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सोनभद्र में रहस्यमय बीमारी का प्रकोप, 3 महीने में 50 लोगों की मौत - कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मकसूद खान

जिले के म्योरपुर ब्लॉक के मकरा ग्राम पंचायत में पिछले कई माह से अज्ञात बीमारी की चपेट में आने से करीब 50 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, लाख प्रयास के बाद भी मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.

सोनभद्र में रहस्यमय बीमारी का प्रकोप
सोनभद्र में रहस्यमय बीमारी का प्रकोप
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Published : Dec 7, 2021, 8:25 AM IST

सोनभद्र: सोनभद्र जिले के म्योरपुर ब्लॉक के मकरा ग्राम पंचायत में पिछले कई माह से अज्ञात बीमारी की चपेट में आने से करीब 50 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, लाख प्रयास के बाद भी मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. मकरा ग्राम पंचायत में 15 से अधिक टोले अथवा मजरे हैं, जिनमें बुखार की चपेट में आने से पिछले तीन माह में लगभग 50 मौतें हो चुकी हैं.

पिछले कुछ दिनों में लगातार मौतें होने पर प्रशासन की नींद टूटी और प्रशासन अब गांव में कीटनाशक का छिड़काव, मच्छरदानी वितरण, गांव में साफ-सफाई, गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कैंप लगाकर मरीजों की जांच कराने में लगा हुआ है. लेकिन अभी भी मकरा ग्राम पंचायत में बीमार लोगों की मौत का सिलसिला रुका नहीं है.

सोनभद्र में रहस्यमय बीमारी का प्रकोप

मौतों की संख्या को देखते हुए इस गांव में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के दौरे भी शुरू हो गए हैं, जो इन ग्रामीणों से मिलकर इनका हाल-चाल ले रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ प्रशासन मौतों की सही संख्या बताने से बच रहा है. हालांकि, प्रशासन की टीम एसडीएम दुद्धी के नेतृत्व में मौके पर पहुंच कर स्थिति संभालने में लगी हुई है.

इसे भी पढ़ें -योगी सरकार का शीत सत्र 15 दिसंबर को, सरकार लाएगी लेखा अनुदान

मकरा ग्राम पंचायत में 15 से अधिक टोले मजरे हैं, इनमें से मकरा,सेंदुर और पाटी गांव में कई मौते हुई हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बुखार आने के बाद हालत बिगड़ने लगती है और अचानक मौत हो जाती है. मकरा गांव के निवासी जनकधारी के परिवार में उसकी बहू सुशीला, पत्नी हरिनारायण (25) और उसके दो बच्चों दिव्यांशु 3 वर्ष और प्रियांशु डेढ़ वर्ष की और दूसरे बेटे राधेश्याम के लड़के अंकुश (3) की मौत नवंबर माह में 11, 12 और 14 तारीख को हो गई थी.

सोनभद्र में रहस्यमय बीमारी का प्रकोप
सोनभद्र में रहस्यमय बीमारी का प्रकोप

वहीं, मकरा गांव के टोली बिजलीधरिया के नंदू पुत्र सुदामा की पत्नी नीतू (24) और उसकी पुत्री रिया (4) की मौत बीते 16 नवंबर को हो गई थी. इस तरह से एक ही परिवार में कई लोगों की मौत की घटना से पूरे क्षेत्र में खौफ का आलम व्याप्त है. आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही की वजह से लगातार मौतें हो रही हैं.

कुछ ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि पास ही के केमिकल फैक्ट्री से फैलाए जा रहे प्रदूषण से पानी के दूषित होने के कारण यहां बीमारी का प्रकोप बढ़ा है और आए दिन अज्ञात बीमारी की चपेट में आने से लोगों की मौतें हो रही हैं.

