सोनभद्र: जिले में किसान अपनी जमीन बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. बुधवार को सदर तहसील के पांच गांव के किसानों ने अधिशासी अभियंता पारेषण विभाग के सामने प्रदर्शन किया. किसानों का कहना है कि पारेषण विभाग 132 केवीए विद्युत लाइन करीब पांच गांवों के बारह से अधिक किसानों के खेतों से लेकर जा रहे हैं. वहीं पूर्व इंजीनियर अधिशासी अभियंता पारेषण ने अपने सर्वे में यह स्पष्ट किया कि आबादी क्षेत्र होने की वजह से अंडरग्राउंड लाइन ले जाया जाएगा.
किसानों ने किया प्रदर्शन
जिले के सदर तहसील के छपका, बिचपई, सहिजन, पीथा समेत अन्य गांवों के किसानों ने पारेषण विभाग के अधिशाषी अभियंता कार्यालय पर प्रदर्शन किया. किसानों की मांग है कि चुनार से चोपन तक रेलवे लाइन का विद्युतीकरण होने के बाद 132 केवीए की लाइन के लिए टावर लगाया जा रहा है. यह विद्युत लाइन सदर तहसील के पांचों गांव के कई किसानों के खेतों से जा रही है.
सरकार नहीं दे रही मुआवजा
इसके लिए विभाग किसी तरह का मुआवजा भी नहीं दे रहा है, जबकि पूर्व के अधिकारी ने सर्वे करके शासन को भेजा था कि आबादी वाला क्षेत्र होने की वजह से टावर ले जाना ठीक नहीं है, इसलिए अंदर ग्राउंड तार ले जाने का सुझाव दिया था. इसके बावजूद भी टावर के माध्यम से विभाग लाइन तार ले जा रहा है.
जमीन हो जाएगी अनुपयोगी
किसानों ने बताया कि हम लोगों के खेत से 132 केवीए पारेषण लाइन जा रही है. यह आबादी वाला क्षेत्र है, यहां की जमीन का रेट बहुत अधिक है. टावर लाइन जाने से यह जमीन बिल्कुल ही अनुपयोगी हो जाएगी. हम लोगों के पास जमीन के अलावा और कोई जीविका का साधन नहीं है. अगर पारेषण लाइन गई तो सरकार हम किसानों को लूट लेगी.
गलत सर्वे का आरोप
किसानों का आरोप है कि विभान अपने मनमाने ढंग से टेढ़े मेढ़े कार्य कर रही है, गलत ढंग से सर्वे कर रही है. पूर्व में यहां के अधिशाषी अभियंता ने एक रिपोर्ट दी गई है कि यह आबादी वाला क्षेत्र है. यहां से केवल अंडरग्राउंड केबल के ही लाइन ले जाया जा सकता है, फिर भी उस रिपोर्ट को दर किनार करते हुए मनमाने ढंग से लाइन ले जाया जा रहा है, जिससे हम लोगों की भारी क्षति है.