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सोनभद्र : बिक तो गया किसानों का धान, पर अब तक नहीं मिला भुगतान

जिले के किसानों के आगे संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है. दरअसल सरकार ने उनसे लाखों रुपये कीमत की धान तो खरीद ली, लेकिन इसका भुगतान अब तक नहीं किया गया है. इससे उनके घरों में होने वाली शादियों में भी बाधा आ रही है. वहीं अधिकारियों का कहना है कि एफसीआई से भुगतान न आने से इसमें देरी हो रही है.

बकाया है करोड़ों का भुगतान
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Published : Mar 29, 2019, 10:49 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र : एक तरफ केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार किसानों को लुभाने के लिए तरह-तरह की सुविधाएं देने की बात कर रही है. वहीं दूसरी तरफ किसानों का धान खरीदने के बाद आज तक फसल का भुगतान नहीं हो पाया है. सरकार एक सप्ताह के अंदर भुगतान देने का वादा किया था. भुगतान समय से न मिलने से किसानों के आगे संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

बकाया है करोड़ों का भुगतान

जनपद सोनभद्र में पीसीएम के माध्यम से किसानों से खरीदे गए धान का लगभग सात करोड़ रुपए का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है. इससे किसानों के आगे संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है. वहीं किसानों की मानें तो तमाम लोगों के घर पर शादी का आयोजन होना है, लेकिन लाखों रुपए के धान का भुगतान न होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का साफ कहना है कि अगर भुगतान नहीं हुआ तो सरकार को इसका खामियाजा लोकसभा चुनाव में भी भुगतना पड़ सकता है. वहीं अधिकारियों का कहना है कि भुगतान हमें एफसीआई से प्राप्त होता है, जो अभी तक नहीं मिला है. इसके कारण किसानों के लगभग सात करोड़ रुपये अभी बकाया हैं.

सरकार ने एफसीआई समेत तमाम क्रय केंद्रों के माध्यम से 1 नवम्बर से धान की खरीद शुरू की जो 28 फरवरी तक की गयी थी. इसमें सरकार का सख्त निर्देश था कि किसानों का भुगतान एक सप्ताह के अंदर उनके खाते में कर दिया जाए. वहीं महीनों बीत जाने के बाद भी अभी तक सैकड़ों किसानों का लगभग सात करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है. वहीं पीसीएफ गोदाम पर चावलों को उतारने के लिए ट्रकों की लंबी लाइन लगी हुई है. जब तक पूरी तरह से चावल नहीं पहुंचता है, तब तक भुगतान में दिक्कतें आ सकती हैं. इस संबंध में साधन सहकारी समिति बहुआर के सचिव ने बताया कि हमारे यहां 12 किसानों का 27 लाख 50 हजार रुपये बकाया है. यहां पर कुल 101 किसानों से धान की खरीद की गई थी, जिसमें अन्य लोगों का भुगतान हो गया है. अब किस कारण से भुगतान नहीं हो रहा है, यह तो अधिकारी ही बता सकते हैं.

वहीं जब इस पूरे मामले पर जिला प्रबंधक पीसीएफ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 5240 किसानों से 40 हजार 2 सौ 16 मिट्रिक टन धान की खरीद पीसीएफ के माध्यम से की गई थी. इसमें लगभग 80 प्रतिशत किसानों का भुगतान किया जा चुका है. कई सेंटरों पर अभी भुगतान बकाया है. वहीं समस्याएं बताते हुए पीसीएफ प्रभारी ने बताया कि 40 किलोमीटर से ऊपर के सेंटरों का परिवहन शुल्क नहीं मिलता है. इसलिए कुछ धान अभी बकाया है और पीसीएफ में मेरा 3 करोड़ का भुगतान भी बाकी है. वहीं भुगतान में आ रही दिक्कतों के बारे में बताया कि भुगतान हमें एफसीआई के माध्यम से प्राप्त होता है. वहां से भुगतान न मिलने के कारण देर हो रही है.

