सोनभद्र: सेना की वर्दी पहनकर ठगी करने वाले अंतर प्रांतीय गिरोह के तीन सदस्यों को सोनभद्र की रावटसगंज पुलिस और एसओजी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया. एडिशनल एसपी विजय शंकर मिश्र ने बताया कि इनमें से एक व्यक्ति सेना की वर्दी पहन कर और फर्जी पहचान पत्र दिखाकर लोगों का विश्वास जीतता था और दो अन्य लोग खुद को सेना के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बताते थे. विश्वास जमाने के बाद यह लोग नोटों की नकली गड्डी, जिसे वह ऊपर और नीचे असली नोट लगाते थे और बीच में नोट के आकार के कागज लगा लेते थे. फिर फुटकर कराने या अन्य बहाने से असली नोटों से बदल लेते थे. इसके बाद असली नोट लेकर के फरार हो जाते थे. पुलिस ने इनके पास से सेना की वर्दी टोपी बेल्ट जूता और सेना का कंप्यूटर से तैयार फर्जी आईडी कार्ड के अलावा नकली पिस्टल और 9500 रुपये नगद बरामद किए हैं.
अपर पुलिस अधीक्षक विजयशंकर मिश्र ने बताया कि बीती 29 जनवरी को रॉबर्ट्सगंज कस्बे में अनिल ड्रेसेज नाम से दुकान चलाने वाले अनिल कुमार सिंह ने रॉबर्ट्सगंज कोतवाली में तहरीर दी थी कि उनकी दुकान पर 3 लोग आए और उन्होंने काली पन्नी में लिपटी 100-100 की 5 नोटों की गड्डी देकर कहा कि उन्हें 30000 के पांच-पांच सौ के नोट की आवश्यकता है. इस पर उन्होंने 100-100 के नोटों की तीन गड्डी ले ली और 30 हजार रुपये उन्हें दे दिए. बाद में जब उन्होंने नोटों की गड्डी को देखा तो उन्हें बीच में सफेद कागज रखा हुआ मिला. इस तरह से वह ठगी का शिकार हो गए. पुलिस ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिलने पर रॉबर्ट्सगज के रेलवे क्रॉसिंग के पास से तीन अभियुक्तों रवि कुमार बिंद उर्फ बुल्लू निवासी जिला गाजीपुर, शिवपूजन कुमार निवासी दुद्धी सोनभद्र और संदीप कुमार चौधरी निवासी सतना मध्य प्रदेश को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इनके पास से एक लाइटरनुमा नकली पिस्टल, तीन मोबाइल फोन 9500 नगद, सेना की वर्दी, सेना का फर्जी पहचान पत्र और गड्डी बनाने का सामान बरामद किया है.
अपर पुलिस अधीक्षक का कहना है कि पूछताछ में इन लोगों ने बताया इन्होंने न सिर्फ जिले में बल्कि अन्य प्रदेशों में भी घटनाओं को अंजाम दिया है. इससे पहले उन्होंने मुंबई के ठाणे में 20 लाख की ठगी की थी. इसके अलावा रेणुकूट में नकली नोट की गड्डी देकर दो लाख रुपये ठगे थे. राबर्ट्सगंज में व्यापारी से 30 हजार ठगे और फिर से फोन करके उससे पैसे ऐंठने का प्रयास कर रहे थे. इसी दौरान और पुलिस की गिरफ्त में आ गए पकड़े गए अभियुक्तों को कहना है कि सेना की वर्दी और परिचय पत्र से उन लोगों में विश्वास हासिल करने में उन्हें आसानी होती थी. इसलिए वह सेना की वर्दी पहन कर ठगी को अंजाम देते थे.
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