सोनभद्र में रहस्यमय बीमारी का प्रकोप
सोनभद्र में रहस्यमय बीमारी का प्रकोप

कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष ने किया मकरा गांव का दौरा

कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मकसूद खान के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल मकड़ा गांव पहुंचा, जहां कांग्रेसी नेताओं ने ग्रामीणों की समस्याओं को जाना. साथ ही कहा कि वे उक्त समस्या से पार्टी की प्रदेश प्रभारी व राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को अवगत कराएंगे.

इसे भी पढ़ें -जिस प्रोजेक्ट के लिए सीएम योगी ने किया 19 वर्षों तक संघर्ष, पीएम मोदी आज करेंगे उसका उद्घाटन

लोग एनीमिया से हो रहे इन्फेक्शन के शिकार

मकरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डॉ. डीके चतुर्वेदी का कहना है कि यहां के स्थानीय लोगों में खून की काफी कमी है. जिसकी वजह से वे लोग इन्फेक्शन का आसानी से शिकार हो जा रहे हैं. ऐसे में कोई भी बीमारी इन्हें आसानी से अपना शिकार बना ले रही है. उन्होंने कहा कि हमारी टीम गांव में जाकर लोगों की जांच करने के साथ ही मलेरिया टाइफाइड या पीलिया होने की स्थिति में उन्हें तत्काल इलाज मुहैया कराई जा रही है. वहीं, हालत गंभीर होने पर उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया जा रहा है.

ग्राम प्रधान ने की पिछले दो माह में 18 मौतों की पुष्टि

मकरा ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान ने पिछले दो माह में लगभग 18 लोगों की मौतों की पुष्टि की है. उनका कहना है कि कुछ लोग इस बीमारी को मलेरिया बता रहे हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. पहले लोगों को बुखार आता है और जब वे लापरवाही करते हैं और दवा नहीं लेते हैं तो उनकी हालत बिगड़ने के बाद उनकी मौत हो जाती है.

एसडीएम ने मातहतों को दिया निर्देश

वहीं, दुद्धी तहसील के एसडीएम रमेश कुमार ने कहा कि स्वास्थय विभाग की टीम 24 घंटे गांव में मौजूद है और लोगों के खून की जांच करके बीमारी का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि रक्त जांच के बाद ही बीमारी का पता लगाया जा सकता है. प्रशासन युद्ध स्तर पर मकरा गांव में कार्य कर रहा है.

लेकिन जब एसडीएम से मकरा ग्राम पंचायत में हुई कुल मौतों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया. ऐसे में यह स्पष्ट है कि प्रशासन मकरा गांव में हुई मौतों के आंकड़ों को छुपा रहा है.

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सोनभद्र: सोनभद्र जिले के म्योरपुर ब्लॉक के मकरा ग्राम पंचायत में पिछले कई माह से अज्ञात बीमारी की चपेट में आने से करीब 50 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, लाख प्रयास के बाद भी मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. मकरा ग्राम पंचायत में 15 से अधिक टोले अथवा मजरे हैं, जिनमें बुखार की चपेट में आने से पिछले तीन माह में लगभग 50 मौतें हो चुकी हैं.

पिछले कुछ दिनों में लगातार मौतें होने पर प्रशासन की नींद टूटी और प्रशासन अब गांव में कीटनाशक का छिड़काव, मच्छरदानी वितरण, गांव में साफ-सफाई, गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कैंप लगाकर मरीजों की जांच कराने में लगा हुआ है. लेकिन अभी भी मकरा ग्राम पंचायत में बीमार लोगों की मौत का सिलसिला रुका नहीं है.

सोनभद्र में रहस्यमय बीमारी का प्रकोप

मौतों की संख्या को देखते हुए इस गांव में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के दौरे भी शुरू हो गए हैं, जो इन ग्रामीणों से मिलकर इनका हाल-चाल ले रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ प्रशासन मौतों की सही संख्या बताने से बच रहा है. हालांकि, प्रशासन की टीम एसडीएम दुद्धी के नेतृत्व में मौके पर पहुंच कर स्थिति संभालने में लगी हुई है.

