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धान खरीद नहीं होने पर कलेक्ट्रेट में किसानों ने किया प्रदर्शन - सोनभद्र खबर

सोनभद्र जिले में धान खरीद की अवधि एक अक्टूबर से 28 फरवरी तक थी. इस अवधि के बीत जाने के बाद भी धान खरीद न होने से लगभग 5000 से अधिक किसान परेशान हैं. ऐसे में जिन किसानों का धान आज तक नहीं बिक सका है, वैसे किसान आज धान खरीदे जाने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे, और वहां प्रदर्शन किया.

कलेक्ट्रेट में किसानों ने किया प्रदर्शन
कलेक्ट्रेट में किसानों ने किया प्रदर्शन
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Published : Mar 2, 2021, 5:35 PM IST

सोनभद्र : धान खरीद की अवधी समाप्त हो चुकी है, लेकिन कई किसानों का आरोप है कि इसके बाद भी उनके धान की खरीद नहीं हो सकी है. किसानों का आरोप है कि बिचौलियों और मिलरों के माध्यम से धान खरीद करके अधिकारियों ने लक्ष्य पूरा कर दिया है, जबकि वास्तविक किसान का धान आज भी नहीं खरीदा गया है. किसानों का कहना है कि वो शोषण का शिकार हो रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन और सरकार किसानों की समस्याओं की तरफ ध्यान नहीं दे रही है.


'बिचौलियों की वजह से नहीं हो सकी 5 लाख कुंतल धान की खरीद'

धान खरीद की अवधि बीत जाने के बाद भी धान न खरीदे जाने से परेशान किसान आज कलेक्ट्रेट पहुंचे. किसानों का आरोप है कि बिचौलियों की वजह से आम किसान का लगभग 5 लाख कुंतल धान अभी भी केंद्रों पर पड़ा हुआ है. अधिकारियों ने कागजों पर ही खरीद दिखाकर धान खरीदने से मना कर दिया है, जिससे किसान अब भुखमरी की कगार पर आ गया है.

कलेक्ट्रेट में किसानों ने किया प्रदर्शन
कलेक्ट्रेट में किसानों ने किया प्रदर्शन

धान क्रय अधिकारियों पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

कलेक्ट्रेट पहुंचे किसानों का आरोप है कि धान क्रय अधिकारियों की बिचौलियों से सांठगांठ है. जिसके चलते धान केंद्रों पर खड़े किसानों का आज तक धान नहीं खरीदा जा सका, जबकि कागजों पर धान खरीद के लक्ष्य से भी अधिक खरीद दिखा दिया गया है. यही नहीं किसानों का कहना है कि इसको एक उपलब्धि बताकर अब किसानों का धान भी खरीदना बंद कर दिया गया है. परेशान किसान अब बाजार में औने-पौने दामों में अपनी धान की उपज बेचने के लिए मजबूर हो रहा है.

सोनभद्र : धान खरीद की अवधी समाप्त हो चुकी है, लेकिन कई किसानों का आरोप है कि इसके बाद भी उनके धान की खरीद नहीं हो सकी है. किसानों का आरोप है कि बिचौलियों और मिलरों के माध्यम से धान खरीद करके अधिकारियों ने लक्ष्य पूरा कर दिया है, जबकि वास्तविक किसान का धान आज भी नहीं खरीदा गया है. किसानों का कहना है कि वो शोषण का शिकार हो रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन और सरकार किसानों की समस्याओं की तरफ ध्यान नहीं दे रही है.


'बिचौलियों की वजह से नहीं हो सकी 5 लाख कुंतल धान की खरीद'

धान खरीद की अवधि बीत जाने के बाद भी धान न खरीदे जाने से परेशान किसान आज कलेक्ट्रेट पहुंचे. किसानों का आरोप है कि बिचौलियों की वजह से आम किसान का लगभग 5 लाख कुंतल धान अभी भी केंद्रों पर पड़ा हुआ है. अधिकारियों ने कागजों पर ही खरीद दिखाकर धान खरीदने से मना कर दिया है, जिससे किसान अब भुखमरी की कगार पर आ गया है.

कलेक्ट्रेट में किसानों ने किया प्रदर्शन
कलेक्ट्रेट में किसानों ने किया प्रदर्शन

धान क्रय अधिकारियों पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

कलेक्ट्रेट पहुंचे किसानों का आरोप है कि धान क्रय अधिकारियों की बिचौलियों से सांठगांठ है. जिसके चलते धान केंद्रों पर खड़े किसानों का आज तक धान नहीं खरीदा जा सका, जबकि कागजों पर धान खरीद के लक्ष्य से भी अधिक खरीद दिखा दिया गया है. यही नहीं किसानों का कहना है कि इसको एक उपलब्धि बताकर अब किसानों का धान भी खरीदना बंद कर दिया गया है. परेशान किसान अब बाजार में औने-पौने दामों में अपनी धान की उपज बेचने के लिए मजबूर हो रहा है.

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