सोनभद्रः उत्तर प्रदेश सरकार में शिक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करना, कोई नई बात नहीं है, लेकिन इन दावों की हकीकत स्कूलों की हालत देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है. सोनभद्र में कई स्कूल ऐसे हैं, जिन तक पहुंचने के लिए सुगम रास्ते तक नहीं हैं. ऐसा ही एक स्कूल रॉबर्ट्सगंज जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर अमोली ग्राम सभा में स्थित है, जो सरकार के वादो की बानगी पेश करता है. इस स्कूल तक जाने का रास्ता पानी और कीचड़ से भरा पड़ा है. ऐसे में बच्चे और शिक्षक कीचड़ से होकर स्कूल तक पहुंचने के लिए मजबूर हैं.
पांपी प्राथमिक विद्यालय एक ऐसी जगह पर बना है, जहां आने-जाने के लिए कोई रास्ता तक मौजूद नहीं है. यहां बच्चों को मजबूर होकर कच्चे रास्ते से होकर जाना पड़ता है. बरसात के समय में इस रास्ते पर कीचड़ और पानी भर जाता है. कई बार तो बच्चे और अध्यापक इसमें गिर भी जाते हैं. इस बाबत जब बीएसए से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह जानकारी संज्ञान में है और जल्द ही इसका समाधान किया जाएगा.
हालांकि, कोरोना से लंबे अंतराल के बाद स्कूल खुलने से ग्रामीण परिवेश में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों में पढ़ाई को लेकर खासा उत्साह है, लेकिन पांपी गांव के स्कूली बच्चों और अध्यापकों को बीते कई सालों से सड़क न होने की वजह से भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बरसात के समय यह समस्या और गंभीर हो जाती है.
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स्कूल की शिक्षिका ज्योत्सना ने बताया कि बरसात के समय स्कूल के आसपास पूरा पानी भर जाता है, जिससे आने-जाने में बच्चे पानी में गिर जाते हैं. इस रास्ते की समस्या के निराकरण के लिए बीते कई सालों से विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ ग्राम प्रधान को कई बार अवगत कराया गया है, लेकिन वर्ष 2009 में स्कूल निर्माण के बाद से अब तक हालात जस के तस बने हुए हैं.
वहीं, बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिवंश कुमार ने बताया कि इस पूरे मामले की जानकारी हुई है और अगली बरसात के सीजन के पहले ही इस समस्या का निदान करा दिया जाएगा.
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