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सोनभद्र: शौचालयों के पास लगेंगे 3 लाख सहजन के पौधे - sonbhadra administration

यूपी के सोनभद्र में स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले में बने लगभग तीन लाख लाभार्थियों को अपने-अपने शौचालय के समीप एक-एक सहजन का पौधा लगाना होगा. इसके लिए डीएम एस राजलिंगम ने "स्वच्छता के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ भी" के उद्देश्य से मुहिम शुरू की है.

सहजन के पौधे.
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Published : Jul 6, 2020, 10:45 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र: जनपद में जिला प्रशासन एक नई मुहिम के तहत अनोखी कार्ययोजना को अमलीजामा पहनाने में जुटा है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले में बने लगभग तीन लाख लाभार्थियों को उनके शौचालय के समीप एक-एक सहजन का पौधा लगाना होगा. इसके लिए डीएम एस राजलिंगम ने "स्वच्छता के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ भी" के उद्देश्य से ये मुहिम शुरू की है.

सहजन या मुनगा का पेड़ गुणों की खान माना जाता है. इसका वानस्पतिक नाम "मोरिंगा ओलिफेरा"है. सहजन के पेड़ की फली के अतिरिक्त फूल और पत्ती में भी औषधीय और पौष्टिक गुण होते हैं. इसमें प्रोटीन और कैल्शियम की मात्रा अधिक होने से यह आम लोगों के लिए बहुत उपयोगी है. ये गर्भवती महिलाओं के लिए आयरन का भी प्रमुख स्रोत्र होता है. इसी कारण जिलाधिकारी ने जिले के सभी 3 लाख शौचालय के लाभार्थियों को पौधे मुहैया कराये हैं, जिससे इसका लाभ ग्रामीणों को मिल सके. इस अभियान की शुरुआत 5 जुलाई को करमा क्षेत्र टिकुराई गांव से हुई. सहजन के पौधों के साथ-साथ संदेश पत्र भी दिया गया. इस पत्र का मूल उद्देश्य है कि खुद के साथ अन्य लोगों को भी सहजन के लाभ के प्रति जागरूक किया जाये.

जिलाधिकारी एस.राजलिंगम ने बताया कि शासन की नीति के तहत ही सहजन के पेड़ लगाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है. निजी लाभार्थियों को पौधे देने का फायदा यह है कि पौधे की सुरक्षा सुनिश्चित हो जाती है. तीन लाख शौचालय के लाभार्थियों को तीन लाख पौधे दिये जा रहे हैं. इस तरह जिले का ग्रीन कवर आसानी से बढ़ेगा. यह पौधा लोगों के लिए लाभदायक भी है.

सोनभद्र: जनपद में जिला प्रशासन एक नई मुहिम के तहत अनोखी कार्ययोजना को अमलीजामा पहनाने में जुटा है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले में बने लगभग तीन लाख लाभार्थियों को उनके शौचालय के समीप एक-एक सहजन का पौधा लगाना होगा. इसके लिए डीएम एस राजलिंगम ने "स्वच्छता के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ भी" के उद्देश्य से ये मुहिम शुरू की है.

सहजन या मुनगा का पेड़ गुणों की खान माना जाता है. इसका वानस्पतिक नाम "मोरिंगा ओलिफेरा"है. सहजन के पेड़ की फली के अतिरिक्त फूल और पत्ती में भी औषधीय और पौष्टिक गुण होते हैं. इसमें प्रोटीन और कैल्शियम की मात्रा अधिक होने से यह आम लोगों के लिए बहुत उपयोगी है. ये गर्भवती महिलाओं के लिए आयरन का भी प्रमुख स्रोत्र होता है. इसी कारण जिलाधिकारी ने जिले के सभी 3 लाख शौचालय के लाभार्थियों को पौधे मुहैया कराये हैं, जिससे इसका लाभ ग्रामीणों को मिल सके. इस अभियान की शुरुआत 5 जुलाई को करमा क्षेत्र टिकुराई गांव से हुई. सहजन के पौधों के साथ-साथ संदेश पत्र भी दिया गया. इस पत्र का मूल उद्देश्य है कि खुद के साथ अन्य लोगों को भी सहजन के लाभ के प्रति जागरूक किया जाये.

जिलाधिकारी एस.राजलिंगम ने बताया कि शासन की नीति के तहत ही सहजन के पेड़ लगाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है. निजी लाभार्थियों को पौधे देने का फायदा यह है कि पौधे की सुरक्षा सुनिश्चित हो जाती है. तीन लाख शौचालय के लाभार्थियों को तीन लाख पौधे दिये जा रहे हैं. इस तरह जिले का ग्रीन कवर आसानी से बढ़ेगा. यह पौधा लोगों के लिए लाभदायक भी है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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