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सोनभद्र गोलीकांड: दारोगा ने किया चौंकाने वाला खुलासा

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में 17 जुलाई को हुए गोलीकांड में वहां के स्थानीय दारोगा ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. दारोगा ने जानकारी देते हुए बताया कि इतनी बड़ी घटना के लिए पूरी फोर्स की जरूरत होती है, लेकिन घटना के वक्त हमारे पास इतना संख्या बल नहीं था.

सोनभद्र गोलीकांड.
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Published : Jul 26, 2019, 11:28 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST

सोनभद्र: जिले के उम्भा गांव में 17 जुलाई को हुए नरसंहार में 10 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 28 ग्रामीण घायल हो गए थे. गोलीकाण्ड का खुलासा करते हुए नायब दरोगा ने बताया कि गोलीकाण्ड की सूचना पर मात्र दो दरोगा और चार सिपाही ही घोरावल कोतवाली से मौके पर गए थे, जबकि इतनी बड़ी घटना में पूरी फोर्स की जरूरत होती है.

खुफिया कैमरे के सामने दारोगा ने किया खुलासा.


दारोगा ने किया चौंकाने वाला खुलासा

  • दारोगा ने कहा कि ग्रामीणों द्वारा दी गई सूचना पर पुलिस नहीं पहुंची थी, जबकि हकीकत कुछ और थी.
  • घटना के समय थाने पर मात्र दो दरोगा और चार सिपाही ही थाने पर मौजूद थे.
  • इतना ही नहीं घटना के वक्त थाने पर एक ही गाड़ी थी, दूसरी डॉयल 100 मंगाई गई.
  • अगर समय रहते फोर्स मौके पर पहुंच जाती तो इतनी बड़ी घटना को रोका जा सकता था.
  • इतने बड़े राज का खुलासा स्वयं घोरावल कोतवाली के एक नायब दारोगा ने किया.
  • दारोगा ने कहा कि घटनास्थल काफी दूर था और थाने पर दो दारोगा व चार सिपाही थे.
  • दारोगा ने जानकारी देते हुए बताया कि केवल दो गाड़ियां थी, जिससे घायलों और शवों को लाया गया.
  • लोग घटनास्थल पर पुलिस को मारने की बात करने लगे थे.

सोनभद्र: जिले के उम्भा गांव में 17 जुलाई को हुए नरसंहार में 10 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 28 ग्रामीण घायल हो गए थे. गोलीकाण्ड का खुलासा करते हुए नायब दरोगा ने बताया कि गोलीकाण्ड की सूचना पर मात्र दो दरोगा और चार सिपाही ही घोरावल कोतवाली से मौके पर गए थे, जबकि इतनी बड़ी घटना में पूरी फोर्स की जरूरत होती है.

खुफिया कैमरे के सामने दारोगा ने किया खुलासा.


दारोगा ने किया चौंकाने वाला खुलासा

  • दारोगा ने कहा कि ग्रामीणों द्वारा दी गई सूचना पर पुलिस नहीं पहुंची थी, जबकि हकीकत कुछ और थी.
  • घटना के समय थाने पर मात्र दो दरोगा और चार सिपाही ही थाने पर मौजूद थे.
  • इतना ही नहीं घटना के वक्त थाने पर एक ही गाड़ी थी, दूसरी डॉयल 100 मंगाई गई.
  • अगर समय रहते फोर्स मौके पर पहुंच जाती तो इतनी बड़ी घटना को रोका जा सकता था.
  • इतने बड़े राज का खुलासा स्वयं घोरावल कोतवाली के एक नायब दारोगा ने किया.
  • दारोगा ने कहा कि घटनास्थल काफी दूर था और थाने पर दो दारोगा व चार सिपाही थे.
  • दारोगा ने जानकारी देते हुए बताया कि केवल दो गाड़ियां थी, जिससे घायलों और शवों को लाया गया.
  • लोग घटनास्थल पर पुलिस को मारने की बात करने लगे थे.
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Anchor-उम्भा गोलीकाण्ड का खुलासा करते हुए नायब दरोगा ने बताया की गोलीकाण्ड की सूचना पर मात्र दो दरोगा और चार सिपाही ही घोरावल कोतवाली से मौके पर गए थे।जबकि इतनी बड़ी घटना में पूरी फोर्स की जरूरत होती है। उक्त बातें घोरावल कोतवाली में तैनात एक नायाब दरोगा ने गुप्त कैमरे में खुलासा करते हुए बताया।उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी घटना के लिए पूरी फोर्स की जरूरत होती है जिसमे 8-10 दरोगा,पीएसी और सिपाही होते है।किसी तरहवसे जान बचाकर शवो व घायलो को लाना पड़ा।
Body:Vo1- उम्भा गाँव मे 17 जुलाई को हुए नरसंहार में 10 लोगो की मौत और 28 ग्रामीण घायल हो गए थे। ग्रामीणों द्वारा जब पुलिस को सूचना दिया गया तो पुलिस घटना से पहले नही पहुचने की बात कही गयी थी,जबकि हकीकत कुछ और था।उस समय थाने पर मात्र दो दरोगा और चार सिपाही ही मौजूद थे।इतना ही नही गाड़ी भी थाने पर एक ही थी,दूसरी डायल 100 की मंगाई गई।अगर समय रहते फोर्स मौके पर पहुचा जाती तो इतनी बड़ी घटना रोका जा सकता था।इतने बड़े राज का खुलाशा एक गुप्त कैमरे के सामने स्वयं घोरावल कोतवाली का एक नायाब दरोगा ने बताया।


Conclusion:Vo2-इसी बात को एक पुलिसकर्मी नायब दरोगा द्वारा गुप्त कैमरे में खुलाशा किया गया कि इतनी बड़ी घटना के दिन थाने पर फोर्स नही थी, घटना स्थल काफी दूर था, उस दिन थाने पर 2 दरोगा 4 सिपाही (कांस्टेबल) थे । वही घटना स्थल पर गए। 2 गाड़ी से 1 थाने की, दूसरी डायल 100 की गाड़ी थी, उसी से घायलो को अस्पताल व शवों को लाया गया।ग्रामीण घटना स्थल पर पुलिस को मारने की बात देने लगे ।किसी तरह से शवो को भरकर भेजवाया गया।
वही आगे बताया कि इतने बड़ी घटना में पूरी फोर्स की जरूरत होती है ,जिसमे 8-10दरोगा,सिपाही और प्लाटून पीएसी के जवानों का होना जरूरी है।जबकि उस दौरान थाने में कोई नही था,सबकी ड्यूटी अन्यत्र लगाई गई थी,कोई वाराणसी,इलाहाबाद,लखनऊ तो कोई कही गया हुआ था।नायब दरोगा के इस खुलासे से स्पष्ट है की अगर समय से पुलिस पोर्स की व्यवस्था हो जाती तो इतनी बड़ी घटना को रोका जा सकता था, या फिर समय से फोर्स पहुचती तो लोगो की जान बचाया जा सकता था।

Byte-नायब दरोगा(घोरावल कोतवाली)


चन्द्रकान्त मिश्रा
सोनभद्र
मो0 9450323031
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:13 PM IST
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