सोनभद्र : एक तरफ केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार किसानों को लुभाने के लिए तरह-तरह की सुविधाएं देने की बात कर रही है. वहीं दूसरी तरफ किसानों का धान खरीदने के बाद आज तक फसल का भुगतान नहीं हो पाया है. सरकार एक सप्ताह के अंदर भुगतान देने का वादा किया था. भुगतान समय से न मिलने से किसानों के आगे संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

बकाया है करोड़ों का भुगतान

जनपद सोनभद्र में पीसीएम के माध्यम से किसानों से खरीदे गए धान का लगभग सात करोड़ रुपए का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है. इससे किसानों के आगे संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है. वहीं किसानों की मानें तो तमाम लोगों के घर पर शादी का आयोजन होना है, लेकिन लाखों रुपए के धान का भुगतान न होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का साफ कहना है कि अगर भुगतान नहीं हुआ तो सरकार को इसका खामियाजा लोकसभा चुनाव में भी भुगतना पड़ सकता है. वहीं अधिकारियों का कहना है कि भुगतान हमें एफसीआई से प्राप्त होता है, जो अभी तक नहीं मिला है. इसके कारण किसानों के लगभग सात करोड़ रुपये अभी बकाया हैं.

सरकार ने एफसीआई समेत तमाम क्रय केंद्रों के माध्यम से 1 नवम्बर से धान की खरीद शुरू की जो 28 फरवरी तक की गयी थी. इसमें सरकार का सख्त निर्देश था कि किसानों का भुगतान एक सप्ताह के अंदर उनके खाते में कर दिया जाए. वहीं महीनों बीत जाने के बाद भी अभी तक सैकड़ों किसानों का लगभग सात करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है. वहीं पीसीएफ गोदाम पर चावलों को उतारने के लिए ट्रकों की लंबी लाइन लगी हुई है. जब तक पूरी तरह से चावल नहीं पहुंचता है, तब तक भुगतान में दिक्कतें आ सकती हैं. इस संबंध में साधन सहकारी समिति बहुआर के सचिव ने बताया कि हमारे यहां 12 किसानों का 27 लाख 50 हजार रुपये बकाया है. यहां पर कुल 101 किसानों से धान की खरीद की गई थी, जिसमें अन्य लोगों का भुगतान हो गया है. अब किस कारण से भुगतान नहीं हो रहा है, यह तो अधिकारी ही बता सकते हैं.

वहीं जब इस पूरे मामले पर जिला प्रबंधक पीसीएफ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 5240 किसानों से 40 हजार 2 सौ 16 मिट्रिक टन धान की खरीद पीसीएफ के माध्यम से की गई थी. इसमें लगभग 80 प्रतिशत किसानों का भुगतान किया जा चुका है. कई सेंटरों पर अभी भुगतान बकाया है. वहीं समस्याएं बताते हुए पीसीएफ प्रभारी ने बताया कि 40 किलोमीटर से ऊपर के सेंटरों का परिवहन शुल्क नहीं मिलता है. इसलिए कुछ धान अभी बकाया है और पीसीएफ में मेरा 3 करोड़ का भुगतान भी बाकी है. वहीं भुगतान में आ रही दिक्कतों के बारे में बताया कि भुगतान हमें एफसीआई के माध्यम से प्राप्त होता है. वहां से भुगतान न मिलने के कारण देर हो रही है.

