सोनभद्र: कोरोना वायरस की वजह से लगातार अन्य प्रदेशों में काम करने वाले प्रवासी श्रमिक अपने घरों की तरफ वापस आ रहे हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार ने अन्य जगहों से आने वाले प्रवासी श्रमिकों का दो महीने का अस्थाई राशन कार्ड बनाने का निर्णय लिया है, जिसके तहत जिले में प्रवासी मजदूरों का सर्वे कराकर उनका राशन कार्ड बनाया जा रहा है.
राशन कार्ड बनाने के साथ ही साथ उन्हें अनाज भी उपलब्ध कराया जा रहा है. प्रवासी श्रमिकों को गेहूं, चावल और चना उपलब्ध कराया जा रहा है. जिला पूर्ति विभाग का कहना है कि यह प्रक्रिया दो महीने तक चलेगी.
20 हजार आ चुके हैं प्रवासी श्रमिक
जिला आपूर्ति विभाग का कहना है कि 20 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिक जनपद में आ चुके हैं. इसमें से अधिकांश लोगों के पास राशन कार्ड है. खाद्यान्न विभाग ऐसे लोगों को चिन्हित कर रहा है, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है. उनका सर्वे करके उनका नया राशन कार्ड बनाया जा रहा है. उनको तत्काल खाद्यान्न सामग्री भी उपलब्ध कराई जा रही है.
सभी पूर्ति निरीक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वह जल्द से जल्द प्रवासी श्रमिकों का डाटा इकट्ठा करें. जिस प्रवासी श्रमिक के पास राशन कार्ड नहीं है, उनका राशन कार्ड बनाएं और उनको खाद्यान्न सामग्री वितरित करवाएं.
बन रहा अस्थाई राशन कार्ड
जिला पूर्ति विभाग ऐसे लोगों को तत्काल दो महीने का अस्थाई राशन कार्ड बनाकर उन्हें खाद्य सामग्री उपलब्ध करा रहा है. वहीं जिन प्रवासी श्रमिकों का अन्य प्रदेशों या अन्य जनपदों में राशन कार्ड बना हुआ है, उन्हें राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी के तहत खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी.
पांच किलो मिल रहा खाद्यान्न
जिला पूर्ति अधिकारी डॉ. राकेश कुमार तिवारी ने बताया कि जनपद में 20 हजार से अधिक प्रवासी मजदूर आ चुके हैं. इनका सर्वे कराया जा रहा है, जो लोग राशन कार्ड से वंचित हैं उनका सर्वे करके अस्थाई राशन कार्ड दिया जा रहा है. इन अस्थाई राशन कार्ड पर तुरंत खाद्यान्न वितरण प्रारंभ करा दिया गया है. इनको पांच किलो खाद्यान्न मिल रहा है, जिसमें तीन किलो गेहूं, 2 किलो चावल और 1 किलो चना का वितरण कराया जा रहा है. यह प्रक्रिया अगले दो महीने तक जारी रहेगी.