सोनभद्र : एक तरफ केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार किसानों को लुभाने के लिए तरह-तरह की सुविधाएं देने की बात कर रही है. वहीं दूसरी तरफ किसानों का धान खरीदने के बाद आज तक फसल का भुगतान नहीं हो पाया है. सरकार एक सप्ताह के अंदर भुगतान देने का वादा किया था. भुगतान समय से न मिलने से किसानों के आगे संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
जनपद सोनभद्र में पीसीएम के माध्यम से किसानों से खरीदे गए धान का लगभग सात करोड़ रुपए का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है. इससे किसानों के आगे संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है. वहीं किसानों की मानें तो तमाम लोगों के घर पर शादी का आयोजन होना है, लेकिन लाखों रुपए के धान का भुगतान न होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का साफ कहना है कि अगर भुगतान नहीं हुआ तो सरकार को इसका खामियाजा लोकसभा चुनाव में भी भुगतना पड़ सकता है. वहीं अधिकारियों का कहना है कि भुगतान हमें एफसीआई से प्राप्त होता है, जो अभी तक नहीं मिला है. इसके कारण किसानों के लगभग सात करोड़ रुपये अभी बकाया हैं.
सरकार ने एफसीआई समेत तमाम क्रय केंद्रों के माध्यम से 1 नवम्बर से धान की खरीद शुरू की जो 28 फरवरी तक की गयी थी. इसमें सरकार का सख्त निर्देश था कि किसानों का भुगतान एक सप्ताह के अंदर उनके खाते में कर दिया जाए. वहीं महीनों बीत जाने के बाद भी अभी तक सैकड़ों किसानों का लगभग सात करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है. वहीं पीसीएफ गोदाम पर चावलों को उतारने के लिए ट्रकों की लंबी लाइन लगी हुई है. जब तक पूरी तरह से चावल नहीं पहुंचता है, तब तक भुगतान में दिक्कतें आ सकती हैं. इस संबंध में साधन सहकारी समिति बहुआर के सचिव ने बताया कि हमारे यहां 12 किसानों का 27 लाख 50 हजार रुपये बकाया है. यहां पर कुल 101 किसानों से धान की खरीद की गई थी, जिसमें अन्य लोगों का भुगतान हो गया है. अब किस कारण से भुगतान नहीं हो रहा है, यह तो अधिकारी ही बता सकते हैं.
वहीं जब इस पूरे मामले पर जिला प्रबंधक पीसीएफ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 5240 किसानों से 40 हजार 2 सौ 16 मिट्रिक टन धान की खरीद पीसीएफ के माध्यम से की गई थी. इसमें लगभग 80 प्रतिशत किसानों का भुगतान किया जा चुका है. कई सेंटरों पर अभी भुगतान बकाया है. वहीं समस्याएं बताते हुए पीसीएफ प्रभारी ने बताया कि 40 किलोमीटर से ऊपर के सेंटरों का परिवहन शुल्क नहीं मिलता है. इसलिए कुछ धान अभी बकाया है और पीसीएफ में मेरा 3 करोड़ का भुगतान भी बाकी है. वहीं भुगतान में आ रही दिक्कतों के बारे में बताया कि भुगतान हमें एफसीआई के माध्यम से प्राप्त होता है. वहां से भुगतान न मिलने के कारण देर हो रही है.