Intro:स्पेशल स्टोरी।

Anchor- एक तरफ केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार किसानों को लुभाने के लिए तरह-तरह की सुविधाएं देने की बात कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ किसानों का धान खरीदने के बाद आज तक फसल का भुगतान नहीं हो पाया है जबकि सरकार एक सप्ताह के अंदर भुक्तान देने की वादा किया था। भुक्तान समय से ना मिलने से किसानों के आगे संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जनपद सोनभद्र में पीसीएम के माध्यम से किसानों का खरीदे गए धान का लगभग सात करोड़ रुपए भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है जिससे किसानों के आगे संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है ।वहीं किसानों की मानें तो तमाम लोगों के घर पर शादी पड़ी हुई है लेकिन लाखों रुपए धान का भुगतान होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एक खेती ही सहारा था, तीन राज्यों में हारने के बाद सरकार की आंख नहीं खुली है अगर भुगतान नहीं हुआ तो इसका खामियाजा लोकसभा चुनाव में भी भुगतना पड़ सकता है। वही अधिकारीयो का कहना है कि भुक्तान हमे एफसीआई से प्राप्त होता है जो अभी तक नही मिला है जिससे लगभग सात करोङ रुपये किसानों के अभी बकाये है।




Body:Vo1-जनपद सोनभद्र में सरकार द्वारा धान की खरीद एफसीआई समेत तमाम क्रय केंद्रों के माध्यम से 1 नवम्बर से शुरू होकर 28 फरवरी तक कि गयी थी,जिसमे सरकार का शख्त निर्देश था कि किसानों का भुक्तान एक सप्ताह के अंदर उनके खाते में कर दिया जाय लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी अभी तक सैकड़ो किसानों का लगभग सात करोङ रुपया धान का भुक्तान बकाया है जिससे किसानों के आगे संकट की स्थिति उत्पन्न हो गयी है।अगर तत्काल किसानों का भुक्तान नही हुआ तो तीन राज्यो की तरह लोकसभा चुनाव में सरकार को इसका खामियाजा भुकतना पड़ सकता है।वही पीसीएफ गोदाम पर चावलों को उतारने के लिए ट्रकों की लंबी लाइन लगी हुई है जब तक पूरी तरह से चावल नही पहुचता तब तक भुक्तान मे दिक्कते आ सकती है।इस संबंध में साधन सहकारी समिति बहुआर के सचिव ने बताया कि हमारे यहां 12 किसानों का 27 लाख 50 हजार रुपये बकाया है यहां पर कुल 101 किसानों से धान की खरीद की गई थी जिसमे अन्य लोगो का भुक्तान हो गया है।किसान तगादा के लिए रोज आते है अब किस कारण से भुक्तान नही हो रहा है इसे तो अधिकारी ही बता सकते है।

Byte-शैलेन्द्र कुमार त्रिपाठी(सचिव,साधन सहकारी समिति,बहुआर,सोनभद्र)


Conclusion:Vo2-वही जब इस पूरे मामले पर जिला प्रबंधक पीसीएफ से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि 5240 किसानों से 40 हजार 2 सौ 16 मिट्रिकटन धान की खरीद पीसीएफ के माध्यम से की गई थी जिसमे लगभग 80 प्रतिशत किसानों का भुक्तान किया जा चुका है,कई सेंटरों पर अभी धान बकाया है।वही समस्याएं बताते हुए पीसीएफ प्रभारी। के बताया कि 40 किलोमीटर से ऊपर के सेंटरों का परिवहन शुल्क नही मिलता इसलिए कुछ धान अभी बकाया है और पीसीएफ में मेरा भुक्तान भी 3 करोङ बाकी है और जिले पर मिलाकर सात करोङ रुपये बाकी है।
वही भुक्तान में आ रही दिक्कतों के बारे में बताया कि भुक्तान हमे एफसीआई के माध्यम से प्राप्त होता है,जहां से भुक्तान ना मिलने के कारण देर हो रही है।
वही अपना बचाव करते हुए बताया कि हमारे यहां ज्यादातर लोनिंग वाले किसान है जिनका अर्जेस्ट होना है।वही बहुआर साधन सहकारी केंद्र पर मात्र 6 लाख रुपये भुक्तान बाकी है जिसे आज भेज दिया गया है ।आगे बताया कि जनपफ में 20 से 25 केंद्रों का भुक्तान बाकी है।

Byte-धीरेंद्र कुमार(जिला प्रबंधक,पीसीएफ,सोनभद्र)



चन्द्रकान्त मिश्रा
सोनभद्र
मो0 9450323031
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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