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मकरा ग्राम पंचायत में 15 से अधिक टोले मजरे हैं, इनमें से मकरा,सेंदुर और पाटी गांव में कई मौते हुई हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बुखार आने के बाद हालत बिगड़ने लगती है और अचानक मौत हो जाती है. मकरा गांव के निवासी जनकधारी के परिवार में उसकी बहू सुशीला, पत्नी हरिनारायण (25) और उसके दो बच्चों दिव्यांशु 3 वर्ष और प्रियांशु डेढ़ वर्ष की और दूसरे बेटे राधेश्याम के लड़के अंकुश (3) की मौत नवंबर माह में 11, 12 और 14 तारीख को हो गई थी.

सोनभद्र में रहस्यमय बीमारी का प्रकोप
सोनभद्र में रहस्यमय बीमारी का प्रकोप

वहीं, मकरा गांव के टोली बिजलीधरिया के नंदू पुत्र सुदामा की पत्नी नीतू (24) और उसकी पुत्री रिया (4) की मौत बीते 16 नवंबर को हो गई थी. इस तरह से एक ही परिवार में कई लोगों की मौत की घटना से पूरे क्षेत्र में खौफ का आलम व्याप्त है. आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही की वजह से लगातार मौतें हो रही हैं.

कुछ ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि पास ही के केमिकल फैक्ट्री से फैलाए जा रहे प्रदूषण से पानी के दूषित होने के कारण यहां बीमारी का प्रकोप बढ़ा है और आए दिन अज्ञात बीमारी की चपेट में आने से लोगों की मौतें हो रही हैं.

सोनभद्र में रहस्यमय बीमारी का प्रकोप
सोनभद्र में रहस्यमय बीमारी का प्रकोप

कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष ने किया मकरा गांव का दौरा

कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मकसूद खान के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल मकड़ा गांव पहुंचा, जहां कांग्रेसी नेताओं ने ग्रामीणों की समस्याओं को जाना. साथ ही कहा कि वे उक्त समस्या से पार्टी की प्रदेश प्रभारी व राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को अवगत कराएंगे.

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लोग एनीमिया से हो रहे इन्फेक्शन के शिकार

मकरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डॉ. डीके चतुर्वेदी का कहना है कि यहां के स्थानीय लोगों में खून की काफी कमी है. जिसकी वजह से वे लोग इन्फेक्शन का आसानी से शिकार हो जा रहे हैं. ऐसे में कोई भी बीमारी इन्हें आसानी से अपना शिकार बना ले रही है. उन्होंने कहा कि हमारी टीम गांव में जाकर लोगों की जांच करने के साथ ही मलेरिया टाइफाइड या पीलिया होने की स्थिति में उन्हें तत्काल इलाज मुहैया कराई जा रही है. वहीं, हालत गंभीर होने पर उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया जा रहा है.

ग्राम प्रधान ने की पिछले दो माह में 18 मौतों की पुष्टि

मकरा ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान ने पिछले दो माह में लगभग 18 लोगों की मौतों की पुष्टि की है. उनका कहना है कि कुछ लोग इस बीमारी को मलेरिया बता रहे हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. पहले लोगों को बुखार आता है और जब वे लापरवाही करते हैं और दवा नहीं लेते हैं तो उनकी हालत बिगड़ने के बाद उनकी मौत हो जाती है.

एसडीएम ने मातहतों को दिया निर्देश

वहीं, दुद्धी तहसील के एसडीएम रमेश कुमार ने कहा कि स्वास्थय विभाग की टीम 24 घंटे गांव में मौजूद है और लोगों के खून की जांच करके बीमारी का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि रक्त जांच के बाद ही बीमारी का पता लगाया जा सकता है. प्रशासन युद्ध स्तर पर मकरा गांव में कार्य कर रहा है.

लेकिन जब एसडीएम से मकरा ग्राम पंचायत में हुई कुल मौतों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया. ऐसे में यह स्पष्ट है कि प्रशासन मकरा गांव में हुई मौतों के आंकड़ों को छुपा रहा है.

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