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7 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को कोर्ट ने सुनाई 20 वर्ष कैद की सजा

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Published : Apr 3, 2023, 9:03 PM IST

सोनभद्र में सात वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को कोर्ट ने 20 वर्ष कैद की सजा और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. कोर्ट ने वारदात के 4 साल बाद फैसला सुनाया है.

सोनभद्र में रेप के दोषी को सजा
सोनभद्र में रेप के दोषी को सजा

सोनभद्र: अपर सत्र न्यायाधीश व विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने 7 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म करने वाले दोषी को 20 वर्ष कैद की सजा सुनाई है. अपर सत्र न्यायाधीश निहारिका चौहान ने सजा के साथ एक लाख का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड न देने पर दोषी को एक वर्ष और कैद की सजा भुगतनी होगी. कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि जुर्माने की पूरी धनराशि पीड़िता को दी जाए.


अभियोजन पक्ष के अनुसार सोनभद्र के शक्तिनगर थाना क्षेत्र निवासी व्यक्ति ने 1 अप्रैल 2019 को शक्ति नगर थाने में तहरीर देकर बताया था कि उसकी 7 वर्षीय नाबालिग बेटी 1 अप्रैल की दोपहर वासी गांव में किराने की दुकान चलाने वाले राहुल की दुकान पर कुछ सामान लेने गई थी. इस दौरान राहुल ने मौका पाकर नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया. पीड़िता की तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना की.

पुलिस विभाग के विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में राहुल के विरुद्ध आरोप पत्र प्रस्तुत किया. इसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने और गवाहों के बयान के आधार पर दोषी पाकर राहुल को 20 वर्ष कैद और एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि अर्थदंड न देने पर 1 वर्ष अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी. कोर्ट ने यह फैसला घटनाक्रम के चार वर्ष बाद सुनाया है. अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने बहस की.

सोनभद्र: अपर सत्र न्यायाधीश व विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट ने 7 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म करने वाले दोषी को 20 वर्ष कैद की सजा सुनाई है. अपर सत्र न्यायाधीश निहारिका चौहान ने सजा के साथ एक लाख का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड न देने पर दोषी को एक वर्ष और कैद की सजा भुगतनी होगी. कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि जुर्माने की पूरी धनराशि पीड़िता को दी जाए.


अभियोजन पक्ष के अनुसार सोनभद्र के शक्तिनगर थाना क्षेत्र निवासी व्यक्ति ने 1 अप्रैल 2019 को शक्ति नगर थाने में तहरीर देकर बताया था कि उसकी 7 वर्षीय नाबालिग बेटी 1 अप्रैल की दोपहर वासी गांव में किराने की दुकान चलाने वाले राहुल की दुकान पर कुछ सामान लेने गई थी. इस दौरान राहुल ने मौका पाकर नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया. पीड़िता की तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना की.

पुलिस विभाग के विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में राहुल के विरुद्ध आरोप पत्र प्रस्तुत किया. इसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने और गवाहों के बयान के आधार पर दोषी पाकर राहुल को 20 वर्ष कैद और एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि अर्थदंड न देने पर 1 वर्ष अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी. कोर्ट ने यह फैसला घटनाक्रम के चार वर्ष बाद सुनाया है. अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरी, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने बहस की.

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