सोनभद्र: सदर तहसील में राजस्व कारागार में हुई बकाएदार की मौत के मामले में जिला प्रशासन ने तत्कालीन तहसीलदार बृजेश कुमार वर्मा और एसडीएम भानु प्रताप यादव के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज करा दिया है. बता दें कि 19 मई 2022 को सदर तहसील में यूनियन बैंक राबर्ट्सगंज शाखा के बकाएदार सुधाकर दुबे की मौत हो गई थी.
इस मामले में मृतक के परिजनों ने तहसीलकर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया था. इसमें भीषण गर्मी के चलते बकाएदार सुधाकर दुबे की कारागार में बंद होने के चलते मौत हो गई थी. परिजनों की गुहार के बावजूद जिला प्रशासन ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की थी. लेकिन, हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद विंध्याचल मंडल के कमिश्नर ने इस मामले में जांच कराई और जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन ने तत्कालीन तहसीलदार और एसडीएम के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया.
बता दें कि पिछले वर्ष 19 मई 2022 को सदर तहसील के राजस्व कारागार में यूनियन बैंक के बकाएदार सुधाकर दुबे की लॉकअप में ही तबीयत खराब होने के बाद मौत हो गई थी. मेसर्स दुबे इलेक्ट्रॉनिक के प्रोपराइटर सुधाकर दुबे निवासी राबर्ट्सगंज पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का 1021321 रुपये बकाया था. बकाएदार के विरुद्ध गिरफ्तारी अधिपत्र को तामील करते हुए तत्कालीन तहसीलदार राबर्ट्सगंज बृजेश कुमार वर्मा ने उन्हें 12 मई 2022 को राजस्व हवालात में बंद कर दिया था. राजस्व हवालात में ही 19 मई 2022 को बकाएदार सुधाकर दुबे की हालत बिगड़ी तो पहले उसे जिला अस्पताल ले जाया गया. लेकिन, हालत गंभीर होने के चलते उसे बीएचयू भेजा गया, जहां पर उसकी मौत हो गई थी.
परिजनों ने इस मामले में अधिकारियों पर पीड़ित को प्रताड़ित करने और उसे समुचित चिकित्सा व्यवस्था मुहैया न कराने का आरोप लगाया था. जिला प्रशासन से इस मामले में गुहार लगाने के बाद मजिस्ट्रियल जांच में सामने आया था कि बकाएदार की मौत के बाद उसका पोस्टमार्टम नहीं कराया गया. साथ ही साथ किसी भी सरकारी कर्मचारी को बीमारी की अवस्था में मृतक के साथ नहीं भेजा गया था. इसके बावजूद जिलाधिकारी की तरफ से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई.
इस मामले में मृतक के पुत्र नीरज दुबे ने पीयूसीएल संस्था के साथ मिलकर हाईकोर्ट में गुहार लगाई. साथ ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी प्रार्थना पत्र भेजा था. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुआवजा दिए जाने का निर्देश प्रशासन को दिया था. लेकिन, प्रशासन ने इसे संज्ञान में नहीं लिया. इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर करने के बाद हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए 3 फरवरी को जिलाधिकारी को कोर्ट में तलब किया और विंध्याचल मंडल के कमिश्नर की अध्यक्षता में जांच कराने के निर्देश दिए थे. कमिश्नर विंध्याचल मंडल की जांच के बाद जिला प्रशासन ने तत्कालीन तहसीलदार बृजेश कुमार वर्मा और एसडीएम भानु प्रताप यादव के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 के तहत राबर्ट्सगंज कोतवाली में गैरइरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है. इसको लेकर प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति है.
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