचना नाम की एक पहाड़ी है जो बाघों के रहने के लिए मुफीद है. इसमें ही बाघ के एक जोड़े की होने की संभावना जताई जा रही है, जो छत्तीसगढ़ के सेंचुरी क्षेत्र से भटककर आया है.

उन्होंने कहा कि इसमें से नर बाघ आदमखोर है, जिसने छत्तीसगढ़ में भी कई घटनाएं की हैं और लोगों पर हमला किया है. आदमखोर बाघ केवल इंसानों के मांस को ही पसंद करता है, जबकि मादा बाघ आदमखोर नहीं है. वन विभाग की टीम ने बीती रात गस्त किया और स्थानीय ग्रामीणों से मिलकर उन्हें आदमखोर बाघ के खतरे के बारे में जागरूक किया. उन्होंने कहा कि यहां के ज्यादातर लोग पास में ही स्थित एनटीपीसी परियोजना में काम करते हैं और उन्हें देर रात्रि भी आवागमन करना पड़ता है.

ऐसे में उन्हें यह समझाया गया है कि वह अकेले न निकले और ग्रुप में ही घर से आवागमन करें. साथ ही अपने पास एक मशाल रखें और आदमखोर बाघ के देखने पर तत्काल उस मशाल को जला दें, जिससे बाघ नजदीक नहीं आएगा. रेंजर राजेश सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों को सूचना दे दी है. जल्द ही कुछ अधिकारी भी मौके पर पहुंच कर जायजा लेंगे.

रेंजर राजेश सिंह ने बताया कि यहां के ज्यादातर स्थानीय लोग एनटीपीसी बिजली उत्पादन परियोजनाओं में काम करते हैं और उन्हें देर रात्रि आवागमन करना होता है, ऐसे में उन पर खतरा बना हुआ है. लोगों को इस संबंध में जागरूक किया जा रहा है. आवासीय परिसर में भी बाघ के खतरे को देखते हुए डर का माहौल है. हालांकि परियोजना प्रशासन से इस संबंध में भी कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हो सकी है, लेकिन वन विभाग ने इस संबंध में जानकारी प्रशासन को दे दी है. रात्रि गश्त के दौरान बीती रात्रि क्षेत्रीय वन अधिकारी जरहां राजेश सिंह के साथ राजकुमार वन दरोगा, राजबली वन रक्षक, राजेन्द्र प्रसाद उपाध्याय वन रक्षक, परवेज, नरेंद्र, देवकुमार आदि लोग शामिल थे.

पढ़ेंः यूपीः VIDEO में देखिए लखीमपुर खीरी में दहशत का पर्याय बना बाघ कैसे पकड़ा गया

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