सोनभद्र: वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई संचालित योजनाओं को स्थगित कर दिया गया था. हालांकि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद और अनलॉक होने के बाद धीरे-धीरे एक-एक कर फिर से हर योजनाओं को शुरू किया जा रहा है. पल्स पोलियो महाअभियान का पहला चरण जनपद में सितंबर माह से फिर शुरू होने जा रहा है. प्रमुख सचिव ने पत्र लिखकर फिर से पल्स पोलियो अभियान शुरू करने के लिए कहा है, जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग इसकी तैयारियों में जुट गया है.
दरअसल कोविड-19 के संक्रमण के चलते पूरे देश में लॉकडाउन लागू था. जून माह से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई. लॉकडाउन के दौरान स्वास्थ्य विभाग की ज्यादातर कार्यक्रम बंद कर दिए गए थे. बंद किए गए कार्यक्रम को फिर से चालू करने की हरी झंडी उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से मिल गई है, जिसके चलते पल्स पोलियो अभियान के प्रथम चरण का आगाज सितंबर माह से होगा. शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो रोधी खुराक की दवा पिलाई जाएगी, ताकि कोई भी बच्चा पोलियो ग्रसित न रहे. जीरो से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की नियमित खुराक दी जाती है तो उन्हें पोलियो होने की आशंका नहीं रहती, जिससे वह स्वस्थ और तंदुरुस्त रहते हैं.
इसके संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. शशिकांत उपाध्याय का कहना है कि पोलियो संक्रामक रोग है. यह बीमारी बच्चे के किसी भी अंग को आजीवन के लिए कमजोर बना देता है. पोलियो एक लाइलाज बीमारी है. बचाव ही इस बीमारी का एकमात्र उपाय है. पल्स पोलियो अभियान के अंतर्गत बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाया जाता है. यह पोलियो रोधी खुराक 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को दिया जाता है. इसलिए पल्स पोलियो अभियान के दौरान जीरो से 5 वर्ष तक के बच्चों को सभी लोग पोलियो की खुराक अवश्य पिलाएं. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए बच्चों को पोलियो खुराक स्वास्थ्य कर्मी पिलाएंगे.
सोनभद्र: सितंबर में पोलियो अभियान के प्रथम चरण की होगी शुरुआत
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में कोरोना काल के दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई संचालित योजनाओं को स्थगित कर दिया गया था. वहीं अब पल्स पोलियो महाअभियान का पहला चरण जिले में सितंबर माह से फिर शुरू होने जा रहा है.
सोनभद्र: वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई संचालित योजनाओं को स्थगित कर दिया गया था. हालांकि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद और अनलॉक होने के बाद धीरे-धीरे एक-एक कर फिर से हर योजनाओं को शुरू किया जा रहा है. पल्स पोलियो महाअभियान का पहला चरण जनपद में सितंबर माह से फिर शुरू होने जा रहा है. प्रमुख सचिव ने पत्र लिखकर फिर से पल्स पोलियो अभियान शुरू करने के लिए कहा है, जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग इसकी तैयारियों में जुट गया है.
दरअसल कोविड-19 के संक्रमण के चलते पूरे देश में लॉकडाउन लागू था. जून माह से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई. लॉकडाउन के दौरान स्वास्थ्य विभाग की ज्यादातर कार्यक्रम बंद कर दिए गए थे. बंद किए गए कार्यक्रम को फिर से चालू करने की हरी झंडी उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से मिल गई है, जिसके चलते पल्स पोलियो अभियान के प्रथम चरण का आगाज सितंबर माह से होगा. शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो रोधी खुराक की दवा पिलाई जाएगी, ताकि कोई भी बच्चा पोलियो ग्रसित न रहे. जीरो से 5 वर्ष तक के बच्चों को पोलियो की नियमित खुराक दी जाती है तो उन्हें पोलियो होने की आशंका नहीं रहती, जिससे वह स्वस्थ और तंदुरुस्त रहते हैं.
इसके संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. शशिकांत उपाध्याय का कहना है कि पोलियो संक्रामक रोग है. यह बीमारी बच्चे के किसी भी अंग को आजीवन के लिए कमजोर बना देता है. पोलियो एक लाइलाज बीमारी है. बचाव ही इस बीमारी का एकमात्र उपाय है. पल्स पोलियो अभियान के अंतर्गत बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाया जाता है. यह पोलियो रोधी खुराक 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को दिया जाता है. इसलिए पल्स पोलियो अभियान के दौरान जीरो से 5 वर्ष तक के बच्चों को सभी लोग पोलियो की खुराक अवश्य पिलाएं. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए बच्चों को पोलियो खुराक स्वास्थ्य कर्मी पिलाएंगे.